हमारी रूह पर क़ब्ज़ा जमाने आ गई फिर से।
हमारी रूह पर क़ब्ज़ा जमाने आ गई फिर से। ये लड़की प्यार में पागल बनाने आ गई फिर से।। , हमारे कब्र का रसता किसी…
हमारी रूह पर क़ब्ज़ा जमाने आ गई फिर से। ये लड़की प्यार में पागल बनाने आ गई फिर से।। , हमारे कब्र का रसता किसी…
उसी का शहर था उसी की अदालत। वो ही था मुंसिफ उसी की वक़ालत।। , फिर होना था वो ही होता है अक्सर। हमी को…
इश्क़ करना बहुत आसान निभाना है बहुत मुश्किल। किसी ने पा लिया सब कुछ किसी को है नही मंजिल।। सफ़र में हम रहे तन्हा मिली…
जिसकों कहतें थे हम हमसफ़र अपना। वो तो था ही नही कभी रहगुज़र अपना।। , तुमको मुबारक हो भीड़ इस दुनिया की। हम काट लेंगे…
जीने की ख्वाहिश न मरने का गम है! है अधूरी कहानी जख्म ही जख्म है !! . न तुमने कहा कुछ न हमने कहा कुछ!…
घर मेरा तुम्हें हवादार नहीं लगता। मैने हकीकत कही तुम्हें असरदार नहीं लगता।। , कि कशती कहीं डूब न जाए सफर में मेरी। तुम दुआ…
बहुत परेशान करती है तन्हा रातें हमकों। मुसल्सल याद आती है मुलाकातें हमको।। , ऐसे क्यूँ ख़फ़ा हो गए बिना सबब के तुम। क़ोई वजह…
जिंदगी भर ये क्या इन्तेज़ाम किया हमनें। इक उम्र तो बस यूँ ही तमाम किया हमनें।। , पता नहीं किस ख़्वाहिश में दर ब दर…
खुद पे कुछ इस तरह से वार किया मैंने। तेरा न आना तय था इंतज़ार किया मैंने।। , जब थी फूलों सी फ़ितरत तो तोड़ा…
जो लिखा ही नहीं वो ख़्यालो में है। जिंदगी का मज़ा अब सवालों में है।। , जो जाता है उसको चले जानें दो। देख लेंगे…
ख़्वाब है जिंदगी,जिंदगी ख्वाब है। चेहरे देखा है उसका अलग आब है।। , जिसको कहतें रहे उम्र भर हम दवा। उसको सारा जहाँ कहता शराब…
याद आती है वो जग़ह, जब कभी पक्की सड़कों पे चलते चलते, थक जाता हूँ मैं और मन होता है, की इस शोर से दूर…
दिन भर अखबार लिए फिरता है इक बच्चा उसकी सुबह कब होती होगी, उसकी शाम कब होती होगी, शायद उसके लिए दोपहर न होती होगी,…
इक तारा आज फिर से टूटा बिखर गया। आसमान ने ये देखा वो फिर सिहर गया।। , किसकी है ये खता की वो छोड़ आया…
साहिल पे मैं आता हूँ अक़्सर, पता नहीं किस चाहत में , किसकी जुस्तजू में, बस सुकून मिलता है। , समंदर की लहरें कभी शांत…
इस क़ैद ए तन्हाई से कब रिहा होंगें हम। सोचा तो था की मुकम्मल जहां होंगे हम।। , रोज़ आते है ख़्याल हमकों परेशान करने।…
ऐ फ़लक ऐ हवा वो नजारा क्या हुआ। हर शाम जो दिखा था वो सितारा क्या हुआ।। , हमसें निभाया न गया क़िरदार जिंदगी का।…
इक जमानें मे सच है शज़र हुआ था मैं। जानें कितने परिंदों का घर हुआ था मैं।। , अपनी छाह में बच्चों को खेलता देखके।…
माना तेरे काफ़िलो में शामिल नहीं हुए। पर ऐसा न था की हम मंजिल नहीं हुए।। , इक उम्र गुजरी यूँ ही ख्वाबो ख्यालों में।…
कब तक करोंगे यूँ बेईमानी खुद से। मुझे छोड़कर करोगे,नादानी खुद से।। , हमारी दास्तानों को फरेब कहने वाले। लिख नहीं पाओगें ये,कहानी खुद से।…
न वो वक़्त रहा न याद है क़िस्सा कोई। मेरे हिस्से में ही नहीं है मेरा हिस्सा कोई।। , ये किया है ख़िज़ाँओ ने जहाँ…
हम तेरे वादों की जब गहराई में उतरे। सदमा सा लगा जब सच्चाई में उतरे।। , तुमको ढूंढते रहें थे महफिल महफिल। पर सुकून मिला…
इक अरसे से कोई ख्वाब नहीं देखा हमने। जब से तुम गए आफ़ताब नहीं देखा हमने।। , लफ्ज़ दर लफ्ज़ हम क्या क्या नहीं हुए…
