जज्बात
जिक्र ए जहन किससे करें हम लफ़्ज हैं दबे दिल में कहीं शायद डर रहें हैं बाहर निकलने से कोई समझेगा या नहीं क्या कहेगा…
जिक्र ए जहन किससे करें हम लफ़्ज हैं दबे दिल में कहीं शायद डर रहें हैं बाहर निकलने से कोई समझेगा या नहीं क्या कहेगा…
ख्वाहिशों के बाजार में आयी हूं कुछ खरीदने की खातिर मगर दाम ही इतने है हर ख्वाहिश के कि खाली हाथ ही वापस चली, बन…
लाहौर के उस पहले जिले के दो परगना में पहुंचे रेशम गली के दूजे कूचे के चौथे मकां में पहुंचे और कहते हैं जिसको दूजा मुल्क उस पाकिस्तां…
Easter means that this life on earth is not all there is. Jesus went “to prepare a place for us” in His Father’s heavenly mansions…
सर को कैसे याद पहाड़े ? सर को कैसे याद गणित ? यह सोचती है दीपाली यही सोचता है सुमित सर को याद पूरी भूगोल…
कुछ खो के लि खा… कुछ पा के लि खा हमने इस कलम को… अक्सर आँसुओं में डुबो के लि खा कभी मि ली नसीहत……
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