Categories: शेर-ओ-शायरी
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हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
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ख्याब टूटी, दुनिया लूटी, बिखड़े सभी सहारे । अपनों ने गैर कहा, और गैरों ने अपने । । यहीं है, जहां की दस्तुर पुरानी, बची…
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जवाब… बस देती ही रही हूं जवाब… घर जाने से लेकर घर आने का जवाब… खाने से लेकर खाना बनाने का जवाब… बस देती ही…
Bahut khoob
Thankx
Nice
Thankx
वाह बहुत सुंदर रचना
अतिसुंदर