स्वैत आँचल को तेरे चेहरे से छिटकते देखा है
स्वैत आँचल को तेरे चेहरे से छिटकते देखा है बरसात के बाद चटक धूप मैं तुझे खिलते देखा है सुआपंख साड़ी को तेरे तन से…
स्वैत आँचल को तेरे चेहरे से छिटकते देखा है बरसात के बाद चटक धूप मैं तुझे खिलते देखा है सुआपंख साड़ी को तेरे तन से…
ए खुदा ख्वाइशों का समंदर कम कर दे इस तपते जिगर को बारिश मैं धुंआ कर दे दिल मैं जो अरमान से उठते हैं तू…
प्यार कभी एक तरफा नही होता ना होगा दो रूहों के मिलान की जुड़वा पैदाइश है ये बहता दरियां है बस बहता रहता है प्यार…
पुरानी किताबो के पन्ने पलटकर देखो इश्क़ की गहराइयो मैं खुद उतरकर देखो इश्क़ से गहरा समंदर भी नही बस एक बार आज़माकर देखो चंद…
बड़े दिनों मैं कुछ फुर्सत सी मिली हैं, कलम फिर हाथ में लेने की, चाहत सी हुई है। कोई मंज़र घटा या फिर कोई बात…
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