कुछ न कुछ दिल में चलता रहता है। इक ख़्वाब अनदेखा पलता रहता है।। , क़िस्मत कहें की मुक़द्दर कहें उसको। जो नाम सुबह शाम…
दफ़न भी हुआ तो ज़िन्दा रहूँगा। कोई तो होगा जो पढेगा हमको।। @@@@RK@@@@
जो भी तुम कहते हो वही होगा। ऐसा सोचते हो तो नही होगा।। , हमसें क्यूँ पूँछते हो पते ठिकाने। मैं आसमाँ नहीं पता ज़मी…
लफ्ज़ो के साथ ज़बरदस्ती नहीं करते। शायर कभी आबादी में बस्ती नहीं करते।।
करते है शायरी तो जिन्दा है हम। वरना तो गुज़रे इक अरसा हो जाता।।
खुद पर तरस आ रहा है साहिल हमे। अभी तो बाकि है जिंदगी और भी।।
चला जाऊँगा एक दिन मैं तेरी मेहफिल से उठ करके। हमारा काम ही क्या है क्या होगा अब यहाँ रुकके।। मेरी यादो को आँखों में…
सदियाँ बीती है पर मसला नहीं बदला। उसूलों की बात थी मैंने फैसला नहीं बदला।।
रात अँधेरा ख़ामोशी तन्हाई,अश्क़ मिला। यादें वक़्त पल तस्वीरें बातें,अश्क़ मिला। , जिंदगी झूठ क्या वादें क्या क़समे इरादें। मौत सच तन्हाई सच आँखें,अश्क़ मिला।…
दर्द चोट आसूँ जख़्म अब मरहम चाहिए। सफ़र में क्या कहें हमको हमदम चाहिए।। ‘ मेरी मुस्कुराहट पर हैरत क्यूँ करते हो तुम। बोल दो…
देखना है की हिस्सों में कैसे बँट पाउँगा मैं। इक बूढ़ा शज़र हूँ लगता है कट जाऊंगा मैं।। ‘ मुझे सहारा देने में दिक्कतें तो…
दवा भी तुम दुआ भी तुम। हवा भी तुम फ़िजा भी तुम।। , घटा भी तुम अदा भी तुम। वफ़ा भी तुम सज़ा भी तुम।।…
अधूरी सी जिंदगी का अधूरा फ़साना हूँ मैं। नई सी दुनिया में शख़्स कोई पुराना हूँ मैं।। , चल रही है सरहदों पे जंग न…
कहाँ था क्या था और क्या हो गया हूँ मैं। इस भीड़ में न जाने कहा खो गया हूँ मैं।। , अब मुझको आवाज़ क्यूँ…
मैं ये नहीं कहता की तुम भला नहीं करते। पर बेबसों को रौंदकर अच्छा नहीं करते।। ‘ मदद कर दिया करो कभी बेबसों की भी।…
देखना है की हिस्सों में कैसे बँट पाउँगा मैं। इक बूढ़ा शज़र हूँ लगता है कट जाऊंगा मैं।। ‘ मुझे सहारा देने में दिक्कतें तो…
कुछ इस तरह से भी मर जाता हूँ मैं। जब सच होके झूठ से डर जाता हूँ मैं।। , उम्र भर की दस्ताने जब याद…
अँधेरो से कभी हमको डर नहीं लगता। पर तेरे बग़ैर ये घर भी घर नहीं लगता।। @@@@RK@@@@
माना की तेरे अपनों से बेहतर नहीं हूँ मैं। मुझे कभी छूकर के देखो पत्थर नहीं हूँ मैं।। @@@@RK@@@@
जिसनें बुजुर्गों की नसीहते नहीं सुनी। उसनें जिंदगी की हक़ीक़ते नहीं सुनी।। @@@@RK@@@@
चलो अब तुमने कहा है तो मान लेते है। पर ये बताओ अपने कहा जान लेते है।। ‘ यू खौफ न दिखाओ हमें मुश्किलो का।…
जिंदगी जिंदगी जिंदगी जिंदगी। बेबसी बेबसी बेबसी बेबसी।। , ख्वाहिशे ख्वाहिशें ख्वाहिशे ख्वाहिशे। कुछ नहीं कुछ नहीं कुछ नहीं कुछ नहीं।। , काफिले काफिले काफिले…
हमकों भी हक़ है जिन्दा रहने का। यूँ देखते क्यूँ हो हमको तुम।।
तुमने कहा की मै नहीं कहता हाल ए दिल। जबकि इक जमाने से अख़बार हूँ मैं।। @@@@RK@@@@
इक ज़माना था जब डरता था मैं। जब तेरी गलियों से गुजरता था मैं।। , तुम बेख़बर थे तुमको क्या मालूम। की कैसे ही पल…
साथ रहने से दवाओं की तासीर नहीं बदलती। असर तो होता ही है सबका अपना अपना।। @@@@RK@@@@
तेरे बिना जिंदगी बस इतनी सी है। बग़ैर रूह के इक ज़िस्म हो जैसे।। @@@@RK@@@@
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