मिटा कर मुझको मिटेंगी बेचैनीयाँ
खयाल उनका आए तो बेचैनीयाँ ना आयें जो खयाल तो बेचैनीयाँ या रब यह कैसा मर्ज दिया तूने मिटा कर मुझको मिटेंगी बेचैनीयाँ ………
खयाल उनका आए तो बेचैनीयाँ ना आयें जो खयाल तो बेचैनीयाँ या रब यह कैसा मर्ज दिया तूने मिटा कर मुझको मिटेंगी बेचैनीयाँ ………
लुटाने किसी पे दिल को हो निकले और चाहते हो दिल को राहत मिलें …… यूई
राहतें सकून आराम चैन इत्मिनान यह सब कहां है आशिकों के निशान बेचैनीयाँ घबराहटें उन्नीदे उम्मीदे यह सब हैं उनके गहने और पहचान ………
ज़िन्दा है दिल तो उसे धड़कने दो याद में उसे किसी की तड़पने दो चाहतों को जी भर कर मचलने दो अरमान हजारों उसमें पनपने…
मिलें होंगे आप हज़ूर हजारों दिल से मिलिएगा ज़रूर कभी हमारे दिल से होंगी सभी शिकायतें जो उन सब से मिट जाएगी एक पल में…
अपना कह देने से कभी कोई अपना नही होता अपना आप लुटा देने से कोई अपना नही होता सालों तमाम वफ़ाए उनपे ऊपर वार कर…
अपना कह के आपने अपनी दिल्लगी निभा ली आपकी दिल्लगी पे हमने तो पूरी ज़िंदगी बिता दी …… यूई
सिर्फ मिलने से ना बात बनेगी सिर्फ़ कहने से ना बात बनेगी गर दिल में नही है प्यार आपके बात कभी भी फिर यह ना…
कहने को होंगे हजारों दीवाने यहां यहां जाने होंगे कितने परवाने यहां दिल जो सिर्फ़ आपके लिए हो बना ख़ुद ही देगा अपनी आवाज़ सुना…
उम्मीद की शमाँ जलाए रखना हमारे आने की चाह लगाए रखना …… यूई
शायद कभी मिल ना पाएँगे आपसे ख्यालो से जुदा ना हो पाएँगे आपसे …… यूई
बंधा है मन मेरा खयाल में जो आपसे हुआ है यह बे-खयाल हर जमाल से …… यूई
कहने को बस है यह रिश्ता खयाल का इससे बेहतर क्या होगा इश्क खयाल का …… यूई
ख्यालोँ में कभी सोचा किए थे आपको ख्यालोँ मे ही बँध गया यह मन आपसे …… यूई
दफनाते हुए मेरी कबर के अन्दर आईना एक उलटा लटका देना सूरत जो ज़िन्दगी भर देखी उसमें सकू्न वह मौत में भी दिला जाएगी …
जब भी कोई शिकायत होते है तुमसे आईना उठा के ख़ुद मिलता हू खुदसे अकसर तो वो शिकायत ही नही बचती रह भी जांए अगर…
मैं तो ता-उमर दिखाता रहा हूँ तुझको तेरा जो था असली चेहरा तुमने ना माना अपना उसको चेहरा तुझको था पसंद तेरा नक्ली चेहरा …
आईने को तोड़ने से क्या होगा सच्चाई से मुँह मोड़ने से क्या होगा इन दोनों से आँखें मिला कर देख ज़िन्दगी की सच्चाई अपना कर…
बाहर सब यह जो हमारे दिखता हमको अन्दर हम जैसे वैसा सब दिखता हमको यह जो जमाने से है शिकायतें लाख हमको जमाने के दिल…
कौन जाने कब वोह आखिरी शाम आए जिसके बाद ना ज़िन्दगी की शाम आए …… यूई
लोग दोनों सूरतों में खूब हाथ मिलाते हैं उपर उठे हुए इनसान को नीचे गिराने में और उपर उठ गए इनसान को उठाने में ………
जिंदा रह के कभी जी ना पाए मौत के फलसफे वो समझाते हैं जिंदा हो के जो ख़ुद ही डूब गए वो मर के हमें…
ढूँढने की ऐसी लगी है आदत इसको कुछ ना कुछ ढूँढने में लगा है आदमी पल पल यह है कुछ ना कुछ ढूँढता जब कुछ…
अबके किस्मत होना खराब पिछले कर्मो का है हिसाब अबके नीयत होना खराब करती हैं अगली किस्मत खराब ……. यूई
रूह प्यासी रह जाते मेरी गर तेरे संग ना मर पाता ……. यूई
