कण कण
पृथ्वी के कण कण में हमको जिसकी रचना दिखती है, उसको पाने में क्यों हमको फिर हरदम अड़चन दिखती है।। राही अंजाना
पृथ्वी के कण कण में हमको जिसकी रचना दिखती है, उसको पाने में क्यों हमको फिर हरदम अड़चन दिखती है।। राही अंजाना
रहने को बहुत बड़ा है लेकिन रहने में क्यों डर लगता है एक अपने ही घर में क्यों बोलो, तुमको सब कुछ खलता है। कहने…
रहने को बहुत बड़ा है लेकिन रहने में क्यों डर लगता है अपने ही घर में क्यों बेटी भला तेरा ये मन खलता है। कहने…
बीती रात कमल दल फूले, हम उनके सपनों में फूले, उनकी रंग भरी बातों में, हम भूली बिसरी यादें भूले, आँख खुली तब हमने देखा,…
खोया हूँ मगर ज़रूरी नहीं के तलाशा जाऊँ मैं, हुनर के पैमाने पर बारीकी से तराशा जाऊँ मैं।। राही अंजाना
जंग लड़ी थी गहरे जख्म पुराने थे, रंग लगे थे चेहरे पे गरम छुड़ाने थे, घाव लगे थे दिल पर सब बेमाने थे, महबूबा के…
धरती बिछा कर आस्मां ओढ़ कर सो जाते हैं, ये गरीब हैं अपना रस्ता छोड़ कर सो जाते हैं, मिलती नहीं जो रौशनी की किरण…
है कौन जो तुम्हारी यहां फिकर कर रहा है, हर लम्हा जो एक तुम्हारा जिकर कर रहा है, हर एक कश के साथ जो जला…
मिल जाए जो गर कहीं तो सही रास्ता ढूंढिए, इस दुनियां में किसी से तो कोई वास्ता ढूंढिए।। राही अंजाना
वो मुझसे छीन कर मेरा परिंदा ले गई, मैं मर गया जब वो मुझे ज़िंदा ले गई, Rahi Anjana
निकल कर घोंसले से आ मुलाकात कर ले, मिलने की कहीं से तो आ शुरूवात कर ले, ढूंढते – ढूंढते थक हार कर बैठ गए…
वो मेरे दिल ओ ज़िगर का अरहान लगता है, पास होता है जब वो तो बस आराम लगता है, कितना मुश्किल है एक और एक…
कमरा तो कोई दिखता नहीं इस दिल में मगर, हम फिर भी मेहमाँ कई इसमें बिठाये फिरते हैं, क्यों देखने पर भी कुछ नज़र नहीं…
जिसको रहना हो वो मेरे आस – पास रहे, जिंदगी में कोई तो हो जो सबसे ख़ास रहे, ऐसा न हो के सब हँसते रह…
राज़ ए दिल को दिल में छुपाने से क्या फायदा, बात दिल की दिल में ही दबाने से क्या फायदा, मोहब्बत की राहों में यूँ…
रौशन आज मिलकर सब अपने घर कर लेंगे, और मासूम परिंदे अपने भीतर पर कर लेंगे, पूरा आसमां जगमगाऐगा बिना तारों के ऐसे, के सितारे…
जिंदगी एक पहेली है तो सुलझाओ न तुम, मैं पहले ही उलझा हूँ और न उलझाओ तुम, हर कदम पर जानता हूँ अनसुलझे सवाल हैं,…
दिन और रात के मायने बदल देता है, इश्क में इंसा सारे आईने बदल देता है।। राही अंजाना
अब लोगों में वो पहले जैसी बात कहाँ है, दिल है पर वो पहले जैसे जज़्बात कहाँ है, आखिर है कौन यहाँ जो गुनेहगार नहीं…
आखिर कौन किसको देखने छत पर आया करता है, चाँद इस ज़मीं पे या उस आसमान पे छाया करता है, इंतज़ार कौन और किसका बड़ी…
उसका मेरे दिल में आना आसां लगता है, उसका मेरे दिल से जाना झांसा लगता है, ………… राही अंजाना
मेंहमाँ हैं तेरे दर पे इस कदर सारी अर्ज़ियाँ मेरी इक तेरी इज़ाज़त पे कबूल होती हैं मर्ज़ियाँ मेरी।। राही अंजाना
के तेरे दर पे मैं खुल कर के सब कुछ अर्ज़ करता हूँ, तुझको पाने की खातिर मैं खुद को यूँ खर्च करता हूँ, गर…
दिल और दिमाग के बीच सन्तुलन बैठाना मुश्किल था, पहली बार देखा था उसे अमलन छुपाना मुश्किल था, अकेले ही काटी थी यूँही राहों पर…
आसुओं के पानी से जितना धुलता जाता हूँ मैं, लोग जितना रुलाते हैं उतना खुलता जाता हूँ मैं, देखने में सबको बेशक बड़ा नज़र आता…
मतभेदों की महफ़िल में मनभेदों का खुलासा हो गया, अच्छाखासा मुस्कुराता हुआ मेरा दिल रुहासा हो गया।। राही अंजाना
