जज्बात

जिक्र ए जहन किससे करें हम लफ़्ज हैं दबे दिल में कहीं शायद डर रहें हैं बाहर निकलने से कोई समझेगा या नहीं क्या कहेगा…

हुसना – Husna

लाहौर के उस पहले जिले के दो परगना में पहुंचे रेशम गली के दूजे कूचे के चौथे मकां में पहुंचे और कहते हैं जिसको दूजा मुल्क उस पाकिस्तां…

शब्द

कुछ खो के लि खा… कुछ पा के लि खा हमने इस कलम को… अक्सर आँसुओं में डुबो के लि खा कभी मि ली नसीहत……

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