बहुत अमीर है जिन्दगी
बहुत अमीर है जिन्दगी, लफ़्जो को सलीके से, बिठाने में वक्त बिताया करती, गर्मी में सर्दी, सर्दी में गर्मी, यूँ विपरीत परिस्थतियों को, मात देते…
बहुत अमीर है जिन्दगी, लफ़्जो को सलीके से, बिठाने में वक्त बिताया करती, गर्मी में सर्दी, सर्दी में गर्मी, यूँ विपरीत परिस्थतियों को, मात देते…
देखो धरा की आहें , मेघ बन नभ पर छायी है, कब पीर नीर बन बरस जाए, घनघोर घटा छायी है, रिमझिम करती बरखा रानी,…
जीवन धारा यूँ डूब जाता मन, क्षितिज के उस पार, ज्यूँ होता विवश दिनकर, डूबने को बार-बार, ज्यूँ पखारती चाँदनी, तम के घनघोर केश, ऐसे…
चलते-चलते हम साथ हो लिए, तुम मिले एक साँस हो लिए, ज़ज्बातों को पी लिए और, रस्मो को साथ ले लिए,तुम मिले, शर्म औ हया…
चलते-चलते हम साथ हो लिए, तुम मिले एक साँस हो लिए, ज़ज्बातों को पी लिए और, रस्मो को साथ ले लिए,तुम मिले, शर्म औ हया…
चलते-चलते हम साथ हो लिए, तुम मिले एक साँस हो लिए, ज़ज्बातों को पी लिए और, रस्मो को साथ ले लिए,तुम मिले, शर्म औ हया…
जिंदगी की होड़ में कहीं, गुम गया इंसान, कभी जमीं को खोदता, तो पाताल की सोचता, फिर आसमाँ को रौंदता, चाँद-तारे नक्षत्रों में खुद को…
अरमानों के पंख लगा मैं, नभ- तल में जो विचर रही, क्या तुम उसका प्रतिफल हो, प्रेम पाश में बाँध रहे क्या, प्रणय का मूक…
एक टीस सी है उठती, जिगर में सुलगती, न बुझती, न जलती, जैसे कोई चिंगारी, तिनके की आस में, हो हवा की तलाश में ।…
नीर बन जो बह रही धरा पर, थी वह पर्वत की शिरमौर्य कभी, आज तपन बाधाएँ निज पग में, सह रही जो,था उसके जीवन में,…
ढ़ूँढ रही मैं बावरी, अपने हिस्से का, स्वर्णिम आकाश, टिम-टिम करते तारे, हाय! सुख-दुख के, बन गए पर्याय , तम घनेरा ऐसे , छाय जैसे…
पल-पल, छिन्न-भिन्न टूट रहा भ्रम , अपनी छाया ढूँढ़ रहा मन, अब तक निज पद- चापो में, तेरी छाया देख रही थी, स्व अरमानों…
पल-पल, छिन्न-भिन्न टूट रहा भ्रम , अपनी छाया ढूँढ़ रहा मन, अब तक निज पद- चापो में, तेरी छाया देख रही थी, स्व अरमानों की…
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