साँसे

ज़िन्दगी भी कैसे साँसे तलाश करती है, मौत की आहोश में बाहें तलाश करती है, यूँहीं बंध कर रहने वाली धकड़न मेरी, अक्सर आहें तलाश…

नग्में

गलतफहमियों की कितनी और किश्तें बाकी रह गईं, इंसानों की कितनी और देखनी किस्में बाकी रह गईं।। नज़र-नज़ारे दिल-दिमाग और जुदाई सबपे लिखा मैंने, कहना…

आरज़ू

एक दूजे से मिलने की अनोखी आरज़ू रखते हैं, चराग हवाओं से लिपटकर भी आबरू रखते हैं, ब मुश्किल कुछ पल की मुलाकात के खातिर,…

सरकार

आज कल बेरोजगारों की कहाँ मेरे यार सुनती है, उल्टी सीधी जैसी भी हो जनता सरकार चुनती है, कानों पे जूं भी नहीं रेंगती चाहे…

बशीधर

जब भी मनमोहन, श्याम सलोना, बंशीधर मुरली बजाने लगा, ह्रदय तल के धरातल पे वो प्रेम की ज्योति जलाने लगा, कभी गैयों और ग्वालों का…

सरकार

खबर मिली है के सबको ही ज़रा खबरदार रहना है, अपनों को अपनों से ही सम्भलकर मेरे यार रहना है, करली बहुत सी बेवकूफियां तुमने…

आँखे

बन्द कर लो बेशक ऑंखें मर्ज़ी तुम्हारी सही, तुम्हारी आँखों से मुतासिर आँखें हमारी सही।। राही अंजाना मुतासिर – प्रभावित

माहिर

जितना सुलझाती है उतना ही उलझाती है मुझको, उधेड़कर पहले खुद सिलना सिखलाती है मुझको, खोलकर दिल को जोड़ने में माहिर बताने वाली वो, सच…

रियाज़

सात सुरों के संगम का एक जैसा सबको, रियाज़ कराया जाता है, फिर आपस में ही एक दूजे में क्यों सबको, इम्तियाज़ बताया जाता है,…

सहारे

समन्दर के कभी दो किनारे नहीं मिलते, हमसे तो आकर ही हमारे नहीं मिलते, बात ये है के विचारधारायें भिन्न हैं सभीकी, तभी तो ढूढे…

मदहोश

होश में रहने वाले ही अक्सर बेहोश निकले, बिना पिए ही पीने वालों से मदहोश निकले, बोलने वालों की भीड़ का जायज़ा किया हमने, न…

पता

एक मासूम सी ज़िन्दगी को यूँ दगा दे गई, उड़ाकर खुशियाँ सारी गमों को सजा दे गई, कहते हैं जो मरहम लगाने आई थी वो…

New Report

Close