इंतज़ार
इन्तेक़ाम से इंतज़ार ही बेहतर हैं
उम्मीद का दामन पकड़कर थोड़ा चैन से बैठो
कभी ना कभी उसे तुम याद आओगे
इस अहसास से ज़िन्दगी देखोगे तुम काट पाओगे
इंतेज़ार की ताकत को नज़रअंदाज़ ना करो साहब
तपन की आग में कोयले से भी हीरा बन जाता हैं
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4 Comments
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देवेश साखरे 'देव' - February 3, 2019, 7:48 pm
Good
Antariksha Saha - February 5, 2019, 11:32 pm
धन्यवाद आपका
ashmita - February 5, 2019, 11:26 pm
Nice
Antariksha Saha - February 5, 2019, 11:32 pm
Thanks