ग़ज़ल
ग़ज़ल उनके चेहरे से जो मुस्कान चली जाती है, मेरी दौलत मेरी पहचान चली जाती है। जिंदगी रोज गुजरती है यहाँ बे मक़सद, कितने लम्हों…
ग़ज़ल उनके चेहरे से जो मुस्कान चली जाती है, मेरी दौलत मेरी पहचान चली जाती है। जिंदगी रोज गुजरती है यहाँ बे मक़सद, कितने लम्हों…
वतन में आज नया आफताब निकला है, हर एक घर से गुल ए इंकलाब निकला है। सवाल बरसों सताते रहे थे जो हमको, सुकूनबख्श कोई…
अगर इश्क हो तो ही होती गज़ल है। ख़यालों के बिस्तर पे सोती गज़ल है।। दिशा है दिखाती ये भटके हुओं को, दिलों…
हंसाकर कहीं तुम रुला तो न दोगे, कोई जख़्म फिर से नया तो न दोगे। हसीं वादियों के सपने दिखाकर, कहीं यार तुम भी दग़ा…
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