रेप

अंधेरी रात में जब सब कुछ शांत था मन की एक चीक जो सुनाई दे रही थी जो मुंह से निकल नहीं रही थी। वो…

भविष्य

एक वक्त था जब लगा की जिंदगी का ये सफर सही पटरी पर है.. ये कहां पता था जिस वक्त में ये सोच रहे थे…

Sawan

वक्त बदला हे के नही सावान अक्सर जांचता है। फूलों से अपना स्वागत आन शान से करवाता है। तैयार होते है झूले सावान का सिंघासन…

विवशता

कहीं दूर किसी नदी किनारे, दो पल को बैठना है मुझे। सारी उलझन को धुआं बनते देख, चैन से दो पल रुकना है मुझे। सांसे…

मैं…

1.) क्या मैं सिर्फ ‘मैं’ नहीं रह सकता? दूसरों के लिए मरते-मरते जीना, मैं नहीं सह सकता। अपने ख्याल, अपने वसूल क्यों मुझ पर लाद…

है मानव!

तुम्हें अंदाजा भी है तुम क्या किए जा रहे हो रोज हमें अंत के करीब लिए जा रहे हो हे मानव! क्या तुम्हें समझ है,…

Zindagi

एक दिन सपना नींद से टूटा खुशी का दरवाजा फिर से रूठा मुड़ कर देखा तो वक्त खड़ा था जिंदगी और मौत के बीच पड़ा…

दिल से….

दिल से…. दिल से बोलूँ इक नगमा, जो सपनों को पंख दे दे धरा। बाँहों में ले लूँ उड़न की बहार, जहां चमके नये सवेरे…

Hai Aaj Bhi Yaad!!

हे आज भी याद , मेरे रूठ जाने पर तेरा वो मनाना, मेरी ज़िद न खाने की और तेरा वो हाथ पकड़ कर खाना खाने…

जिंदगी

जिंदगी बहुत नादान है ये सोचा था ये सोचने के बाद भी में बहुत रोता था जिंदगी एक लतीफा बन गई एक पल की खुशी…

लक्ष्य

लक्ष्य को पाने के लिए अर्जुन सी निगाह होनी चाहिये मछली चाहे जितनी बड़ी ही क्यों ना हो सिर्फ आँख पर निगाह होनी चाहिए

पति

बहुत गुस्सा भर जाता है अन्दर जब मेरी माँ बोलती हैं पति मारे भी तो क्या: पत्नी को उस पर हाथ उठाना नहीं चाहिए। मेरे…

वो जो गैर निकले

दर्द में मेरी जीभ मेरी नहीं होती,‌।फिर तुम तो कहीं बाहर से आये मेरी जिन्दगी में,।न सोचना तुम्हें सोचती हूँ ,मैं,तुम्हें माथे पर रखा ,खुद…

कला की परख साहित्य कार ही करते हैं -डाॅ हरिसिंह पाल

बस्सी पठाना पंजाब के पंडित विनय शास्त्री ‘ विनयचंद ‘ को काव्य रत्न और गोल्डेन बुक आॅफ वल्ड रेकार्ड से सम्मानित करते हुए डाॅ हरिसिंह…

काव्य रत्न सम्मान से सम्मानित हुए विनय शास्त्री

अन्तर्राष्ट्रीय शब्द सृजन संस्थान गाजियावाद के तत्वावधान में आयोजित भारत रत्न विजेताओं के जीवन पर आधारित कालजयी ग्रंथ भारत के भारत -रत्न के भव्य लोकार्पण…

विचार – ३

(3) दूसरों के घाव देखने वाले कभी अपने घाव नहीं भर पाते।।1।। वर्तमान हि सब – कुछ हैं भूत वासना का घर और भविष्य चिन्ता…

विचार – ३

(3) दूसरों के घाव देखने वाले कभी अपने घाव नहीं भर पाते।।1।। वर्तमान हि सब – कुछ हैं भूत वासना का घर और भविष्य चिन्ता…

विचार – २

(2) लिखने मात्र से कुछ न होगा उसपे चलना तुम्हारी कवित्व को निखारेगा।।1।। सारी कृतियां समय व प्रस्तिथि कि देन हैं लोग अहम् – भाव…

विचार

कीचड में ही कमल खिलता हैं, लेकिन ऊपर नीचे नहीं ..1.. बिषयाशक्त पुरुष खुश रह नहीं सकता और निराशक्त को दु:ख छू नहीं सकता ..2..…

ना समझ संतान

कहानी-ना समझ संतान पैतृक संपत्ति से कुशल किसान रहता था, अनेक पशुओं तथा कृषि यंत्रों के साथ एक सुनहरे भवन का मालिक था, किसान के…

बाढ़

कहानी-बाढ़ ————– सूरज निकलने वाला ही था कि बारिश रिमझिम शुरू हो गई| दोपहर होते-होते बारिश विकराल रूप धारण कर ली चारों तरफ बादल में…

शिक्षा ग्रहण करो, संत ज्ञानेश्वर भीमराव बनो

शिक्षा ग्रहण करो,संत ज्ञानेश्वर भीमराव बनों —————————————————- यदि मन में अभिलाषा है किसी विशेष कार्य, वस्तु ,लक्ष्य, पद प्रतिष्ठा के लिए और धरातल पर कोई…

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