Raahe …. (Like a Song)

Sapno me Sapne Hajar Hai, Yaado me Tuhi Dildar hai. Hume Zindagi se hua Pyar hai, Tera-hi-tera Intjaar hai. Ronak to Dekho in Raaho ki tum, Apne se ab lagne lage Hum. Khuli ye wadi Mahka Chaman, Dilbar ki bato me Dil h Magan. Ab Hume Zindagi se hua pyar hai, Tera-hi-tera Intjaar hai. Sapno me sapne Hajar hai, Yaado me ab tuhi Dildar hai….. (For you my Tamatar)

जिंदगी जिंदगी जिंदगी जिंदगी।

जिंदगी जिंदगी जिंदगी जिंदगी। बेबसी बेबसी बेबसी बेबसी।। , ख्वाहिशे ख्वाहिशें ख्वाहिशे ख्वाहिशे। कुछ नहीं कुछ नहीं कुछ नहीं कुछ नहीं।। , काफिले काफिले काफिले…

“चिड़िया”

“चिड़िया” चीं चीं करती चिड़िया आती अम्बर ऊपर घोसला बनातीं | पानी जहां पर वहाँ मडरातीं औ जमी से उड़ -उड़ जाती |

सारी दुनिया का यही, क्यूँ है ये हाल सही..….!(गीत)

सारी दुनिया  का  यही,  क्यूँ  है  ये  हाल  सही..….! (गीत) सारी दुनिया  का  यही,  क्यूँ  है  ये  हाल  सही, बाँहों  में  और  कोई,   ख्यालों  में  और …

झूकने न देंगे तिरंगे को हम

दिनांक-२०-७-२०१६ विधा- गीत संदर्भ- स्वतंत्रता दीवस तर्ज- बहुत प्यार करते है तुझसे सनम… …………………………………………………… झूकने न देंगे तिरंगे को हम-२ हमको हमारी भारत माता की कसम -२ झूकने न देंगे तिरंगे को हम-२ हमे मातृभूमि अपने प्राणों से प्यारी-२ हम है दुलारे ये है माता हमारी -२ सब कुछ…

अधूरा गीत

अधूरा गीत तुम बिन मेरे साजन बोलो कैसे ये जज़्बात लिखूँ, दिन मेरा कैसा बीता कैसे बीती रात लिखूँ। मन में उलझन भारी था तो…

गीतिका-मुक्तक

…………गीतिका……….. श्रृंगार उत्पति वही होती जब खिली फूल की डाली हो कुछ हास्य विनोद तभी भाता हंसता बगिया का माली हो | कलरव करते विहगों…

गीतिका

संदर्भ:- वर्तमान में परिवार की परिभाषा … …………………………………………………. बदल गये रिश्ते नाते बदल गया परिवार बदल गये रीति रिवाज बदल गया घरबार | सिमित हुआ…

गीतिका

“गीतिका” मन को छोटा मत कर मानव तन्मय हो धर्म निभाता चल | सोया जग घोर तिमिर तो क्या तू मन का दीप जलाता चल…

कविता

कविता… हम जाते है स्कूल हाँ हम जाते है स्कूल | अपना भविष्य गढने अनुकूल || हम जाते है स्कूल…… पढ लिख कर होनहार बनेंगे…

तुम्हारी याद

क्यों रूठे हो तुम हमसे…  ? ना तुम याद आते हो ना तुम्हारी याद आती है जिक्र जो करूँ तुम्हारा तो ये बैरन हवा दिल…

वक्त हमारा है

हर ओर उम्मीदें हैं, हर ओर सहारा है। हम बदलेंगें दुनिया को, वक्त हमारा है।। थपेड़े सह लेगें, लहरों से लड़ लेंगे। समन्दर हमारा है,…

#‎_मेरा_वाड्रफनगर_शहर_अब_बदल_चला_है‬

‪#‎_मेरा_वाड्रफनगर_शहर_अब_बदल_चला_है‬ _______**********************__________ कुछ अजीब सा माहौल हो चला है, मेरा “वाड्रफनगर” अब बदल चला है…. ढूंढता हूँ उन परिंदों को,जो बैठते थे कभी घरों के…

तुम रहो तो,

आज कुछ हुआ है मेरे सनम को,-२ पास आके कहती है भुल जाओ हम को, आज कुछ हुआ.••••• यु नदी बन मुझे दुर तक बहाया…

एक समकालीन गीत

देहरी लाँघी नहीं घुटन में घुटती रहीं बच्चे रसोई बिस्तरे की दूरियाँ भरती रहीं बंदिशों की खिड़कियों के काँच सारे तोड़ डाले लो तुम्हें आजाद…

पतंग

न बाँधों मन पतंग को,उड़ जाने दो नवीन नभ की ओर हंस सम भरने दो,अति उमंग मे नई एक उड़ान स्वतंत्र भावों की डोर मे…

WO—-

(Jawaa Dilo ke dharrkan aur ehsas ko chhone ka prayas : ek shringaar rachna.)——– WO—- ——— WO…….. Muskuraa rahi–yun door se hi Kbb qarib aayegi………

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