प्राण से प्यारे गणतंत्र
प्राण से प्यारे गणतंत्र, पल पल कोटि कोटि प्रणाम। “**फूली नहीं समाती,** छब्बीस जनवरी। खुशियों के गीत गाती छब्बीस जनवरी । गांधी भगत बिस्मिल , आजाद बोस की, कुर्बानियाँ सुनाती , छब्बीस जनवरी । रक्षा करने स्वदेश की , हँसते हँसते सर्वस्व लुटाते हैं । उन अमर शहीदों को , स्वदेशवासी श्रद्धानत होकर शीष झुकाते हैं। देशवासियों को शुभकामनाएँ, बधाइयाँ। सविनय, आप सभी का मित्र जानकी प्रसाद विवश »