Hindi kavita
मिट्टी मे फिसलकर गिरोगे दलदल तक नहीं जाओगे डूबना ही नहीं जानता उसे ही तैरना चाहिए। रेत आंखों जाये आसूं निकलेगा हर परिस्थिति मे पानी…
मिट्टी मे फिसलकर गिरोगे दलदल तक नहीं जाओगे डूबना ही नहीं जानता उसे ही तैरना चाहिए। रेत आंखों जाये आसूं निकलेगा हर परिस्थिति मे पानी…
I wrote this ..when I fell in love with someone secretly..
I wrote this ….when I fell in love with someone secretly..
जीवन की मधुरता से ओत-प्रोत, जीवन की कथा गुंजाती जीवन रेखा में। हर दिन नई पलकों की चमक बरसाती, खुशियों और गम के आनंद के…
मैं फूल हूं, वो रंग है मेरा, बेरंग उसके बिना मैं, कहीं जचूंगी नहीं, और मेरा बस चले तो उसकी आंखो के सिवा में कहीं…
मुझे हर दिन… हर वक्त…. ये एहसास है कि तू मेरे साथ नहीं…….पर आस पास है… तेरे बिन राते तो गुजर जाएगी…… यादें आएंगी, पर…
मुझे हर दिन… हर वक्त… ये एहसास है दि तू मेरे साथ नह …ीं पर आस पास है… तेरे दिन राते तो गुज़र जाएीं ग…
Jalte🔥hue ko rakh😣me hone se phele….. Pyaase💦ko kua🌊milene se phele …… Tumhaara jaana👋mere aane🙁se phele…. Meri wafai🤞tumhaare bewafai💔 se pehle…. Mera manana🙏tumhaare ruthne🤷se pehle….. Tumahar…
हे मानस सुत , मात धरणि के, क्यों निज कुटुंब से बैर करे। पीर हरण न कर सके स्वजन जो, तो क्यों शीर धर धारण…
मैं धुंध शीत शीतलहरी भी , हूं ज्येष्ठ की तपती गरमी भी। मैं आभा, मोहक प्रकृति की, विश्वपटल, निज अंतिम भी। हैं अतिशय परिवर्तन रुप…
हे परमतेज! , हे परमतपस्वी ! तुम कब किस देह में रहते हो ? नहीं दिखते, रहते ओझल निरंतर, जाने कब किधर विचरते हो ?…
ये उदासी कौन्सी चिड़िया है ? इसका घोंसला कहाँ है ? ये कहीं रहती भी है ? या बस उड़े ही जा रही है ?…
ना जाने यह दर्द का सिलसिला कब होगा ख़त्म, पहले रूह जलेगी या जिस्म होगा ख़त्म, न जाने यह दर्द का सिलसिला कब होगा खत्म.
ऊँगली पकड़कर तूने चलना सिखाया, हमारे मन से तूने डर को मिटाया । जो चाहे वो सबकुछ लाके दिया, बदले में हमसे कुछ नहीं माँगा…
चल बंदेया हिम्मत कर और आगे बड़, रुक मत अब बस चलता चल। हिम्मत करेगा खुद तभी तो उठ पाएगा, आखिर कब तक दूसरों की…
हाय ओ चन्द्रमा ! तू है कितना खूबसूरत , समाई है तुझमें जाने कितने हज़ारों की मूरत। रौशनी तेरी जगती है मुझे सारी रात ,…
1).Romantic Hindi poem. 2).Typical romantic one.
