कभी ठीक से अपने ही बिछाने पर सो भी तो नही सकते

कभी ठीक से अपने ही बिछाने पर सो भी तो नही सकते,
ए ज़िन्दगी महसूस तो कर सकते है पर छू भी तो नही सकते

काश अब ये भी समज ले कि कोशिश नही की थी हमने,
कुछ भी हो जाये लेकिन मुश्किलो से डर भी तो नही सकते

आदते डाल दी है हमने यू  सबको गले लगाकर मुस्कुराने की,
पता है कि हम उनके है लेकिन वो हमारे हो भी तो नही सकते

चलो एक बार फिर वादा करो मिलने का,फिर से बिछड़ने का,
साथ चलने का वादा करेंगे पर साथ चल भी तो नही सकते

– हार्दिक भट्ट

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close