इश्तेहार
खबरें खुलकर बेशुमार हर रोज़ इश्तेहार में डालते हैं, दिलओ दिमाग के किस्से बेगुनाह बाज़ार में डालते हैं, मार पीट गैंग रेप मडर मदर-फादर को…
खबरें खुलकर बेशुमार हर रोज़ इश्तेहार में डालते हैं, दिलओ दिमाग के किस्से बेगुनाह बाज़ार में डालते हैं, मार पीट गैंग रेप मडर मदर-फादर को…
पहले खयाल ए ख्वाब भी आस-पास न थे, आज तुमसे मिलके ज़िन्दगी ख्वाब हो गई है॥ चन्द जवाब थे मगर सवाल आस-पास न थे, आज…
हक जताना है तो जीते जी जता लो मुझ पर, मर गया तो उसी पल से मेरे हकदार बहुत होंगे।। राही अंजाना
जो सब लोग की कहन है कहन कर रहा हूँ मैं, किसी को क्या पता कितने जतन कर रहा हूँ मैं, बड़ा छोटा सबका तो…
गुनाह तो कोई बहुत बड़ा कर रहा हूँ मैं, सबकी नज़रों से होकर गुज़र रहा हूँ मैं, राही अंजाना
चाँद पर लगाया है झूला देख न जल जाये कोई, मुझे देखा देख कहीं घर से न निकल जाये कोई, ये बादलों की चादर ये…
हम सबके हिस्से में अपने हक़ की ज़मीन क्यों नहीं, अब जो कुछ है यही है इसबात पर यकीन क्यों नहीं, रिश्ते उलझे हैं इस…
आवाज़ बहुत देर तलक थी लगाई पर क़ोई बोला नहीं, कानों में किसी के भी मैंने शब्द मीठा कोई घोला नहीं, एक परिंदा भी था…
रौशनी बहुत है मेरे यार तारे नहीं दिखेंगे, गरीबों के माथे पे लिखे नारे नहीं दिखेंगे, बचा लो इस घर को अभी ज़िंदा हो तुम,…
ज़िन्दगी भी कैसे साँसे तलाश करती है, मौत की आहोश में बाहें तलाश करती है, यूँहीं बंध कर रहने वाली धकड़न मेरी, अक्सर आहें तलाश…
कोई तो कहानी है अधूरी जो लिखनी बाकी है, चन्द पन्नों की किताब आज भी बिकनी बाकी है।। राही अंजाना
न जाने किसने ये उसूल बना रक्खे हैं, मैं कहता हूँ सारे फ़िज़ूल बना रक्खे हैं।। राही अंजाना
कोई तो कहानी है अधूरी जो लिखनी बाकी है, चन्द पन्नों की किताब आज भी बिकनी बाकी है,
बन्द कर लो बेशक ऑंखें मर्ज़ी तुम्हारी सही, तुम्हारी आँखों से मुतासिर आँखें हमारी सही।। राही अंजाना मुतासिर – प्रभावित
बात इस दिल की दिल में रख लो तो अच्छा लगे, सपनों में ही सही मुलाकात रखलो तो अच्छा लगे, देखकर तुमको मैं ज्ञानी गूढ़…
गलतफहमियों की कितनी और किश्तें बाकी रह गईं, इंसानों की कितनी और देखनी किस्में बाकी रह गईं।। नज़र-नज़ारे दिल-दिमाग और जुदाई सबपे लिखा मैंने, कहना…
खबर मिली है के सबको ही ज़रा खबरदार रहना है, अपनों को अपनों से ही सम्भलकर मेरे यार रहना है, करली बहुत सी बेवकूफियां तुमने…
सोये हुए मेरे अरमानों को उठाने आया था कोई, कल रात मुझको चुपके से जगाने आया था कोई, के एक उम्र बीत गई थी अँधेरी…
इंसान ही नहीं परिंदे भी नाराज़ लगते हैं, सच के पीछे छिपे हमेशा राज़ लगते हैं, राही अंजाना
एक दूजे से मिलने की अनोखी आरज़ू रखते हैं, चराग हवाओं से लिपटकर भी आबरू रखते हैं, ब मुश्किल कुछ पल की मुलाकात के खातिर,…
धड़कन को दिल में रहने का हर्जाना चाहिए, महबूब को संग रखने का जुर्माना चाहिए।। राही अंजाना
कहीं से कहीं तलक कोई और नज़र आता नहीं, बचपन में खेल के सिवाये कोई और भाता नहीं, कहाँ से शुरू और कहाँ पर खत्म…
मैं दिन नहीं रात में आऊंगा, ख़्वाब हूँ ख़्वाब में आऊंगा, न देखो मुझे इस कदर यारों, जो आऊंगा रुवाब में आऊंगा,
चाहें जहाँ भी छुपना चाहा हर बार पकड़ा गया, रास्ता साफ दिखने वाला भी अक्सर पथरा गया, बड़े प्यार से काम पर काम निकलता रहा…
जहाँ तलक नज़र आता है कहर है, बाढ़ में डूबा हुआ ये जिन्दा शहर है, सिसकियाँ हैं कहीं तो दबी सुनो तो, किस किसने पिया…