जब रात बरस कर आंखों से बरसातों की बात छिड़ी जब काले काले गिद्धों ने चीड़ दिया मन की देहरी जब लाँग चिता की अग्नि…
मैं दूर आ चला हूं घर से बहुत, मुझे वापिस घर बुलाए कोई, ये शहर अजनबियों का मेला लगता है यहां मुझे अपना बताए कोई…
मन तू न उदास हो न ही कोई आस खो ये सफर तेरा है फिर क्यों तेरे ऊपर डर का डेरा है जो छूटता है…
कभी सुनाते थे बाबा बचपन में इक शहीद की अमर कहानी, क्या था उनका बांका पन शानदार थी उनकी जवानी।। बहते है जहाँ पाँच दरिया,…
यूँ राह पे चलने आए थे, एक जगह से प्यार हो गया कुछ देर ठहरने को सोचा था, पर यहा दिल को एतबार हो गया,…
सुबह की पहली रोशनी की सुनहरी किरणों में, आकाश को चित्रित करने वाले सितारों के कैनवास के नीचे, जहां रहस्य संकेत करते हैं और चमत्कार…
अंजान है जमाना और कुछ अपनो का बहाना है कहने को उमर भर पर, दो पल का अफसाना है, लिखे शब्दो मे था जहा सारा,…
आज कुछ अलग रंग हैं, आज बदले से कुछ मेरे ढंग हैं। अलग सा है आज मेरा अंदाज़ जाने क्या है उसका राज़? आज मेरी…
आज कुछ अलग रंग हैं, आज बदले से कुछ मेरे ढंग हैं। अलग सा है आज मेरा अंदाज़ , जाने क्या है उसका राज़? आज…
जिंदगी एक कोरी किताब, जिसका हर पन्ना, हार जीत से भरना है । हर खुशियों की समेट कर, उसे रोज सवेरे, उत्साह से बुनना है।…
समय की तह में गुजरती ये ज़िन्दगी एक अहसास की पुल बनाती ये ज़िन्दगी अपनो से दूर होकर जीने वालो को एक साथ संजोती ये…
तीन रंगो से बना, तिरंगा हमारा, थी अनोखी हमारे पूर्वजों, की विचारधारा, ऊर्जा व बलिदान का प्रतीक, बना हमारा केसरिया, सफ़ेद रंग ने दिखाया, शांति…
हर भाषण में हिंदी होनी चाहिए, दुनिया भर में प्यार की लूट, तुम भारत की शान हो हिंदी, कितना घमण्ड करूँ तुम पर, मेरे पास…
किसने सोचा था कि एक दिन खुली हवा में सांस लेना किसी शोहरत से कम न होगा इस फिज़ा में यूँ मर्ज़-ए-दिल ये इश्क नहीं…
मैंने तुम्हारा इंतज़ार किया था दिन के हर पहर , अनगिनत शामें हर चमकती काली रात में बरसते सावन के हर फुहार ,पवन, हर बयार…
कुछ बातें तुम कहो, कुछ हम तुम्हारी सुने। आओ मिलकर एक दूसरे से , फिर से बातें करें।। कहना तुम भी कुछ चाहते, चुप हमें…
किसी फोटो में मैं दिखूं तो पहचान जाती हैं और लोग कह रहे थे बूढ़ी दादी को दिखाई नि देता हैं उसने आज के दिन…
रहने लगा हूं कुछ दूर सबसे गुजर गया एक वक्त जबसे मिला नहीं हूं खुदसे खो चुका हूं खुदको या कतराता हूं खुदको ढूंढने से?…
कुछ बातें करनी थी तुमसे मगर अधूरी रह गई कुछ मुलाकातें करनी थी तुमसे मगर अधूरी रह गई कुछ ख़्वाहिशें पूरी करनी थी साथ तुम्हारे…
कुछ बातें करनी थी तुमसे मगर अधूरी रह गई कुछ मुलाकातें करनी थी तुमसे मगर अधूरी रह गई कुछ ख़्वाहिशें पूरी करनी थी साथ तुम्हारे…
पिंजरे में कैद एक पंछी हूँ मैं, माना कि बंद हूँ पर एक जीव हूँ मैं, है मुझमे भी सांसें और दिल फिर क्यों नहीं…
तो कहा आज घूम हूं साए के खुदसे मैं चुप्ता क्यु घुम हू मैं ये झूठी लकीरें लेकर चल रहा बेफिजूल की जिंदगी जी राह…
अभी तो सिर्फ शुरुआत है, मेरी कलम की यह अदा है। सबके लिए नयी ये कविता, अनोखी, अनूठी और ख़ास है। आसमान की उचाईयों में,…
ये हसीन लम्हे, ये बीते हुए बेहतर क्षण, ये हार कर जीत जाना, ये प्यार से मुस्कान देना, किसी अंजान मैं अपना पन पाना, किसी…
हम सुकून की तलाश में सुकून से दूर आ गए हम चार पैसे कमाने माँ-बाप से अपने दूर आ गए जिम्मेदारियों का बोझा जो उठाया…
Bahot baate ki hogi Chand se tumhne Maine toh sirf Sooraj se Pyar jataya hai Kitni dooriyan hai Humara beech Ye bhi in dono ne…
पर्यावरण पर मुक्तक (1) प्रकृति के साथ समझौता न करता आज का मानव पेड़ पर्वत काट अतिशय मगन मन मनराज का मानव । कामना की…
Socha tha zindagi bhar sath degi mera, Par kise pata kismat mi kuch alag hi likhh rakha, Aayi thi vo khushiyan lekar, Par chali gayi…
Ki mere pas waqt nhi hai sach me ki Mai tumko mohabbat ke kisse sunau ×2 Yaqeen jano wo din bhi jada dur nhi hai…
Suhani se pyari se eak chidiya jo dil ko moh leti hai.
ये रात आखिरी लोरी सुनाने वाली है। मैं थक चुका हूँ मुझे नींद आने वाली है। हँसी मज़ाक की बातें यहीं पे खत्म हुईं अब…
Mohabbat ho gai he par khud ko rok rakha he Lakeero me dawa aur hateli par rog rakha he Ishq me khudko tootne se baccha…
रहते रहते पहाड़ों के बीच, मुझे किसी के सिसकने की आवाज़ है आई, जब देखा सिर उठा कर अपने चारों ओर, तो जाना पहाड़ों के…
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