भीतर शमशाद है
बाहर विषाद है भीतर शमशाद है । अंतर्मुखी हो जाओ आली फिर देखो प्रसाद हीं प्रसाद है।।
बाहर विषाद है भीतर शमशाद है । अंतर्मुखी हो जाओ आली फिर देखो प्रसाद हीं प्रसाद है।।
घबरा जाती हूं, विवादों से, व्यथित हो उठता है मन,। शांत हो पाती हूं एकान्त से, करती हूं दूर ऐसे टेंशन ।
वो रात भर खांसती! चिल्लाती! घबराती! फड़फड़ाती! भुखी-प्यासी, आंसू बहाती, अकेली तड़पती, चलीं गईं! छोड़ सांस , वो चली गई। मगर बेटे बड़े संस्कारी! ऐसे…
बहुत झगड़े हम रात भर दिल से अपने , मगर बदनामी करे, मनमानी करे, दिल मेरा , तुम्हारी ही गुलामी करें , आखिर आना ही…
अभी भी उम्मीद बाकी है, अभी मेरी सांसों में सांस बाकी है। कुछ छूने की ऊंचाईयां, कुछ पाने की इच्छा अभी मेरे सपनों में जान…
पढ़ लेते हैं पन्ने जिंदगी के, जब हंसना हो या रोना हो। अब भी उसी तरह दिखते हैं , वो बदलते ही नहीं , बीते…
सावन की बहार है कविताओं की बौछार है। कवियों और कवयत्रियों का पावन ये परिवार है।।
नव – प्रभात है बीती निशा , जागो कोई कर रहा प्रतीक्षा । धूप खिली है, सब पंछी भी उठ गए, अब रैन कहां जो…
होंठों की मुस्कान है बेटी सबके घर की शान है बेटी बेटा तो है कुल का दीपक दो कुल का अभिमान है बेटी..
यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ नकाब ही नकाब है। यह कैसा मातम आज शायरो पे आया है।। ना नज्म है ना ग़ज़ल है ना नातशरीफ है।…
कितना समझें तुमको , यह तुम ही बता दो, एक ही सवाल है तुझसे जिन्दगी, तू क्या है? और क्यों है ? बता दो ,…
” गीता” इस संसार में, दो तरह के लोग, परवाह नहीं इस भयंकर रोग की, भागे फिरते रोज़ । दूजे वाले डरकर रहते, घर से…
दिन रात घर घर की यही कहानी है। सास बहू के झगड़े युग युगांतर पुरानी है।। सास की कड़वी – बोली मैं तुमसे कम नहीं…
बड़े शहर की जिंदगी को छोड़ , अब छोटे शहर की जिंदगी को, जीकर देख रहे हैं यहां भी लोग हैं; वहां भी लोग थे,…
खुदा ने पत्थर को वनडोल बनाया। दम है उस जौहरी में जो अनमोल बनाया।।
मीच के आँखें रोते -रोते खोज रहा हूँ होकर मौन। मुझको रुलानेवाला जग में छुपकर बैठा आखिर कौन? नजर भला वो आए कैसे घर में…
पाकर सब नदियों का पानी सागर को खूब मचलते देखा। पत्थर के कलेजे रखनेवाले हिमालय को पिघलते देखा।। गम्भीर बड़ा आकाश मगर हमने उसको भी…
आओ थाली बजाते हैं! गरीबी का मुंह दिखाने वाली, बेरोजगारी के लिए , आओ ताली बजाते हैं! देश की कमर तोड़ने वाली मरी हुई अर्थव्यवस्था…
शोर भीतर भी है। शोर बाहर भी है । ये ऐसा मंथन हैं। जो चलता रहता है। गुंजता रहता है। हम शांत नहीं कर पाते।…
लाखों की डिग्री लेकर, खोज सके न वैक्सीन| कवि खोज दिए कलम से अपने, कोरेना का ऐतिहासिक सीन| नेता की नियत बताएं, डॉक्टर मिल करते…
मां ने जब रोटियां बनाना सिखाया , मुझे कुछ समझ ना आया , कभी रोटियां जली तो कभी हाथ, फिर सीख ही गई मैं, रोटियां…
माँ ही है संतान मोह में, सबसे से लड़ जाती है| जिसकी माँ खुद जज वकिल बने, उन बच्चों की हार नहीं हो सकती है|…
कुंदन सी निखर गई, टूटे मोती सी बिखर गई। अंतर्मुखी सब कहने लगे, सबका कहना सह गई मैं, जल – धारा सी बह गई मैं…
उम्मीद की लौ रोशन रहे, ये जीवन जीने की चाह कहे। ना हो कभी ना उम्मीद मनुज, अवसाद की पीड़ा भी ना सहे।
मेरी शिक्षक मेरी मां ही तो है , सिखाया उसने चलना , बोलना और पढ़ना -लिखना। अर्थ न जाने कितने समझाएं । पूछो कितनी ही…
