जिंदगी कुछ रूकी रुकी सी है
जिंदगी कुछ रूकी रुकी सी है सांसे कुछ थमी थमी सी है मायूस है मोहब्बत मेरी पुराने सायों से डरी हुई सी है
जिंदगी कुछ रूकी रुकी सी है सांसे कुछ थमी थमी सी है मायूस है मोहब्बत मेरी पुराने सायों से डरी हुई सी है
Vo janaab, bahut utarate he aajkal Baato me jhalakta he gurur unka Khabar nahi unhe hamaare hunar ki Har lafz samandar e guru ko pee…
काफ़िला गुजर गया तो क्या हम तनहा है तो क्या अकेले ही गुजर बसर कर लेंगें दो लफ्जों को ही अमर कर लेंगें|
कहां थे फ़ासले तेरे मेरे दरम्या इक वक्त था जो जम गया था हमारे बीच
Dhal rahi he zindagi, Shaam ki tarah. Dhoob gaya he sooraj ab, Andhere ab has chaaro taraf. Ek ummeed ki kiran tha tu bas, There…
डरते डरते ही सही मैनें आखिर वो बात कह ही दी जो लफ़्जों में कभी ढल ना सके वो अहसास आज बयां हो ही गये…
क्यों नहीं जुदा होता दर्द हमसे अब लगता है दर्द से भी इश्क हो गया है हमें|
दिन पे दिन गुजरते जा रहे है, मगर जिंदगी है कि गुजरती ही नहीं
जलते है नाजुक पांव मेरे वक्त की गरम रेत पर अब के बस किसी काफ़िले में कोई अपना मिल जाये
दोस्त बचपन के याद बहुत आते है जब बिछड़ जाते है कहां बयां हो पाते है जज्बात लफ़्जों में अधूरे ही रह जाते है मुकम्मल…
शरारतें की है बहुत जिंदगी में हमने अब जिंदगी है जो शरारत करती है
जलते है जिसके लिए, करोड़ों आंखो मे दीये जान कुर्बान हर जनम में ऐसे वतन के लिए
दिल की दीवारों पे क्या लिखा है तुझे क्या पता इन पर सर टकरा कर, ना जाने कितने खाक हो गये
कभी वो कुछ कहते है, कभी हम कुछ कहते है हमारे रिश्ते चंद लफ़्जों में अक्सर महफ़ूज रहते है
कितनी बातें अनकही रह जाती है कितने लम्हे बिना जीए ही बीत जाते है सोचते सोचते दिन महीने साल धीरे धीरे सब गुजर जाते है
सूनी सूनी रातों में कभी कोई दस्तक दे जाता है मेरे दिल के दरवाजे पर… कभी कोईे चेहरा नहीं दिखता बस आहट होती है हल्की…
आज मेरे आंगन में आफ़ताब आया है सर्द दिन में लगता है ख्वाब आया है नये नये रंगो में नहाया हुआ जिंदगी का नया पैगाम…
लफ्ज है ये या बेबस दिल है मेरा धड़कन जिसकी किसी को सुनाई नहीं देती… अनु
दिल खोया हुआ है अलसाई बादियों में ख्वाबों को भी नींद लग गयी है सर्दी की इस अलसाई आदतों ने जिंदगी जैसे रुक सी गयी…
सुनती आ रही हूं बातें दुनिया की बातों में पता नहीं अपनापन कहीं खो जाता है करती हैं बातें दुनिया जमाने भर की मगर खुद…
बहुत याद करते है हम आपको क्या कभी आपके ख्यालों मे हम भी आते हैं होती है गुफ़्तगू कई दफ़ा दिन में क्या कभी आपके…
Where everything is silent, Where everything is filled, No space for anything else, Take me there, Above all the skies, all clouds and rainbow Let…
क्या कहूं, क्या लिखूं कुछ समझ नहींं आता कुछ बाते हैं जो लफ़्ज का साथ ही नहीं देती कुछ बाते हैं जो दफ़न है जहन…
कोई अपना था जो खो गया जिंदगी में जो पास था जो दूर हो गया यादों के सहारे रह गयी है जिंदगी मेरी लफ़्जों में…
ख्वाहिश है बहुत दिल की आंखो में गम है बहुत ज़हन में है इक अजीब सी खामोशी होती है घुटन हरदम अब नहीं ख्वाहिशों का…
किसी ने कहा था कभी कि मैं उड नहीं सकती अब जमाना मेरी उडान देख के हैरान है कभी लोग मेरी खामोशी की शिकायत करते…
बेहद ही खूबसूरत है जिंदगी हर पल नयी, नूतन झिलमिलाती, चमकती हुई आंखों में ख्वाबों के पुल बनाती हुई कभी मुस्कुराती कभी रोती आसूओं में…
मेरी कहानी अनकही ही रह गयी सितारों के उजालों में अंधेरे सी दब गयी दुनिया ने मेरी सिर्फ़ सूरत ही देखी दिल की आवाज किसी…
हर कोई हमारे करीब आना चाहता है मगर रिश्ता कोई नहीं निभाना चाहता है चाहत तो हमारी बस सच्चे दिल की ही है मगर झूठी…
दीये जलने दो जरा कूछ उजाला हो जाए वैसे तो अंधेरे की आदत है आज कुछ अलग हो जाए जिंदगी गुजरी है सीधी सी आज…
इक नज्म है जिंदगीजिसकी इबारतें हम लिखते हैगाते है, गुनगुनाते हैकई दफ़ा भूल भी जाते हैयाद करने, भूलने मेंलिखने औ मिटाने मेंये कारवां ए जिंदगी…
पलकों पर आंसू रहते हैदिल में जज्बात रहते हैकलम है जो कुछ कुछ लिख देती हैवरना होठ तो हमेशा खामोश रहते है आंखो मे आसमां…
कभी लगता था कि मेरे अहसास सिर्फ़ मेरे है अब शायद वो भी पराये हो गये
ये तो मुमकिन नही यूं ही फ़ना हो जाऊं मैं तो सन्नाटा हूं फैलूं तो सदा हो जाऊं
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