मुक्तक
मेरी तन्हाई में जब भी गुजर होती है! मेरे ख्यालों में ख्वाबों की सहर होती है! दर्द की कड़ियों से जुड़ जाती है जिन्दगी, यादों…
मेरी तन्हाई में जब भी गुजर होती है! मेरे ख्यालों में ख्वाबों की सहर होती है! दर्द की कड़ियों से जुड़ जाती है जिन्दगी, यादों…
Sun lo bhaiya kehti hoon Man ki baat main sachhi Koi aata thal pe Koi vayu koi jal Koi chalta chaal kachhue ki Koi ude…
Khudi sadak par khud Gaye he aaate Armaan mere Chala tha aasmaan ki taraf, khude Gadde me for pade
मेरे गम को मेरा ठिकाना मिल जाता है! तेरे ख्यालों का आशियाना मिल जाता है! जब दिल को सताती है प्यास तमन्नाओं की, मेरी तिश्नगी…
हवा सर्दियों की पैगामे-गम ले आती है! वक्ते-तन्हाई में तेरा सितम ले आती है! तूफान नजर आता है अश्कों में यादों का, तेरी चाहत को…
Naaraj nhi tujse. Bus khud se nirash hu.. Ki itna pyar dene k bavjud bhi. Tune sirf ashu die.. #devil
Naaraj nhi tujse. Bus khud se nirash hu.. Ki itna pyar dene k bavjud bhi. Tune sirf ashu die.. #devil
ठहरना मुश्किल हैं ठहर गये तो माहोबत हौ जाएगी.. ठहरने की अब मुझमे हिम्मत नही.. ऑर माहोबत मेरे वजुद मे लिखी नही…
हवा सर्दियों की पैगामे-गम ले आती है! वक्ते-तन्हाई में तेरा सितम ले आती है! तूफान नजर आता है अश्कों में यादों का, तेरी चाहत को…
कबतक देखता रहूँ तुमको देखकर? कबतक सोचता रहूँ तुमको सोचकर? हर साँस गुजरती है मेरे जिस्म की, मेरे लबों की राह से दर्द बनकर! मुक्तककार-…
जीवन की पथरीली राहों पर, जब चलते-चलते थक जाऊँ, पग भटके और घबराऊँ मैं, तब करुणामयी माँ के आँचल सा स्पर्श देना, ऐ ईश मेरे…
कभी तो किसी शाम को घर चले आओ! कभी तो दर्द से बेखबर चले आओ! रात गुजरती है मयखाने में तेरी, राहे-बेखुदी से मुड़कर चले…
मेरा हरेक आलम ख्वाब तेरा लगता है! तेरा ख्याल सर्दियों में धूप सा जलता है! जब भी सताती हैं सरगोशियाँ इरादों की, नींद के आगोश…
ग़ज़ल उनके चेहरे से जो मुस्कान चली जाती है, मेरी दौलत मेरी पहचान चली जाती है। जिंदगी रोज गुजरती है यहाँ बे मक़सद, कितने लम्हों…
होते ही सुबह तेरी तस्वीर से मिलता हूँ! तेरी तमन्नाओं की जागीर से मिलता हूँ! नजरों को घेर लेता है यादों का समन्दर, चाहत की…
तेरी याद में तन्हा होकर रह जाता हूँ! तेरी याद में तन्हा रोकर रह जाता हूँ! जब भी तीर चुभते हैं तेरी रुसवाई के, जाम…
Kar guzar jane ka jis din housala ho jayega Is zamee’n se us falak tak rasta ho jayega Tu baja le raag saare waqt jab…
तुम्हारी मुस्कान जब बनी मेरी आदत.. तुम बने मेरी क़यामत तक की इबादत.. यादों की लहरें जब बनीं मेरा सहारा.. डूबती रही जान, दूर हुआ…
तेरी याद में तन्हा होकर रह जाता हूँ! तेरी याद में तन्हा रोकर रह जाता हूँ! जब भी तीर चुभते हैं तेरी रुसवाई के, जाम…
यादों की राह में सवाल आ जाता है! तेरी रुसवाई का ख्याल आ जाता है! जब भी ख्वाब आते हैं मेरी आँखों में, तेरी जुदाई…
ठहरी हुई है वो शाम इधर ही, जिन शाम हम मिले थे । इन शाम की खुशबू से , महकता रहता पहर आठो । वो…
दिल की जुबां
झूठों की नगरी है साहब, यहाँ सच्चाई, नहीं मिलती…. बुराई के हैं अनगिनत किस्से, पर अच्छाई, नहीं मिलती…. आधे घंटे मे पहुँच जाता है, लोगों…
