शायरी
जब– जब जाता तेरे मोहल्ले मे , तेरी वो अवाज की गुँज उठ जाता मेरे शीने मे।
जब– जब जाता तेरे मोहल्ले मे , तेरी वो अवाज की गुँज उठ जाता मेरे शीने मे।
इस तरह तेरे भवर मे मंडरा रहा हूँ, लग रहा की तेरी पायल की झन्यकार मेरे आगे– आगे मंडरा रहा हो
हर चीज की सही कीमत चुकाने की औकाद रखता हूँ , लेकिन तेरी सही कीमत कोई लगाये तो।
इस मतलबी दुनिया मे सभी दौलत कमाते फिरते अगर इस दुनिया से मिला मुझे मजदुरी की रूप शिर्फ छाले।
आसमान देखते ही सिहर जाता, जब गुनहगारे पंछी को खुले आसमान मे फिरते देखता।
आसमान देखते ही सिहर जाता, जब गुनहगारे पंछी को खुले आसमान मे फिरते देखता।
ये सतरंज की दुनिया भी क्या गजब है, दो –डाई घर चलने वाले राजा और रानी कह लाते।
यूँ खिड़की से देखती हो मुझे, हाथ का फुल याद आ जाते और की दिल की छाले हरे हो जाते।
मै अपना कीमत नही जानता, तु अपना बता दे, अगर मै नही चुका पाया, तो मुझे गिरवी रख ले लेकिन !मेरे प्यार को लौटा दे
सपना मै तेरे पीछे भागता आया, तु हाथ मेहदी दुसरे के नाम रचा लाया
हरेक गुनाहे की कीमत चुका लूँगा, भड़ी अदालत मे गीता की कसम खाकर तेरी ये गुहाने की सजा दिलवा दूँगा
बहुत देर से खड़ा हूँ तेरे पर , कोई है तो सुनो— कह दो उन्हे जाकर जख्म पर पट्टी बधवाने आया हूँ तेरे दर पर
बहुत देर से खड़ा हूँ दर पर, सुना है मेरी ख्याबो की दबा मिलता है , तेरे दर पर।
इस तरह नही नैने चार कर , वरना फिर से दिल का मरीज बन जाऊँगा
आसमान देखते ही सिहर जाता है, गुनहेगार पंछी को जब खुले आसमान मे देखता हूँ।
मेरी ये हालत को देखकर सब दिवाने कहते, मेरी नजरो से पुछ तेरे ही आँख से मिली थी मेरी आँख , इसलिए मै तेरा दिवानगी…
मत हँस जवाने मेरी हालत पर, मैने भी दो हाथ ,दो पैर साथ लाया।
क्या कहूँ इस जवाने से मै, मेरी इस दशा को देखकर जब अपने ने छोड़ दिये, तो क्या कहूँ परवाने से !जवाने से। Jp singh
किससे सिकवा करू, किस से गिला करू, जब अपना ही नही समझा तो किससे कुछ बात करू। Jp singh
मत पुछ भबड़ मुझे से तेरी क़्या हालत है, जैसे तुने बनाई वही तो मेरी हालत है। Jp singh
जब-जब तु पास आती क्यो शरमाती हो, मैने तो तुम्हारी बड़ी–बड़ी आँखो से प्यार किया क्यो शरम के मारे हाथ से आँख ढ़क लेती हो
कोई उस दर का नाम बता दे, जहाँ जाने पर मन्नत पुरा होता। मै भी जाना चाहता, क्योकि मै अकेला रहता। मै भी अपना जोड़ी…
मेरी जवानी, मेरी पहचान !मेरा अपना नही है, जिसने इस काबिल मुझे बनाई वो दुनिया मे नही है।
ये जालिम मै अपने दिल के टुकड़े को पहाड़ लूँगा, लेकिन सुन ले इसके बाद तुम्हारा क्या होगा।
मै शिर्फ बेरोजगार हूँ,, बेकार नही यारो, अगर मै मर भी जाऊँगा, मेरा कीमत कम नही होगा यारो। Jp singh
ये मेरी ख्वाब अपना नही हो पाया, क्योकि रिश्ते दौलत की तलवार ,हवा की रूख बनाती है।
इस शहर मे मेरा कोई नही अपना है, शिर्फ मेरी तन्हाई ,मेरी चिल्लाहट की घुँज मेरी बेचैनी—- मेरा अपना है Jp singh
