मैं क्यों कन्हैया ?

(I)

मैया, ओ मेरी मैया!

क्यूँ कहती मुझे कन्हैया?

कृष्ण और मैं —

वो द्वापर का दुलारा,

मैं कलयुग का मारा।

वो नयनों का तारा,

मैं दिलों से हारा।

वो जगत में सबसे न्यारा,

मैं तो किसी को भी नही प्यारा।।

बता मेरी मैया,

क्यूँ बोले है तू मुझे कन्हैया?

(II)

ओ मेरे लाल,

मेरे बाल गोपाल —

कृष्ण और तू ?

कृष्ण देख यशोदा मुस्काये,

तोहे देख मोरा मन रिझाये।

वो दिल और माखन चुराये,

तू भी मेरा नींद चैन ले जाये।

वो यशोदा के घर में खुशियां लाये,

मैं भी धन्य हूँ, जो तोहे पाये।।

ओ मेरे लल्ला,

मैं तेरी यशोदा, तू मेरा कन्हैया।।

फिर मैं बोला —-

सारा काम तू करावे चाहत हो मैया,

इसलिए, तू कहे मोहे तेरो कन्हैया।।

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

ओ मैया! मोरी

ओ मैया! मोरी पीर बड़ी दुखदायी सब कहें मोहे नटवर-नागर माखनचोर कन्हाई। तेरो लाला बरबस नटखट कब लघि बात छपाई। ओ मैया! तेरो कान्हा माखन…

Responses

+

New Report

Close