जिस दिन से

जिस दिन से तुम्हारी नसीली आँख देख लिया ;मैने! लड़खराये –डगमगाये चलता हूँ।। चाहे चाय खाना से निकलु,, या तुम्हारे गली से निकलु। डगमगाये फिरता…

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