जिसको रहना हो वो मेरे आस – पास रहे, जिंदगी में कोई तो हो जो सबसे ख़ास रहे, ऐसा न हो के सब हँसते रह…
कौन कह रहा है समन्दर में राज़ नहीं होते, ज़मी पर रहने वालों के सर ताज नहीं होते, पहन लेते हैं आज वो जो जैसा…
मैंने सोंचा न था के वो इस कदर बदल जायेगा, पानी पर लिखा हुआ उसका नाम जल जायेगा, मैं बनाता ही रह जाऊंगा तरह –…
कुछ ऐसा न करो के कोई तुम्हारी गवाही न दे, आँखों की सलाखों में रखे पर तुम्हें रिहाई न दे, जो भी कहना है उसे…
तुमको सुलाने की खातर कितनी रात मेरी काली रही, मुझे ठीक से याद नहीं के देखकर तुम्हें बेखयाली रही, बातें करती रहीं तुम मुझसे यूँही…
मुझको यूँ कुचलने पर तुम्हें वो समन्दर नहीं मिलेगा, तुम्हारी आँखों को जो चाहोगे वो मंज़र नहीं मिलेगा, बड़ी बेरहमी से मुझे रास्तों पर छोड़कर…
गुनाह तो कोई ज़रूर बहुत ही बड़ा कर रहा हूँ मैं, सबकी नज़रों से होकर पल- पल गुज़र रहा हूँ मैं, रास्ते ठहरे हैं मगर…
जलाकर रख दिए ख़त मगर यादों को अग्नि दगा दे गई, मुट्ठी में दबाकर रखी थी मगर खुशबू को हवा उड़ा ले गई, बेबाक यूँही…
जिनको देनी हैं वो हमको दुआयें देंगे, बेवफाई के बदले भी हमको वफायें देंगे, हम गुनाह कुबूल कर बैठेंगे उनके आगे, पर वो जब भी…
न चाह कर भी बहुत कुछ कह जाना पड़ता है, हो रूठना तो पहले किसी को मनाना पड़ता है, मुस्कुराते सबको नज़र आते हैं क्या…
जिनके एक आवाहन पर सबने अपने हाथ उठाये थे, कदम-कदम पर अंग्रेजी शासन के छक्के साथ छुड़ाए थे, जिनके कहने पर अस्त्र वस्त्र सब मिलकर…
गलतियाँ बहुत कर लीं चलो एक दो सुधारी जाएँ, रस्मों रिवाजों की चादर सर से पूरी उतारी जाएँ, जाये कहाँ, अब है कौन हमारा इस…
अपने दिल को दिमाग से लड़ाना ज़रूरी था, उसने बुलाया था उसके पास जाना जरूरी था, रौशनदान बहुत थे चाहरदिवारी में पर फिरभी, मुझको अंधरे…
भीड़ बहुत है भागदौड़ भी बहुत इस ज़माने में, बस यही वो डर है मैं उसे आप सबसे छुपाता हूँ, हर तरफ शोर मचा है…
गुनाह साबित भी न हुआ, गुनहगार कहलाया गया मैं। सीने से लगाया भी गया, फिर बार बार ठुकराया गया मैं। कई बार तोड़ा फिर जोड़ा…
जिस पल से उस को अपना सपना बना लिया मैंने, शौक़ लिखने का उसी पल से अपना बना लिया मैंने।। राही अंजाना
बहुत बुलाया मगर वो मेरी कही सुनी सब टाल गया, प्रेमपत्र जो पढ़े लिखे थे वो आँगन में सब डाल गया, कौन घड़ी में जाने…
ये जिस्म है, ये जिस्म ही न पिघल जाये कहीं, किसी चराग की शरारत से न जल जाये कहीं, मैं चमकता रहा हूँ उसीकी गर्म…
दिल से दिल तक अपना रस्ता बना लेती है, ये हिंदी ही हम सबको अपना बना लेती है।। हो जाए गर नाराज़गी तो मस्का लगा…
जो बढ़ रहा है हाथ नापाक उसे तोड़ना होगा, हाथ मिलाया था जो बेशक उसे छोड़ना होगा, रच लिए बखूबी प्रपंच और चढ़ लिए ढेरों…
कौन कहता है के मेरे होने से एक शहर बस्ता है, जहाँ निकल जाऊं मुझे मिलता एक बन्द रस्ता है, सांस मुझे आती नहीं या…
कौन कहता है के मेरे होने से एक शहर बस्ता है, जहाँ निकल जाऊं मुझे मिलता एक बन्द रस्ता है, सांस मुझे आती नहीं या…
दिल से दिल तक अपना रस्ता बना लेती है, ये हिंदी ही हम सबको अपना बना लेती है।। हो जाए गर नाराज़गी तो मस्का लगा…
अपनी ही जेब में खुशियों की छोटी चाबी छिपाये, यहाँ वहाँ ढूंढता रहता है इंसा उसे बड़े बाज़ारों में।। राही अंजाना
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