मेरा इस दुनिया मे कोई ना रहा !
मेरा इस दुनिया मे कोई ना रहा , मै बेसहारा हो गया। जो मुझे रास्ते दिखा रहे थे , वही पराया हो गया।। कैसे चलुँ,—–कैसे…
मेरा इस दुनिया मे कोई ना रहा , मै बेसहारा हो गया। जो मुझे रास्ते दिखा रहे थे , वही पराया हो गया।। कैसे चलुँ,—–कैसे…
टूटते ख्वाबों के अफसाने बहुत से हैं! चाहत की शमा के परवाने बहुत से हैं! एक तू ही नहीं है आशिक पैमानों का, जामे-मयकशी के…
दर–दर ठोकर खाया हूँ, जीवन से भी मै हारा हूँ। दे–दे सहारा —- तेरे पास मै आया हूँ।। नही मंजिल मिली नही किनारा,मुझे दे–दे सहारा,…
दर–दर ठोकर खाया हूँ, जीवन से भी मै हारा हूँ। दे–दे सहारा —- तेरे पास मै आया हूँ।। नही मंजिल मिली नही किनारा,मुझे दे–दे सहारा,…
तेरी याद है दिल में दर्दे–तन्हाई सी! ख्वाहिशों की शक्ल में तैरती परछाई सी! चाहत हर पल गूँजती है मेरे सीने में, तेरी तमन्नाओं की…
पटना, छपरा दरभंगा तक सुख गया दाऱू का प्याला, हाजीपुर के पुल पर केले अब बेच रही मधुशाला। महफिल भी रूठ ग़यी , और नाच…
सुन ले पाकिस्तान, कश्मीर का ख्याल भी दिल मे मत लना। वरना जो भी दिये है,वो भी छीन लेगे पाकिस्तान।। अबकी बार कोई गलती मत…
परिन्दे कैद से छुटा नही, दुश्मन जाल विछाना शुरू किया। ज्योति
परिन्दे कैद से छुटा नही, दुश्मन जाल विछाना शुरू किया। ज्योति
आज की नारी पड़ गयी भारी, कोई ना पार पाए ऐसी करती होशियारी। जीवन इसका WhatsApp पर व्यस्त रहता , चल जाए भाड़ मे दुनिया…
तेरी याद मुझसे भुलायी न गयी! तेरी याद दिल से मिटायी न गयी! चाहत जल रही है सीने में मगर, आग़ तिश्नगी की बुझायी न…
छोड़कर सब कुछ यहीं पर एक दिन जाना है, लगा एक अजीब सा सदमा। आज तक जो किया कुछ ना हो सका अपना।। अगर यही…
आओ करीब तुम नूरानी रात हुई है! चाहत की फिर से दीवानी रात हुई है! तोड़कर जमाने की जंजीर-ए-रस्म को, आओ करीब तुम मस्तानी रात…
मैने उसको, जब-जब देखा । सजते देखा, धजते देखा, संभलते देखा !! मैने उसको, गलियो मे सदियो से किसी का इंतजार करते देखा। मैने उसको…
हुआ बहुत अत्याचार —– अब हर घर से भगत सिह , सुखदेव निकलना चाहिए। रोज जो चेहरे बदलते है,लिबाजो कि तरह अब उसको फाँसी पर…
मैं कैसे कह दूँ तुमसे प्यार नहीं रहा! तेरी गुफ्तगूं का इंतजार नहीं रहा! हर वक्त खिंचती हैं जब तेरी अदाऐं, मैं कैसे कह दूँ…
कुछ टाइम निकालकर याद कर लेना मुझे भी। पिछले कल तक साथ रहा तेरा हमारा। आज के ही दिन डोली सजी थी, और माँग मे…
तुम जो मुस्कुराती हो नजरें बदलकर! नीयत पिघल जाती है मेरी मचलकर! चाहत धधक जाती है जैसे जिगर में, हर बार जुस्तजू की आहों में…
मैं कबतलक तेरा इंतजार करता रहूँ? मैं कबतलक तुम पर ऐतबार करता रहूँ? मुझे खौफ सताता है तेरी बेरुखी का, मैं कबतलक खुद को बेकरार…
मैं कबतलक तेरा इंतजार करता रहूँ? मैं कबतलक तुम पर ऐतबार करता रहूँ? मुझे खौफ सताता है तेरी बेरुखी का, मैं कबतलक खुद को बेकरार…
एक उम्मीद फिर हाथ से छुट गयी, देखते ही देखते एक और रिस्ता टुट गई। इस तरह तोड़ा है— मतलबी दुनिया मेरा दिल । अब…
कितना भी ज़िद्दी बन जाऊँ, माँ थोड़ा भी न गुस्सा होती है, एक निवाला अपने हिस्से का खिलाकर माँ फिर चैन से सोती है।। -मनीष
हम जिंदगी में गम को कबतक सहेंगे? हम राह में काँटों पर कबतक चलेंगे? कदम तमन्नाओं के रुकते नहीं मगर, हम मुश्किले-सफ़र में कबतक रहेंगे?…
मैं जी रहा हूँ तुमको पाने की आस लिए! मैं जी रहा हूँ सीने में तेरी प्यास लिए! यादें बंधी हुई हैं साँसों की डोर…
असतील तुझ्या साठी हे फक्त दोन शब्द.. पण मी तुला मानलंय माझं आयुष्य, तुझं नाव जरी कोणाकडून ऐकलं, तर चेहऱ्यावर येत माझ्या हास्य… तू आहेस…
आई तुझ्यासाठी मी काय लिहू, कसे लिहू आणि किती लिहू, तुझ्या महतीसाठी शब्दच अपुरे आहेत, तुझ्या समोर सगळे जगच फिके आहे ।। आई तुझ्याबद्दल बोलायला…