आपके प्यार करने का यह अंदाज़ खूब निराला है आपने नज़र उठाई भी नही और हमसे आँखें चार हो गई ……. यूई
खूब मिला है सिला मुझे तुझे दिल में बसाने का गलतियों तेरी के इल्ज़ाम लगते मुझ पे हैं सभी ……. यूई
सन्नाटे रात के हुए मेरे अपने से बेचेनीयाँ दिन की हुई पराई सी गहन अंधेरों में कर मिलन ख़ुद से खुदी की राह् मिली थी…
ना नज़ारो की बात करता हूँ ना हज़ारो की बात करता हूँ जिसने तराशे है यह नायाब हीरे उसमें मिलने की बात करता हूँ …….…
जिसने ना खुद के दिल की आवाज़ सुनी उसने फिर ना ता–उमर कोई राह् चुनी ……. यूई
इंसान ख़ुद ही ख़ुद का है सबसे बड़ा है शिक्षक भटक जाए तो है ख़ुद ही ख़ुद का सबसे बड़ा भक्षक ……. यूई
मैंने पूछा कैसे ए मालिक तेरा नाम मिलेगा मालिक बोला, नाम मेरा ले कर क्या मिलेगा जां बंदे कर सेवा मेरे बंदो की उसमें ही…
सबने ज़िन्दगी का फल्स्फा समझाया पानी है बस शोहरत और दौलत यह है बस मेरे आने का मकसद इसी को पाने से मिलेगा सब आराम…
दर दर पे मैं सदियों भटका हूँ अब जा के तेरे दर पे अटका हूँ खोल दर अब मुझे पनाह दे दे अपने दिल में…
मेहंदी रचे हाथों से मिली उस आपकी आखिरी अलविदा को, हमने दिल से यूँ मान लिया हाथ जोड़ तुम्हारा दिल रख तुम्हारी कब्र की बगल…
जबसे तुमने हमसे मुँह फेर लिया हमने तेरे घर का रास्ता छोड़ दिया हाँ कुछ मयकदो को घर बना लिया अब रिश्ता है यह पूरी…
तेरे होंठों पे सज जाऊँ मैं दुआओं की तरह आवाज़ तेरी में बस जाऊँ मैं आयत की तरह दिल तेरे में रच जाऊँ मैं तेरी…
दिल में रहते हो तुम घर है यह सिर्फ तुम्हारा बसते थे यहां सदा तुम बसेरा रहेगा स्दीवी तुम्हारा जाना हे तो जांओ पर ना…
तंग दिली के इस माहौल में जगह कम हो गई हर जगह दिल दिमाग आँगन और सीना तंग हुआ इनसान का हर कोना ………
बाहों की पनाहो से हमें ज़ुदा कर गए दिल की दीवारो से भी विदा कर गए मज़बूरीया रही होंगी ज़रूर कुछ ज्यादा यादों के झरोखों…
तेरी ज़ुल्फों की पनाहो में हो गुम बुने थे जो प्यार के हसीन सपने जो थे दिल के इतने क़रीब अपने जाने हो क्यों ना…
जिसने ख़ुद के दिल की ना आवाज़ सुनी ता-उमर उसने ना फिर कोई सही राह चुनी …… यूई
प्यार है कलियो की गुन गुन प्यार है पपीहे की झुन झुन …… यूई
प्यार है मेरी धरती, जिसपे छाया है आसमान तेरा प्यार वोह ब्रह्मांड मेरा, छा गया जिसपे मन तेरा …
प्यार वोह जो ज़िन्दगी दिखलाई तूने, प्यार है वो ज़िन्दगी जो जिवाई तूने …… यूई
प्यार है पहचान मेरी, प्यार है पहचान तेरी प्यार है रुबायी तेरी, प्यार है परछाई तेरी …
प्यार है दुखिया को हँसना प्यार है भूखे को खिलना प्यार है बच्चो को पढ़ाना प्यार है वफ़ा को निभाना …… यूई
प्यार वफ़ा का वोह गीत है, जो लुभा हमें बार बार गया हर बार यह खूब गाया गया संगीत यह सबका मनमीत है …
तलाक क्या सच में ही होता है इतना आसान चंद तारीखे कुछ ज़िरहे दो दस्तखत खोल दी गिरहे बस निकल लिए पकड़ ख़ुद की राहे…
दोस्त कहा से इतना दर्द लिया लपेट यह विष का जाल लिया अब इस ज़हर को कैसे दहन करू राह् और कोई तो नज़र ना…
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