मान हैं सम्मान हैं देश की जान हैं। आम नहीं खास नहीं राष्ट्र निर्माता हैं शिक्षक। नाक से नेटा टपक रहा था। आंसू का कतरा…
दिखावे का मायाजाल बड़ा भयंकर, जो फंस जाएं निकल ना पाए, फिर उचित ,अनुचित सब परे-सा, अलग-अलग हाथी के दन्तों -सा।
विश्वास में विष भी है, और आस भी है। धोखा मिले या घात,ये तो अपने नसीब की बात है
क्यों कुछ कहते नहीं, सब गूंगे बहरे बैठे हैं , सबके भीतर जलती है आग, फिर क्यों खामोश बैठे हैं, खो दिया है सम्मान को…
नारी तुम पर कविता लिखने को वर्णांका असफल है मेरी तुम तो जीवन की जननी हो सब कुछ तो तुम ही हो मेरी। माँ बनकर…
ओढ़ लो छतरी भरी बरसात है, आंसुओं से भीग जाओगे कहीं। मेघ अब भी हैं घुमड़ते वक्ष पर इसलिए छतरी बिना आओ नहीं।
हम काटते ही नहीं , बुराइयों की जड़ें, पालते हैं ,पोषते हैं , कभी इच्छाओं के लोभ से, कभी रूपयों की चाह से, जब लगता…
वो मेरा बहुत ख्याल रखता , मुझे भले-बुरे की पहचान कराता, जब भी संकट आता ,मुझे बचाता, मगर उससे ज्यादा , मैंने दूसरों से प्यार…
हमने ज़माने से पूछा मैं बदनामी का बहुत बड़ा धब्बा हूँ क्या आपके शहर में पनाह मिलेगा मैं उम्मीद की कश्ती पे सेहरा बांध के…
छोंड़कर बातें पुरानी कविता किया करो। सपनों में नहीं हकीकत में जिया करो। तोड़ दे दिल कोई तो खैर तुम उसकी मनाओ दिल के लिए…
तोड़ दो पत्थर उठा कर कांच का दिल तुम हमारा ना रहेगा दिल न होगा दिल्लगी का भी सहारा।
बादशाह बनने के लिए, कितने झूठ बोलोगे| जमाना आपका भक्त होगा, पर मेरी कलम की धार से रोओगे| ✍✍✍✍✍✍✍✍✍ मेरी कमी बताने का कष्ट करें
जब जब मैं कलम उठाना चाहा हसीन शेर लिखने के लिए उसने कहा लगता है मैं हो जाउंगी बदनाम शायद तुम्हारे लिए मैं चाह के…
बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू व सुर्ती छीन लेंगे तेरी सारी फुर्ती, छोड़ दे तू सहारा नशे का, इस नशे से बुरा भी न देखा।
मुझे समझने की कोशिश मत करना, मैं उलझा-सा कोई जाल हूं, जितना सुलझाओंगे , उतना ही उलझ जाओगे अगर सुलझा लिया तो, फिर खुद को…
ये राजनीति बड़ा ही मीठा जहर, मानवता पर बड़ा ढहाती कहर , होते दंगे ,बिखर जाती लाशें, फिर मिडिया हमारी, दिखाती दलाली, हाए! हिन्दू मर…
पत्थर का दिल कभी पिघलता नहीं इसलिए तो इसमें गुमान भी नहीं होता। तभी तो इसकी पूजा होती, हर घर में नित सम्मान हीं होता।।
युग युग से तू ,आंसू बहाती आई पुरुष के अधीन तू, सदा रहती आई अपने घर, अपने बच्चो के लिए युग युग से तू ,मर…
कब से तुम्हारी राह में नजरें बिछाए बैठे हैं। चले भी आओ कि महफिल सजाए बैठे हैं।।
मैं सैनिक हूं, मैं देश को संभालता हूं, हर रोज मृत्यु को मारता हूं, मैं मौत से नहीं डरता हूं, मौत को तो मुठ्ठी में लेकर…
शैतान की नानी, बन्दर-सी शैतानी, जादू की पुड़िया, सोने की गुड़िया, परियों सी रवानी, प्रेम की निशानी, बालों को नोचे, कान को खींचे, शरारतें उसकी…
चार दिन की जिंदगी है चैन से जीना है, बीड़ी-सिगरेट जहर हैं इन्हें नहीं पीना है।
ए दोस्त सोचो,अगर राह में रोड़े न होते। जीवन के परिभाषा, हम कैसे समझ पाते।। यही रोड़े सभी को जीवन धारा बदल दिया। वरना संसार…
यदि नारी से निर्माण हुआ है नया संसार। फिर क्यों नारी पे हुआ घोर अत्याचार।। हम कहते है नारी होती है ममता के सागर। फिर…
शब्दों की सीमा लांघते शिशुपालो को, कृष्ण का सुदर्शन दिखलाने आया हूं, मैं देश दिखाने आया हूं।। नारी को अबला समझने वालों को, मां…
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