Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
muktak
चलो मिलकर प्रेम के कुछ रंग- ो-रस चख लो हर धर्म की परिभाषा का ये नाम रख लो गर चाहते हो हिंदुस्तान को खुशहाल देखना…
श्री कलाम
एक मुक्तक श्री कलाम साहब के लिए – कोई उस खुदा को जाकर मेरा पैगाम दे दो , मेरे देश भारत को तुम उसका ईनाम…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम कोई तुझसे क्या माँगे, तुम किसी को क्या देते हो…
Bahut khoob
dhanyawad
I am Suvo Sarkar of Emirates NBD bank. I wish to share a business proposal with you, it is in connection with your last name. Please contact me on my email at (sarkarsuvo611@gmail.com) so that i will get back to you soonest.
वाह बहुत सुंदर
Good
बहुत ही उम्दा