प्रेम

आओ हम सब मिल कर के, एक नया रंग चढ़ा लें शांति प्रेम एकता का, अबीर गुलाल लगा लें -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

देश भक्ति

गांधी,भगत,चद्रशेखर ,झाँसी की महारानी हम सब की खातिर जिसने,अपनी जान गवा दी अम्बर से धरती पर आये,ये वतन बचाने आज़ादी क्या होती है,ये मूल पाठ…

वीरों

तुम धरा सी धीरजता, सूर्य सी तपन बन जाओ आंच न देश पर आये, चिंगारी हो,अगन बन जाओ रोक दो आतंक को, वीरो तुम प्रलय…

वो दिन

बचपन के वो खेल, वो झूले, हंसी ठिठोली ,हम न भूले वो रूठना और मनाना, और मिलजुलकर हर ख़ुशी मनाना -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

याद

गहरा है ये मेरा प्यार, बहना करती है इंतज़ार जा बसे तुम विदेश भैया कैसे बांधूंगी अब राखी राखी के धागों में पिरोये प्यार के…

मानवता

जीत लिया संसार तूने, ये न तेरी जीत है जीता वही मानव, जिसे मानवों से प्रीत है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

राखी

बहना की राखी में, राखी के धागों में रक्षा है,शिक्षा है आशीष है, दुआ है अटूट बंधन है रोली है चन्दन है पावन पर्व का…

बता दे

मेरी चादर का मैल हटा दे, माया मोह की फांस मिटा दे आये जग में हैं क्यूँ वो मकसद बता दे -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

गति

उथल पुथल सी होती है क्यों, मन की गति को रोक सही भटक भटक कर थक गया, स्थिर हो तू बैठ कहीं -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

जग

जी ले जीवन ऐ मनवा, ये जग तो रैन बसेरा न हो बंधन न हो मुक्ति, नित रहे प्रिय का पहरा जी ले जीवन ऐ…

न हो उदास

न हो मन उदास, सावन के मास आयंगे सांवरिया, बुहार ले डगरिया रख विश्वास प्रिय तेरे पास सावन के मास -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

सावन मनभावन

ये सावन है,मनभावन मन में उठे उमंग हज़ार क्यों लगे ये बार बार संजू सवरू करूँ श्रंगार नैना तकें,पिया का आवन ये सावन है मनभावन…

मीत

बिछड़ गए मीत जिनके, मनवा उन्हें बुलाये छाये घटा सावन की जब, नैना भर भर आये मन सावन गीत गए, मेरा पिया,जब घर आये -विनीता…

मधु

ये कैसी मृगतृष्णा है, जो न मिठे सदियों तक नज़रों तक आये मधु, आये न पर अधरों तक -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

सावन

आ गया सावन देखो साथ,सात रंगों को लेकर हरियाली और खुशहाली बिखरी हुई है कण कण पर -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

प्रकाश

दिन दिवस ,रैन अँधेरी दुष्प्रवत्तियाँ हैं घनेरी मुझको प्रकाश दिखला दो, अपना हाथ बड़ा दो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

बता दे

मेरी चादर का,मैल हटा दे माया मोह की,फांस मिटा दे आये जग मैं क्यों,वो मकसद बता दे -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

पंथ

मेरे गुरुवार,मन का दिया जला दो ठहर ठहर जाते मेरे पग, मुझको पंथ दिखा दो, मन का दिया जला दो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

गुरुवार

सोई हुई चेतना को, आप गुरुवार जाग्रत करदो मन की इस मरुस्थल मैं, स्नेह की बरसात करदो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

वरदहस्त

वरदहस्त रख दे,सर पे तो मुझको चैन मिले तू बैठा है अंतर मैं कब तुझसे नैन मिले -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

आईने

आईने को देख कर,ठहर जाता हु में कहता है जो आइना,सहज जाता हु मैं -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

जख्म

जख्म ज़माने से मिले, जुल्म के, आलम मिले है वक़्त की पाबंदियां बिखरे न कोई आशियाँ -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

बात

फिक्र किसी को नहीं किसी की, है ऐतराज सभी को औरों से क्या लेना,रखना अपनी बात सभी को -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

स्वच्छंद

हे मनुज तू स्वच्छंद नहीं है अब तू पाबंद फिर क्यों है तू मंद हे मनुज तू स्वच्छंद -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

अवसर

मिला है जो तुमको अवसर, न उसको व्यर्थ गवाना अर्थ जीवन का है यही की, खो कर फिर है कुछ पाना -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

सरहदें

ऐ जमीं,ऐ सरहदें ऐ बैर भाव कैसा हम जो मिलेंगे मिटटी में तो तुम भी मिलोगे खाख में -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

सेना

सेना बड़ी ही मत वाली, इसकी अनोखी शान है भारत की सेना पर, हमको बड़ा अभिमान है -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

अरी

धुल चाटना अरियों को , जब समय दुर्गम आए भारत माँ की कीर्ति को, युग युग तक गया जाये -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

लाल

एक माँ के लाल नहीं तुम, भारत माँ के लाल हो अरी के लिए तुम, त्रिशूल और कृपाण हो -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

जवान

देखो भारत के जवानो, आस तुमसे भारत को तुमसे भारत भविष्य है, विश्वास तुमपर भारत को -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

साधन

मोबाइल लैपटॉप हैं प्रगति के साधन, दुरूपयोग करोगे,बनेगे ये बाधक -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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