रुख़्सत कुछ इस तरह हो गए
रुख़्सत कुछ इस तरह हो गए वो जिंदगी से मेरी, मानो बिन मौसम की बरसात झट से गिरकर तेज़ धूप सी खिला जाती हो, कम्बख़त…
रुख़्सत कुछ इस तरह हो गए वो जिंदगी से मेरी, मानो बिन मौसम की बरसात झट से गिरकर तेज़ धूप सी खिला जाती हो, कम्बख़त…
आज गिर गई बूँदें हज़ार, क़ुदरत ने बड़ा शोर मचाया है, समझा था उसकी ख़ुशियों का फुहार है ये वो तो देखते ही देखते तबाही…
तेरी हर बात में मजेदारी है तेरी हर याद बड़ी प्यारी है, मुश्किल के वक़्त तू हँसा देती है और मेरी हर बदमाशियों को तू…
गम की अँधेरी रात में, तू दिल को बेकरार न कर आसमान के वही तारे एक रोज़ चाँदनी रात भी लाएँगे तू थोड़ा इंतज़ार तो…
क्या हिम्मत रखता था तू डरता था न मौत से, ठान लिया जब जीतने की सफलता मिली हर ओर से तेरे रुतबे ने ही तो…
रण में उतर जा प्रण कर ले, लड़ते जा तब तक जब तक तू कीचड़ के ढेर में कमल स न खिले, मंज़र कैसा भी…
सालों पहले मिली आजादी के बाद भी आज हम खुद से लड़ रहे हैं हम कैसे मान लें कि हम प्रगति की ओर आगे बढ़…
अभी हम नशे में नहीं हैं इसलिए खुशियों भरा संदेश लिख पाए, नहीं तो दर्द लिखकर स्याही ख़त्म कर देने में हम माहिर हैं।।
वो कहती है लिखा हुआ आज सुना दो मैंने सिर्फ इतना ही कहा जुबाँ लड़खड़ा जाएगी एहसास बड़े गंभीर हैं -मनीष
मैं ज्यादा तो नहीं थोड़ी सी बात तुझसे कहना चाहता हूँ, यार तो तुम अब भी लंगोटिया हो, बस समय के फेर में थोड़ा तुमसे…
कोई तंग है, कोई हैरान है जिंदगी आज कुछ इस तरह से परेशान है चेहरे हँस रहे है फिर भी रौनक उनमें कम है शायद…
वो बचपन वाला मैदान आज भी मेरे इंतज़ार में मुझसे मिलने को तरस रहा है, अब तो बादल भी गुस्से में है मेरे यार मेरे…
इतने गर्म शहर में भी चुभ सी रही हैं, ये सर्द हवा, ये शीतल सा पानी, ये सुकूँ भरी छाओं ऐ दोस्त कितना भटक स…
ज़माने से बेपरवाह रहती है दुनिया के दिखावे से अंजान है माँ तू ऐसी क्यों है जो मेरी खुशियों में अपनी खुशियाँ संजोए रहती है।।…
हर पल मेरी परवाह करते थकती क्यों तू न है, माँ मुझको इतना बतला दे तेरा भी क्या सपना है।। चंदा मामा के किस्से…
कितना भी ज़िद्दी बन जाऊँ, माँ थोड़ा भी न गुस्सा होती है, एक निवाला अपने हिस्से का खिलाकर माँ फिर चैन से सोती है।। -मनीष
न तुम हो न हम हैं फिर भी वो एहसास हर दम है, इशारों से बातें करना, मंद-मंद न चाह के भी मुस्कुराना, तेरी हर…
कितना भी गिरूँ जीवन में तू ताकत देना उठने की, ऐ खुदा अस्त सूरज सा खूबसूरत दिखूँ और चढ़ते सूरज सा ऊर्जावान।। -मनीष
कुछ संघर्ष को भी सीख ले फिर जिंदगी को तू जीत ले, कभी मुश्किलों की हार से कभी तजुर्बे की मार से हौसला थोड़ा सा…
कोख़ से मैं कितना बचती रही, दुनिया में ला कर तुमने ठुकराया, शर्म मुझे है ऊपरवाले की इस रचना पर जहाँ जिस्म के भूखों को…