अगर पैसा से सब कुछ खरीदा जाता , तो !मेरे पास मेरी ख्याबो की रानी रहती। Jp singh
मेरी बेचैनी का कोई दवा बता दे, या उस शहर का नाम बता दे।
मै बीमार हूँ बर्षो से, इसकी दवा मेरे शहरो मे नही मिलती, अगर मिलती भी है उसकी शायद खिड़की बंद पडी मिलती
इस शहर मे सभी अजनबी है, लेकिन जिस शहर मे मेै आया हूँ, इस शहर के लिए मै ही अजनबी है ।
हरेक के समाने अपने हारे हुए जख्म की कहानी मत कहो, ये फौलाद की वस्ती है ,अपनी कायरता की कहानी मत कहो । JP singh
करोड़ो की मकान है मेरे पास लाखो की कमाई , ना मेरे घर मे माँ है, ना किसी की परछाई. ज्योति मो–9123155481
हर चीज की सही कीमत चुकाने का औकाद है मुझमे, लेकिन उसकी सही कीमत कोई लगाये तो। ज्योति मो–9123155481
मै जिस शहर मे यहाँ किराये पर मकान मिलती, पैसे से पानी मिलती,दुध मिलती? लेकिन जिस की खोज मे हुँ वो शायद नही किराये पर…
तेरे जाने से इस तरह मेरे जिन्दगी मे विऱान आ गई, जिस तरह गघा को पैर छानकर कोई परती जमीन मे छोड़ दी जाती।
ये आँखे हर पल तेरा इंतजार करती, मेरे जेहनो दिमाग मे हर पल तेरे इनकार का जबाब गुँजती रहती
मेरे जेहनो दिमाग पर ,, हर पल कुछ तेरे याद पहरा सा है। देख ले आकर जालिम,, मेरे गाँव मे आशुफ्ताम व्यस्थित इंतजार आँसु तुम्हारे…
राजनीति मत कर, राजनीति मत कर। राजनीति मत सब जान बुझ कर तु, बनी, बनाई, बात बिगाड़ मत तु,, रोता है मेरा दिल ये जानकर…
जिन्दगी की किश्ती सभाँलते– सभाँलते , अब मै हार गया हूँ। क्या करू जिस दरिया मे चलती थी ,अपनी किश्ती वो दरिया मे ही गजब…
मै एक बेरोजगार हूँ, हाथ पैर रहते हुए भी लचार हुँ। बड़े बुजर्गों के समाने मै बेकार हुँ, क्योकि मै बेरोजगार हूँ।। अब अंतिम आसरा…
ये मतलबी दुनिया मुझे, अपना नही लगती। लोग कहते है,मै मगरूर हूँ, “” घमण्डी हूँ।। जब कर दिया अपनो ने घायल, जब चिल्लाये दुनिया के…
पैसा तेरी गजब कहानी—- पैसे के लिए बीक रही “जिस्म और जवानी”; पैसे तेरी गजब कहानी’——- पैसे पर मिलते एक से एक”.. सुन्दर अप्सरा”हुस्न और…
इस मतलबी शहर को छोड़कर भाग जाने का ” दिल चाहता”; लेकिन भाग कर कहाँ जाऊँ—– कही भी जाना होगा मतलबी शहर मे जाना होगा…
प्यार मे ना कोई “”मजहब”‘ होता; ना ही कोई “”समाधी” की बात होता। .. प्यार वो दिम्मक है ;की आँख से होता और दिल मे…
किस पर विश्वास करू —- जो आज तक रास्ते दिखा रहे थे;; वही गुमराह करने लगे । अपनो का नाटक करके वो मेरी मासुमी(चुप्पी) फायदा…
दौलत रूपी आग ने .. अपनो से कर दिया दुर। मैने भाई बनाना चाहा राम और लक्ष्मण जैसा; लेकिन दौलत रूपी आग ने बना दी…
कल भी तेरी “चाहत “थी; आज भी तेरी चाहत है– . तु तो शिर्फ प्यार रूपी नाटक की। प्यारा मे मजबूरियाँ किसको ना होता ये…
होठो को अपने होठ से चुमनन दे दे । सुना है प्यार का रंग गहरा चढ़ता।।
अगर देती जन्म “‘” माँ”” चलना; सभलना सिखाते है पापा। . …………. जितना भी बच्चे फरमाइस करते; पुरा करते है पापा। अपना सारा अरमान कुचलकर;…
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