मैं जागता क्यों रहता हूँ तन्हा रातों में? नींद उड़ जाती है ख्वाहिशे-मुलाकातों में! सीने में नजरबंद हैं वस्ल़ की यादें, बेखुदी में रहता हूँ…
मैं जागता क्यों रहता हूँ तन्हा रातों में? नींद उड़ जाती है ख्वाहिशे-मुलाकातों में! सीने में नजरबंद हैं वस्ल़ की यादें, बेखुदी में रहता हूँ…
टूट गया हूँ मैं गमे-अंजाम देखकर! टूट गया हूँ मैं गमे-नाकाम देखकर! रो रही है चाहत राहे-तन्हाई में, तेरी बेवफाई का पैगाम देखकर! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
टूट गया हूँ मैं गमे-अंजाम देखकर! टूट गया हूँ मैं गमे-नाकाम देखकर! रो रही है चाहत राहे-तन्हाई में, तेरी बेवफाई का पैगाम देखकर! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
टूट गया हूँ मैं गमे-अंजाम देखकर! टूट गया हूँ मैं गमे-नाकाम देखकर! रो रही है चाहत राहे-तन्हाई में, तेरी बेवफाई का पैगाम देखकर! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
तेरी जिन्दगी में हरपल कमी सी है! अश्क की आँखों में हरपल नमी सी है! दौर है कायम अभी तेरी यादों का, दर्द की ख्यालों…
मेरे सितमगर फिर से कोई वादा न करो! मेरे दिल़ को तोड़ने का इरादा न करो! क्यों इम्तिहान लेते हो कई बार सब्र का? चाहत…
जब पास तेरे कुछ ना हो उम्मीद किसी से कुछ ना हो अमावस की रात हो काला घाना अंधकार हो तब खुद को तू सवारना…
मेरी आंखों में झाँक लो आकर जलते ख्वाब जो देखना चाहो।
जख्म जिन्दा है तेरी याद भी आ जाती है! बेकरार पल में तेरी आरजूू सताती है! मैं तन्हा हो गया हूँ गमें-अंजाम से मगर, ख्वाबों…
तेरी तस्वीर से मेरी नजर हटती ही नहीं! तेरे दीदार की हसरत कभी मिटती ही नहीं! मैं जोड़ता रहता हूँ तेरी यादों के टुकड़े, गम-ए-इंतजार…
तू जबसे गैर की बाँहों में चली गयी है! जिन्दगी जख्मों की आहों में चली गयी है! यादें चुभती हैं जिग़र में शीशे की तरह,…
मेरी जिंदगी को अंजान सा रहने दो! दिल में जुस्तजू का तूफान सा रहने दो! टूटे हुए से ख्वाब हैं पलकों में लेकिन, अश्कों में…
कितना भी गिरूँ जीवन में तू ताकत देना उठने की, ऐ खुदा अस्त सूरज सा खूबसूरत दिखूँ और चढ़ते सूरज सा ऊर्जावान।। -मनीष
एक तू ही नहीं है जो वक्त से हारा है! हर शख्स दुनिया में हालात का मारा है! हर-पल बदल रही है तस्वीर-ए-जिंदगी, टूटते दिलों…
तुम मेरी जिन्दगी का ऐतबार बन गयी हो! तुम मेरी मंजिलों का इंतजार बन गयी हो! शामों-सहर नज़र आता है रंग यादों का, तुम मेरी…
मैं खुद को यादों में भुलाकर रह गया हूँ! मैं खुद को दर्द से रूलाकर रह गया हूँ! हर कोशिश नाकाम है दीदार की जबसे,…
तेरी चाहत मेरे गुनाह की तरह है! तेरी तिश्नगी दिल में आह की तरह है! खींच लेती है खुशबू तेरे ख्यालों की, तेरी याद बेखुदी…
मेरी हर कोशिश तुम्हें पाने के लिए थी! तेरी जुल्फों के तले आने के लिए थी! लेकिन समझ न पाया मैं तेरी दिल्लगी, तेरी हर…
हमें दर्द जिंदगी में मिलते रहेंगे! हम राहे-मंजिलों पर चलते रहेंगे! डरते नहीं किसी से रंग मौसमों के, फूल तमन्नाओं के खिलते रहेंगे! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मुझको तेरी चाहते-नजर चाहिए! दिल में तमन्नाओं की लहर चाहिए! झिलमिलाते ख्वाब हों जुगनू की तरह, मुझको यादों का वही शहर चाहिए! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मैं कैसे कहूँ कि तेरा दीवाना नहीं रहा? मैं कैसे कहूँ कि तेरा परवाना नहीं रहा? मुझे खींचती है मधुशाला तेरे नयनों की, मैं कैसे…
बंद होकर भी आँखें कुछ बोल जाती हैं! राह तमन्नाओं की कुछ खोल जाती हैं! रोशनी जल जाती है यादों की शक्ल में, दर्द की…
मेरी शामें-तन्हाई न खाली जाएगी! मेरी जुबां पे फिर से आह डाली जाएगी! सोहबत बुरी है मेरी दिलजलों से साकी, मयखानों से गम की राह…
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