Ho……….
क्यों मुझ से रूठे रहते हो तुम
क्यों तुम मुझ से नज़रें चुराते हो
जानते हो जी नहीं सकता तुम्हारे बगैर
क्यों मुझे इतना इश्क़ मैं तरसाते हो
न जाने कितना इंतज़ार करता हु मैं तुम्हारा
क्यों तुम मेरे दिल को इस कदर जलाते हो
कभी आओ तुम मुझ से मिलने को साजन
क्यों मुझे तुम इतना चाहत मे तड़पाते हो
क्यों मुझ से रूठे रहते हो तुम
क्यों तुम मुझ से नज़रें चुराते हो ………………..!! (d k)
Nice
Thanks Bhai
Kya baat he Dev Sahab!
Thanku so so much Panna Sahab
G
Good