कौन कहता है

कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है वो न आये तो सताती है ख़लिश सी दिल को…

गंगा की व्यथा

जीवन का आधार हूं मैं भागीरथ की पुकार हूं मैं मोक्ष का द्वार हूं मैं तेरे पूर्वजों का उपहार हूं मैं तेरा आज, तेरा कल…

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