मेरे शिक्षक

मेरे जीवन के अहम इंसान तुम्ही से स्पन्दित यह विश्व महान सरस्वती माँ के तुम सारथी हो तुम्ही से ज्ञान की गंगा का उत्थान मेरा…

वह दर्द बीनती है

वह दर्द बीनती है टूटे खपरैलों से, फटी बिवाई से राह तकती झुर्रियों से चूल्हा फूँकती साँसों से फुनगियों पर लटके सपनों से न जाने…

सावन स्पेशल

बदरा घिर घिर आयी देखो अम्बर के अंसुअन बरसे है कोई न जाने पीर ह्रदय की पी के मिलन को हिय तरसे है यह मधुमास…

डर

ख्याल आते तो है मगर दब जाते है कहीं दिल में अक्सर डर जाते है जमाने के कहर से

हौसलों की उड़ान

सुरज की स्वर्णिम किरणें जब पड़ती धरा पर, चहचहाते पक्षी मचाते कलरव, हौसलों की भरते वो उड़ान है, देखो जज़्बा उन पंछियों का, छू लेते…

ख्वाहिश

तेरे कलाम में हर पहर पढ़ती रहती हूं तेरी हर नज्म में खुद को ढ़ूढती रहती हूं इक चाहत थी कि तुझसे किसी दिन मिलूं…

याद

कोई बात है उनमें शायद जो याद आते है या फिर हमें बस याद करने की आदत हो गयी है

खुशबू

कभी लफ़्जों में ढल जाती हूं कभी आखों में पिघल जाती हूं मैं तो तेरी खुशबू हूं हर तरफ़ बिखर जाती हूं

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