शकुन सक्सेना
@shakun
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शकुन सक्सेना wrote a new post, बदलते रहते हैं ज़ुबा लोग पल दो पल में कई बार 6 days, 21 hours ago
बदलते रहते हैं ज़ुबा लोग पल दो पल में कई बार,
मगर एक चेहरा बदलने में मुकम्मल वक्त लगता है,
छुपाने से छिप जाते हैं राज़ सिरहाने में कई बार,
मगर झूठ से पर्दे उठ जाने में ज़रा सा वक्त लगता है॥– राही (अंजाना)
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शकुन सक्सेना wrote a new post, किनारे पर भी रहूँ तो लहर डुबाने को आ जाती है, 1 week ago
किनारे पर भी रहूँ तो लहर डुबाने को आ जाती है,
बीच समन्दर में जाने का हौंसला हर बार तोड़ जाती है,
दिखाने को बढ़ता हूँ जब भी तैरने का हुनर,
समन्दर की फिर एक लहर मुझे पीछे हटा जाती है,
अनजान है वो लहर एक […]
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शकुन सक्सेना wrote a new post, वो परछाईं सा साथ चलता रहा है 1 week ago
वो परछाईं सा साथ चलता रहा है,
कभी दिखता तो कभी छिपता रहा है,
दिन के उजाले की शायद समझ है उसको,
तभी अंधेरे में ही अक्सर मिलता रहा है,
कभी चाँद सा घटता तो कभी बढ़ता रहा है,
हर हाल में वो मुझसे रुख करता र […] -
शकुन सक्सेना wrote a new post, बचपन से ही जीवन के रंग में, 1 week, 2 days ago
बचपन से ही जीवन के रंग में,
मैं धीरे धीरे ढ़ल लेती थी,छोटे छोटे पैरों से अक्सर,
मैं खुद अपने दम पर चल लेती थी,रिश्तों की एक मोटी चादर को,
मैं साँझ सवेरे बुन लेती थी,अपने सम्बंधों की माला में,
मैं फ […] -
शकुन सक्सेना wrote a new post, जो करता रहा इंतज़ार पल पल, 1 week, 2 days ago
जो करता रहा इंतज़ार पल पल,
आज हर पल का वो हिसाब माँगता है,
दिल के रिश्तों की कीमत और प्यार का खिताब माँगता हैं,
कितना बदल गया है वो,
हर बात पर अब ईनाम माँगता है,
तरसता था मिलने को हर दिन कभी, आज वही हर दिन […] -
शकुन सक्सेना wrote a new post, आसमान में पतंग, यारों का कोई यार नहीं दिखता 1 week, 2 days ago
आसमान में पतंग, यारों का कोई यार नहीं दिखता,
आज के रिश्तों में वो गहरा कोई प्यार नहीं दिखता,
मिलते हैं ख़्वाबों में आकर चेहरे अंजाने अक्सर,
मगर हकीकत में चेहरा कोई क्यों साफ़ नहीं दिखता।।
राही (अंजाना)
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शकुन सक्सेना wrote a new post, चुप्पियाँ कहती हैं कितना बोलता हूँ मैं 1 week, 2 days ago
चुप्पियाँ कहती हैं कितना बोलता हूँ मैं,
सपने कहते है कितना जागता हूँ मैं,
रास्ते कहते हैं कितना ठहरता हूँ मैं,
लम्हें कहते हैं कितना सिमटता हूँ मैं,
चादर कहती है कितना लिपटता हूँ मैं,
हथेली कहती है कितना ब […] -
शकुन सक्सेना commented on the post, मुक्तक 1 week, 2 days ago
सही है
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शकुन सक्सेना commented on the post, अँधेरे और रौशनी के बीच का फर्क मिटाना चाहती हूँ 1 week, 3 days ago
Thank you
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शकुन सक्सेना wrote a new post, अँधेरे और रौशनी के बीच का फर्क मिटाना चाहती हूँ 2 weeks ago
अँधेरे और रौशनी के बीच का फर्क मिटाना चाहती हूँ,
माँ की कोख से निकल बाहर मैं आना चाहती हूँ,
जो समझते है बोझ मैं उनको जगाना चाहती हूँ,
कन्धे से कन्धा मिलाकर अब दिखाना चाहती हूँ,
खड़ी हैं दीवारें जो […]
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शकुन सक्सेना wrote a new post, तेरी आँखों के बिस्तर पर अपने प्यार की चादर बिछा दूँ क्या? 2 weeks ago
तेरी आँखों के बिस्तर पर अपने प्यार की चादर बिछा दूँ क्या?
तेरे ख़्वाबों के तकिये के सिरहाने मैं सर टिका लूँ क्या?
कर दूँ मैं मेरे दिल के जज़्बात तेरे नाम सारे,
दे इजाज़त के तेरी आँखों से मेरी आँखें मिला लूँ क्या? […] -
शकुन सक्सेना commented on the post, खुद ही से खुद ही के परिचय की तलाश में 2 weeks ago
Thank you
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शकुन सक्सेना commented on the post, खुद ही से खुद ही के परिचय की तलाश में 2 weeks ago
Thanks
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शकुन सक्सेना commented on the post, परिंदे 2 weeks, 1 day ago
Thank you
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शकुन सक्सेना commented on the post, परिंदे 2 weeks, 1 day ago
Thank you
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Deepika Singh and
शकुन सक्सेना are now friends 2 weeks, 1 day ago
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शकुन सक्सेना commented on the post, परिंदे 2 weeks, 3 days ago
Thank you
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शकुन सक्सेना wrote a new post, परिंदे 2 weeks, 3 days ago
बन्द पिंजरे से उड़ जाने का अरमान लिए बैठे हैं,
कुछ परिंदे अपनी आँखों में आसमान लिए बैठे हैं,
बनाये थे जो कभी रिश्ते इस ज़ालिम ज़माने से,
आज उसी की बनाई सलाखों में नाकाम हुए बैठे हैं।।
– राही (अंजाना)
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शकुन सक्सेना wrote a new post, खुद ही से खुद ही के परिचय की तलाश में 2 weeks, 3 days ago
खुद ही से खुद ही के परिचय की तलाश में,
लोग भटकते हैं दरबदर कस्तूरी की तलाश में,
यूँ तो तय हैं सभी किरदार कहानी के मगर,
हर मोड़ पर बदलते हैं चेहरे नए चेहरे की तलाश में।।
– राही (अंजाना)
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शकुन सक्सेना posted a new activity comment 2 weeks, 4 days ago
Sahi kha
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Nice