झूठों की नगरी है साहब, यहाँ सच्चाई, नहीं मिलती…. बुराई के हैं अनगिनत किस्से, पर अच्छाई, नहीं मिलती…. आधे घंटे मे पहुँच जाता है, लोगों…
मुझसे किसलिए तुम रिश्ता तोड़ गये हो? मेरी चाहत को तन्हा छोड़ गये हो! यादों की आहट रुला देती है मुझको, #साँसे_जिस्म को गमों से…
शंख बजे ज्यों ही ठण्डी के, मौसम ने यूं पलट खाया, शीतल हो उठा कण-कण धरती का, कोहरे ने बिगुल बजाया!! हीटर बने हैं भाग्य…
शंख बजे ज्यों ही ठण्डी के, मौसम ने यूं पलट खाया, शीतल हो उठा कण-कण धरती का, कोहरे ने बिगुल बजाया!! हीटर बने हैं भाग्य…
हम तो ख्वाबों की चौखट पर बैठे थे , लेकर हसीन ख्वाब … प्यारी आँखों के परदे पर || ख्वाबों को ख्वाब बनाने , आया…
कोई नहीं है मंजिल न कोई ठिकाना है! हरपल तेरी याद में खुद को तड़पाना है! मैं कैसे रोक सकूँगा नुमाइश जख्मों की? जब शामे-तन्हाई…
मुझको याद फिर तेरा जमाना आ रहा है! मुझको याद फिर तेरा फसाना आ रहा है! चाहत की मदहोशी से जागी है तिश्नगी, मुझको याद…
Dosto गोरखपुर में हो रहे मासूम बच्चों की मौत बहुत ही दूखद हैं मेरे चार शब्द उन बच्चों नाम (( plz god sef the all…
माँ महेंगे होटलो मे भी (“रहस्य”) तेरी हाथों कि वो दो रोटियाॅ कहीं और बिकती नहीं माँ महँगे होटलों में भी खाने से भूख मिटती…
Happy mother day मेरे तरफ से एक छोटी सी कोशिश उम्मीद करता हूँ सबको पसंद आएगा €€€€€€€€€€€€€ ऐसी बेबसी भरी जिन्दगी देने की वजहा बता…
एक और मासूम की जिन्दगी (“रहस्य”) ?????? दौलत की चाहने रिश्तों के धागे को तार तार कर दिया हैं, एक और मासूम की जिन्दगी को…
मुर्दों को उठाने चलें है ” रहस्य “देवरिया अफ़सोस की हम सबको जगाने चलें है , हाँ ये सच है की मुर्दों को उठाने चलें…
जिस्म को मेरे जलाये होंगे “रहस्य”देवरिया दर्द कितने खुद में हमने छुपाये होंगे , तूने जब दिल को मेरे जलाया होगा , ये रूह मायूस…
जिस्म को मेरे जलाये होंगे “रहस्य”देवरिया दर्द कितने खुद में हमने छुपाये होंगे , तूने जब दिल को मेरे जलाया होगा , ये रूह मायूस…
उनसे गुफतगू ना हो “रहस्य “देवरिया ऐ खुदा काश कि अब से वो रूबरू ना हो , ख्वाबों में भी अब उससे गुफतगू ना हो…
लम्हे बचें जो जिंदगी के वो खुल के काट लें, जो बाकी रह जाए पिटारे में उसे आपस में बांट लें, वो नीले समंदर के…
रास्ताें से गुजरते हुए ईक शहर नजर आया, जिससे उढते धुएँ में इंसानियत का रिसता खुन नज़र आया, हँसते हुए चेहराे में, खुद को झूठा…
मेरी खामोशिया खामोश नहीं है जरा इक बार सुन कर तो देखो|
फ़क्र है हमें, नाज है हरियाणा की बेटी तू भारत की शान है|
मैं बेटी हूँ….. मैं गुड़िया मिट्टी की हूँ। खामोश सदा मैं रहती हूँ। मैं बेटी हूँ….. मैं धरती माँ की बेटी हूँ। निःश्वास साँस मैं…
हैरानी कुछ यूँ हुई कि उन्होंने हमें सर खुजाने का वक़्त भी नही दिया, जबकि वक़्त उनकी मुट्ठियों में भी नही देखा गया, लब पर…
चलाओ टीवी, भिन्डी काटती हुई अंगुली का पसीना न पोंछते हुए प्रेमिका को मिलाओ फोन, बांटों दुःख ओम पुरी चले गए, सुनाओ निःशब्द रो लो…
जीवन के इस सफ़र में प्रकृति ही है जीवन हमारा, बढ़ती हुई आबादी में किंतु हर मनुष्य फिर रहा मारा-मारा॥ मनुष्य इसको नष्ट कर रहा…
आँखों से बहता पानी कहाँ एक सा होता है कभी खुद के लिए रोता है, कभी खुदा के लिए रोता है ! कभी कुछ पा…
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