आज फिर …

कुछ लिख कर आज फिर मिटा दिया, कुछ बना कर आज फिर बिगाड़ दिया, वो आज भी नहीं आएगा मालूम है हमे, पर फिर भी…

मुक्तक

दिल मे दर्द उतना ही रखना जितना आँखों मे समां सके क्योकि जो छलक गया वो लोगो की हंसी का हो गया ! (निसार)

ख्वाब

कुछ ख्वाब ऐसे थे, कुछ ख्वाब वैसे थे, कुछ दिल के हिस्से थे, कुछ दर्द के किस्से थे, कुछ खुदा को समझाने थे, कुछ खुद…

मौला….

मौला अपनी तू रहो मे, बैठे रहने दे छाओ मे एक दिन तो होगा कर्म ये भ्रम तो रहने दे ! चाहे सपनो को सपने…

खोया बचपन

बचपन के  शहर मे जाने , क्यों  ख़ाली से मकान पड़े है सयानेपन के हर जगह पर ऊँचे-ऊँचे बंगले खड़े है कुछ आधुनिकता की आड़ मे…

समझाऊँगी क्या मैं तुझको बतलाऊँगी क्या मैं तुझको ! कभी तो अपना जान तू मुझको कभी तो अपना मान तू मुझको ! बस इतना-सा वादा…

क्यों मिली नहीं रहमत तेरी अब तक क्या मेरी कोई भूल तेरे दर मे गुनाह मुक़र्र हुई है !

क्यों खुदा तेरा दिल भी बंजर-सा हुआ क्या तेरा भी कोई अपना बेईमान-सा हुआ !

चार दिन की थी जिंदगी एक दिन का था बचपन उसमे थोड़ा-सा कच्चा था, थोड़ा-सा अच्छा था लेकिन वो ही सबसे सच्चा था , क्योंकि…

एक नज्म

मेरी एक नज्म, दूसरी नज्म पर हंसती है तो कल वाली खुद पर इतराती है आज वाली खुद पर नाज करती है कभी वो वाली…

पतझड़

शाखों से टूटकर पते पतझड़ की निशानी दे गए! कल थे शान जिन दरख्तों की आज कदमो तले रुंद गए ! साए देते थे जो…

इश्कबाज

इश्कबाज पसंद है मुझे, चाहे इश्क़ में ना पड़ा हूँ कभी, अल्फाज बह जाते है आशिकी देखकर चाहे आशिक़ ना बना हूँ कभी #पंकज

मौसम

चल रही है ठंडी हवाएं ,आँखों से बादल बरसेगा रात के आगोश में . मेरा मेहताब पिघलेगा मुद्दतों बाद फेंका है एक नजर का टुकड़ा…

badal

बादलों बरसने को आँखें तरस गई है तुम तो न बरसे पर आँखें बरस गई है राजेश “अरमान ”

ये दिल…

ना चैन है,  ना सुकून है ये दिल को क्या फितूर है l करता है ये मनमानियां , करता है ये शैतानिया सुनता नहीं बेधड़क…

कुछ

कुछ ना होने का भी कुछ तो मतलब होगा यूँ ही तो नहीं कुछ ना हुआ होगा वो मतलब खोज लीजिए कुछ ना होना कुछ…

Kawwali…….

वो कहने लगे रुख से पर्दा हम हटा नहीं सकते हम ने कहा तुम्हारे हुस्न को देखे बिना हम जा नहीं सकते वो कहने लगे…

bchpn

लो फिर याद आ गया , वो बचपन सुहाना वो झूठ का रोना , वो सच का आँखों सी आलू का टपकना वो बेबाकी सी…

Nazm

” इंतज़ार ” सोचा भी न था मैंने वो मुलाक़ातें मेरे ख़्वाबों का मुक़द्दर बन जाएँगी उसकी बातें, उसकी यादें मुझे तड़पायेगी उसके नाम मेरी…

जाने मेरा शुमार किन में करे है…. तू महफ़िल में ये हालत देखता नहीं मुझे _________________यावर कफ़ील

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This servitude eternal, Bound by duty and faith, I find hope fading, Devoured by these, Ordeals. These trials, Harbringers of all That is ordained, Also…

बचपन की याद

जब भी बैठता हूं किसी सिरहाने से सटकर, बहुत सी यादें याद आ जाती हैं… इस आधुनिकता के खेल में भी मुझे, अपने बचपन की याद…

संकल्प

  है कुछ करना भी मुझे कुछ नया सा कुछ अलग की मैं न बस रहूँ  एक धूमिल  खंडित नग——(१) तोड़के बंधन सभी, छोड़के सब…

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