Shayari

दर्द है आह! है मोहब्बत में मजा भी तो है
इश्क गुनाह है मुसीबत है सजा भी तो है !
दो दो जिस्म में एक जान है रजा भी तो है
जिन्दगी है यही फिर भी ये कजा भी तो है !!
उपाध्याय…

Related Articles

Responses

+

New Report

Close