मुशायरा | Mushaira

मुशायरा महीन अहसासों को बुनता हुआ, अल्फ़ाजों को सहजता हुआ एक ऐसा कारवां है जहां हर शख्स, हर शब्द अपने वजूद को महसूस करता है| यहां कुछ ऐसा ही कारवां बन जाये तो क्या बात हो| इसके लिये आपके सहयोग व योगदान की जरूरत होगी; उम्मीद है यह कारवां बढता ही जायेगा, अहसासों के साथ…आसमां से भी आगे|

आप नीचे कमेंट के स्थान में अपने अल्फ़ाजों को लिख सकते है|

Responses

  1. ये कारवां चले तो, हम भी चलें
    ये शम्मा जले तो, हम भी जलें
    खाक करके हर पुरानी ख्वाहिश को
    इक नया कदम, हम भी चलें……

    1. मुश्किल है राहें, सूनी है अकेली सी
      इस अकेलेपन में साथ तन्हाई चले

      1. तेरे कारवां के हम भी एक मुसाफिर है
        कहां तुम अकेले – अकेले चले 🙂

    2. कोई वक्त था, जब एक रब्त चला करता था हमारे दरम्या
      गुजर गया वो रब्त, अब साथ बस वक्त चले

      1. चेहरों की दुनिया में आइना साथ रखियेगा
        कभी कभी अपना चेहर भूला सा लगता है… 🙂

      2. छिपाना तो लोगो की फितरत होती है
        जो ढूढ़ ले अपने जज्बातों को,
        वही नज्म लिख पाता है…right?

      3. Yes right 🙂 And this one from Gulzaaarrr for u 🙂

        nazm uljhii hui hai seene mein
        misre atke hue hain hothon par
        udte-phirte hain titliyon ki tarah
        lafz kaagaz pe baith-te hi nahii
        kabse baitha hua hoon main jaanam
        saade kaagaz pe likhke naam tera
        bas tera naam hi mukammal hai
        isse behtar bhi nazm kya hogi

      4. इक नज्म है जिंदगी
        जिसकी इबारतें हम लिखते है
        गाते है, गुनगुनाते है
        कई दफ़ा भूल भी जाते है
        याद करने, भूलने में
        लिखने औ मिटाने में
        ये कारवां ए जिंदगी चले

      5. Is zindagi ki neenv hai yaadeein, baatein, fariyadein aur galiyarein..
        Sada sambhal k rakhna unko in anjane, pehchane mukhdo se..
        Pass m rakhna apne seene ke..
        Savar k rakhna apne aanchal mein 🙂

      6. kuch milne ke baad bhi ajnabi rahte he
        kuch na mile bhi kareeb lagte he
        zindagi faaslo se door nahi hoti
        kabhi kabhi faasle bhi kareeb lagte he 🙂

    3. कई कारवां आते है, कई गुजर जाते है
      हम करवां के नहीं, कारवां हमारे साथ चले

    4. रिमझिम रिमझिम बारिश हुई आज
      जोर की तूफ़ा आंधी बहुत तेज चले
      रिवोल्वर तो रोज चलती है दोस्त
      कभी हमारे यहां AK 47 भी चले

      1. उसकी अल-कायदा सी आँखे हैं,, जो बस मार ही डालती हैं,,
        उसकी बुलडोज़र सी बाते हैं,, जो बस गिरा ही डालती हैं,,
        लगता हैं उसके बाप का किसी कसाब से तगड़ा रिश्ता हैं…
        वरना ताज की खूबसूरती को यूँ ही नहीं चकनाचूर कर डालती हैं…

    5. कभी ठहरी सी लगती है,
      कभी बहती चली जाती है
      जिंदगी है या पानी है
      न जाने क्यों जम जाती है

    6. जज्बातों को संभाल कर रखते है
      खर्च करते है हिसाब से हर हर्फ़ में
      कभी कोई हिसाब मांग ले अपनी यादों का
      इसी हिसाब में जिंदगी चले

      1. खोना पाना तो चलता रहता है
        इनसे ऊपर उठ सको तो जिंदगी चले

  2. Ishq ki raah par chalne wala bhi bada ajeebo gareeb ho jata hain,,,

    Zara gaur farmana sab….. ki

    Ishq ki raah par chalne wala bhi bada ajeebo gareeb ho jata hain,,,
    Jo isko samajh le… wo bahut ajeeb ho jaata hain,,
    or jo isko na samajh paaye… bechara gareeb ho jaaata hain.

      1. Is noor ko yun hi dektha rhun,
        Tasveer ko yun hi paraktha rhun..
        Deewane dil ki dhadkan ko sunkar,
        Teri awaz ko yun hi gungunata rahun..

      2. नूर ए मोहब्बत में नहाकर आई हूं
        तेरे रंगो में रंग कर आई हूं
        कत्ल ए दिल कई दफ़ा हुआ मेरा
        इस बार मरहम पट्टी कर कर आई हूं

      3. Humare rang mein dard nahi,
        Jashn hai aur gam nahi..
        Dil mein umang hai,
        shayari ka manch hai..
        Marham patti ko bhulane ki,
        Yahi ek umang hai..

  3. मोहब्त ने कर दिया , मेरा हर अंदाज़ ऊँचा ….
    बस जुदाई के लम्हो में , झुकना नही हैं….
    दिख गयी राह – ए – जन्न्त ….
    अब रुकना नहीं हैं…..
    तू कर हर पल दीदार मेरा….
    क्योंकि मैं आफ़ताब हूं , जिसे कभी छिपना नहीं है…

    1. तू आफ़ताब है तो मैं भी चांद हूं
      मैं होती हूं जब तू नहीं होता
      दीदार करती है दुनिया हर पल रोशनी से
      किसी भी रूह को अब छिपना नही है

    1. झूठ सत्य पर भारी है , जनाब तमाशा जारी है |
      सच की हालत बेचारी है, झूठ सभी पर भारी है ||

  4. ज़रुरत है अब हमें नए नफ़रत करने वालों की,
    दरअसल पुराने तो अब हमें चाहने लगे हैं।!!

  5. कोई बात है जो दिल में दबी है अरसे से
    आंखों में थमे है अश्क मगर छलक नहीं पाते है

      1. दिल में उसे बसा के मैनें ऐसा जोखिम है उठाया..,
        मैं सो भी जाऊं तो मुझ में वो कमबख्त नहीं सोता ।।

      2. सपनों से जी भर गया है मेरा
        सपना आखिर क्यों हकीकत नहीं होता

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