उंगली पकर कर
उंगली पकड़ कर थामा था जिसका हाथ
पता नहीं क्यों वो छोर गया मेरा साथ
मेरे अनकही बातों को समझने वाले जज़बात
पता नही क्यों खुदा को नहीं आया रास
मेरे सभी ख्वाइशों को सुनने वाले
पूरे हो या ना हो पर भरसक कोशिश करने वाले
पता नहीं क्यों आज भी गुज़ारिश करता हूँ
थोड़ा ही सही दिल में आज भी उनके पूरे होने की ख्वाइस रखता हूँ
सुंदर
Thanks
वाह बहुत सुंदर
Good