इतनी भीड़ में भी न जाने कैसे यहाँ सुकूँ मिलता है, एक दूजे को देख ही लोगों का जहाँ पे खूं जलता है, डरते हैं…
किसी के पीछे नहीं घर से अकेला निकल आया हूँ मैं, लोग कहने लगे के डर के अकेला निकल आया हूँ मैं, वो कैसे देखेंगें…
जो नज़र आया मुझे तो उस आरिश में खो जाऊंगा, होजाये गर जो बारिश तो उस बारिश में सो जाऊंगा, लगे हैं लोग रास्ता भटकाने…
अपनी ही बनाई कैद से रिहाई हो न पाई, दिल की धड़कन से ही जुदाई हो न पाई, तरसती रहीं मेरी आँखें देखने को उसको,…
मन के दरवाजे में हजार चहरे छुपाये बैठ गया, ढूढ़ न ले कोई मुझे बहार पहरे लगाये बैठ गया, नज़रें मिलाईं कभी नज़रें बचाई उस…
कलम की ताकत का एहसास करता है शिक्षक, कमजोर बच्चों में भी उत्साह जगाता है शिक्षक, जो भटक जाये कोई तो राह दिखाता है शिक्षक,…
आज कल बेरोजगारों की कहाँ मेरे यार सुनती है, उल्टी सीधी जैसी भी हो जनता सरकार चुनती है, कानों पे जूं भी नहीं रेंगती चाहे…
पहले तुम्हें पाने को दिन-रात जागा करता था, आज तुम्हें पाकर भी कब से सोया नहीं हूँ मैं।। राही अंजाना
किसी को दिन तो किसी को रात कुबूल है, मेरे महबूब् की सुनो हमें हर बात कुबूल है, जीतने का शौक तो हारने का खौफ…
जब भी मनमोहन, श्याम सलोना, बंशीधर मुरली बजाने लगा, ह्रदय तल के धरातल पे वो प्रेम की ज्योति जलाने लगा, कभी गैयों और ग्वालों का…
सोये हुए मेरे अरमानों को उठाने आया था कोई, कल रात मुझको चुपके से जगाने आया था कोई, के एक उम्र बीत गई थी अँधेरी…
खबर मिली है के सबको ही ज़रा खबरदार रहना है, अपनों को अपनों से ही सम्भलकर मेरे यार रहना है, करली बहुत सी बेवकूफियां तुमने…
बात इस दिल की दिल में रख लो तो अच्छा लगे, सपनों में ही सही मुलाकात रखलो तो अच्छा लगे, देखकर तुमको मैं ज्ञानी गूढ़…
उम्मीदों का ठेला लेकर रोज निकल जाता है कोई, कागज़ कोरे जेब में लेकर रोज निकल जाता है कोई।। कलम कीमती है कितनी ये भटक…
गलतफहमियों की कितनी और किश्तें बाकी रह गईं, इंसानों की कितनी और देखनी किस्में बाकी रह गईं।। नज़र-नज़ारे दिल-दिमाग और जुदाई सबपे लिखा मैंने, कहना…
बन्द कर लो बेशक ऑंखें मर्ज़ी तुम्हारी सही, तुम्हारी आँखों से मुतासिर आँखें हमारी सही।। राही अंजाना मुतासिर – प्रभावित
जितना सुलझाती है उतना ही उलझाती है मुझको, उधेड़कर पहले खुद सिलना सिखलाती है मुझको, खोलकर दिल को जोड़ने में माहिर बताने वाली वो, सच…
सात सुरों के संगम का एक जैसा सबको, रियाज़ कराया जाता है, फिर आपस में ही एक दूजे में क्यों सबको, इम्तियाज़ बताया जाता है,…
समन्दर के कभी दो किनारे नहीं मिलते, हमसे तो आकर ही हमारे नहीं मिलते, बात ये है के विचारधारायें भिन्न हैं सभीकी, तभी तो ढूढे…
बहुत दिनों के बाद नई तस्वीर बनाने बैठा हूँ, मुझसे रूठी थी जो मेरी तकदीर बनाने बैठा हूँ, इल्जामों की सबने जो फहरिस्त लगाई है…
जो छूले मन कोई मेरा मुझे अभिमान हो जाये, क्या होती है हृदय धड़कन मुझे भी ज्ञान हो जाये, किसीकी बात सुनकर मैं भटक जाऊँ…
दिलों को सिलने वाला कारीगर ढूंढ निकाला, हार कर जितने वाला बाज़ीगर ढूंढ निकाला,
होश में रहने वाले ही अक्सर बेहोश निकले, बिना पिए ही पीने वालों से मदहोश निकले, बोलने वालों की भीड़ का जायज़ा किया हमने, न…
एक मासूम सी ज़िन्दगी को यूँ दगा दे गई, उड़ाकर खुशियाँ सारी गमों को सजा दे गई, कहते हैं जो मरहम लगाने आई थी वो…
सच और झूठ के माईने बदल गए, ऐसा हुआ क्या के आईने बदल गए, साध के बनाई जब हाथों की लकीरें, तो राहों में लोग…
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