सीने में गम
याद उनकी है दिलों में, सीने में गम भी है खौलता है ये लहू, सांस में परचम भी है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
याद उनकी है दिलों में, सीने में गम भी है खौलता है ये लहू, सांस में परचम भी है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
कुर्बानियां देकर वो, आज़ाद वतन को कर गए, खून ऐ जिगर वो, खातिर देश की मर गए -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
कारवां ले चले, हम वतन के नाम पर जुनून आज़ादी है, सर कफ़न बांधकर -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
आओ हम सब मिल कर के, एक नया रंग चढ़ा लें शांति प्रेम एकता का, अबीर गुलाल लगा लें -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
गांधी,भगत,चद्रशेखर ,झाँसी की महारानी हम सब की खातिर जिसने,अपनी जान गवा दी अम्बर से धरती पर आये,ये वतन बचाने आज़ादी क्या होती है,ये मूल पाठ…
तुम धरा सी धीरजता, सूर्य सी तपन बन जाओ आंच न देश पर आये, चिंगारी हो,अगन बन जाओ रोक दो आतंक को, वीरो तुम प्रलय…
निज नहीं कुछ स्वार्थ इनका, जीते हैं बस देश की खातिर हर वक़्त,पहरेदार बनकर, जागते हैं इस वतन की खातिर -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
बचपन के वो खेल, वो झूले, हंसी ठिठोली ,हम न भूले वो रूठना और मनाना, और मिलजुलकर हर ख़ुशी मनाना -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
गहरा है ये मेरा प्यार, बहना करती है इंतज़ार जा बसे तुम विदेश भैया कैसे बांधूंगी अब राखी राखी के धागों में पिरोये प्यार के…
जीत लिया संसार तूने, ये न तेरी जीत है जीता वही मानव, जिसे मानवों से प्रीत है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
बहना की राखी में, राखी के धागों में रक्षा है,शिक्षा है आशीष है, दुआ है अटूट बंधन है रोली है चन्दन है पावन पर्व का…
मेरी चादर का मैल हटा दे, माया मोह की फांस मिटा दे आये जग में हैं क्यूँ वो मकसद बता दे -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
है कर्तव्य यही, माता पिता का ध्यान रखो सीख मिले जो उनसे, उसको सर माथे धरो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
उथल पुथल सी होती है क्यों, मन की गति को रोक सही भटक भटक कर थक गया, स्थिर हो तू बैठ कहीं -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
जी ले जीवन ऐ मनवा, ये जग तो रैन बसेरा न हो बंधन न हो मुक्ति, नित रहे प्रिय का पहरा जी ले जीवन ऐ…
न हो मन उदास, सावन के मास आयंगे सांवरिया, बुहार ले डगरिया रख विश्वास प्रिय तेरे पास सावन के मास -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
ये सावन है,मनभावन मन में उठे उमंग हज़ार क्यों लगे ये बार बार संजू सवरू करूँ श्रंगार नैना तकें,पिया का आवन ये सावन है मनभावन…
बिछड़ गए मीत जिनके, मनवा उन्हें बुलाये छाये घटा सावन की जब, नैना भर भर आये मन सावन गीत गए, मेरा पिया,जब घर आये -विनीता…
ये कैसी मृगतृष्णा है, जो न मिठे सदियों तक नज़रों तक आये मधु, आये न पर अधरों तक -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
आ गया सावन देखो साथ,सात रंगों को लेकर हरियाली और खुशहाली बिखरी हुई है कण कण पर -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
दिन दिवस ,रैन अँधेरी दुष्प्रवत्तियाँ हैं घनेरी मुझको प्रकाश दिखला दो, अपना हाथ बड़ा दो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
मेरी चादर का,मैल हटा दे माया मोह की,फांस मिटा दे आये जग मैं क्यों,वो मकसद बता दे -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
मेरे गुरुवार,मन का दिया जला दो ठहर ठहर जाते मेरे पग, मुझको पंथ दिखा दो, मन का दिया जला दो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
विवेक संयम नियम अनुशासन सही मार्ग गुरु से मिले, वो करे जीवन मैं शासन -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
सोई हुई चेतना को, आप गुरुवार जाग्रत करदो मन की इस मरुस्थल मैं, स्नेह की बरसात करदो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
वरदहस्त रख दे,सर पे तो मुझको चैन मिले तू बैठा है अंतर मैं कब तुझसे नैन मिले -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
आईने को देख कर,ठहर जाता हु में कहता है जो आइना,सहज जाता हु मैं -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
जख्म ज़माने से मिले, जुल्म के, आलम मिले है वक़्त की पाबंदियां बिखरे न कोई आशियाँ -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
फिक्र किसी को नहीं किसी की, है ऐतराज सभी को औरों से क्या लेना,रखना अपनी बात सभी को -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
जिसके पास ज़मीर है, वह मनुज ही अमीर है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
कविता,अस्त्र है,शाश्त्र है तलवार है होगा परिवर्तन, यह विचार है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
हे मनुज तू स्वच्छंद नहीं है अब तू पाबंद फिर क्यों है तू मंद हे मनुज तू स्वच्छंद -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
मिला है जो तुमको अवसर, न उसको व्यर्थ गवाना अर्थ जीवन का है यही की, खो कर फिर है कुछ पाना -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
वेदो की ऋचाएं भारत से, वेद ज्ञान भारत से -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
विश्व वंदिनी ,जग जननी मेरी भारत माता तम हर के, जग को प्रकाश दिखलाता -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
जय जय भारत माँ, मन तू आरती गा -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
शांति दूत को मत छेड़ो, क्रांति दूत बन जायँगे -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
ऐ जमीं,ऐ सरहदें ऐ बैर भाव कैसा हम जो मिलेंगे मिटटी में तो तुम भी मिलोगे खाख में -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
विजयी रहे भारत मेरा, न हो दुश्मन का पहरा -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
क्या मरेगा दुश्मन, होंसले जो बुलंद हैं -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
चलते जाते ,बढ़ते जाते डरते नहीं हैं जख्मो से -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
सेना बड़ी ही मत वाली, इसकी अनोखी शान है भारत की सेना पर, हमको बड़ा अभिमान है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
मेरा प्यारा है तिरंगा, जिसके आगे झुकता शीश सदा -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
विश्व विजयी मेरा भारत, इसकी सदा ही शान रहे -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
धुल चाटना अरियों को , जब समय दुर्गम आए भारत माँ की कीर्ति को, युग युग तक गया जाये -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
एक माँ के लाल नहीं तुम, भारत माँ के लाल हो अरी के लिए तुम, त्रिशूल और कृपाण हो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
देखो भारत के जवानो, आस तुमसे भारत को तुमसे भारत भविष्य है, विश्वास तुमपर भारत को -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
युवा शक्ति है,साहस है,योद्धा है युग निर्माण की नीव है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
तुम सुधरोगे,देश आगे बढ़ेगा युवा जो बदलेगा,सारा विश्व बनेगा -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
मोबाइल लैपटॉप हैं प्रगति के साधन, दुरूपयोग करोगे,बनेगे ये बाधक -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
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