#जालियाँवाला_बाग़ #13अप्रैल कुछ दाग़ लगे जो इतिहास पे, वो दर्द बहुत दे जाते हैं, किस्से जब उसके सामने आते रूह तब-तब फिर काँप सी जाती…
सुकूँ कुछ ऐसा मिलना चाहिए जिंदगी को, जैसे तेरे नर्म हाँथो पे मेरे हाँथ होने का एहसास हो।। -मनीष
ख़ुशियों के पल में तो ख़ुशियों ने बख़ूबी साथ निभाया, और जब-जब मन निराश हुआ तब-तब क़लम के माध्यम से बनी कविता ने शांति का…
#सफरनामा जहाँ इंसान दुःखी होता है वहाँ ही सिर्फ अल्लाह या भगवान् के नाम से मिलता है नहीं तो सिर्फ और सिर्फ आगे बढ़ो का…
कल हार थी, आज जीत है आज जीत कर भी मैं अधूरा सा हूँ, ये जिंदगी की कैसी रीत है। -मनीष
तेरी पहली पंक्ति में मैंने तुझे शीशे सा टूटता हुआ देखा, और जब तूने दूसरी और अंतिम पंक्ति लिखी तो उसी शीशे के टुकड़ों को…
कुछ परेशानी से तो कुछ संघर्ष की कहानियों से, जीवन नहीं कटता बिना दुःख और दर्द की निशानियों से, कभी टूटता तन, तो कभी रूठता…
इतना चाहने पे भी तू सनम न हुआ, बस यही तो गम है कि तू ‘हम’ न हुआ की तू ‘हम’ न हुआ।। -मनीष
कई क़िस्से, कई बातें फिर हँसती खिलखिलाती मुलाकातें, उन दिनों की एक-एक यादें आज भी मेरे साथ हैं, तू जो छोड़कर चला गया अब क़लम…
#भारतीय_रेल लोहे की खिड़की पे सिर रखकर, सपनो को करीब से देखा है, पहियों के रफ़्तार से, अनुभव को भरपूर जीता है इस तरह यादें…
माँ तेरे प्यार को कैसे लिखूँ, प्यारे से दुलार को कैसे लिखूँ, सुबह का जगाना और रात लोरी सुनना पल पल पूछे खाना खाले जो…
जिंदगी भी कितनी अजीब है एक लंबे संघर्ष के बाद ही खूबसूरत सी जीत है, आँधी की तबाही के पहले हर बार सन्नाटा सा होता…
मैं भी अब कुछ करने के क़ाबिल हो गया हूँ, रुपयों से खुशियाँ खरीदने की दौड़ मे मैं भी शामिल हो गया हूँ #पहलीनौकरीकीख़ुशीमे -मनीष
महिला दिवस पर प्रत्येक महिला को समर्पित ये छोटा सा लेख।। तेरी शान से ही तो हर पल मेरी शान है, जहाँ-जहाँ तू कदम रखे…
इंसान की शक्ल में आज हैवान नज़र आया, की मैख़ाने के करीब कोई बदजुबान नज़र आया, कोई ज़माने पे इलज़ाम लागते नज़र आया तो कोई…
क्यों मन हर पल रोता है, डरता क्यों उससे जो होता है, तेरी हिम्मत तेरे हाँथो, फिर भी दहसत में क्यों सोता है, अपना एक…
जिंदगी संग तो हर दिन की यारी है, तुम खुद ही बता दो मौत कब मिलने की तैयारी है।। -मनीष
इस रंग बिरंगी होली की हर बात बहुत ही निराली है, जहाँ-जहाँ तक नज़रें जाती, मस्ती की हर तरफ तैयारी है, माँ के हाँथ के…
आइना आज फिरसे सामने आया, बीत चुके समय की उन मुश्किलों और गलतियों को मुझसे रूबरू कराया, थोड़ा हंसाया और थोड़ा रुलाया, जब बीते हुए…
मुश्किल है उस समय को याद करना याद फिर भी आ जाती है रोते तड़पते लोगो की तस्वीर सामने आ जाती है आतंक के शैतानो…
The days are gone, When we used to play in a small veranda which looked like a large playground. The days are gone, When we…
मुश्किल है ये सफर फिर भी हौसला कभी भी डिगता नहीं ठण्ड परीक्षा लेती है पर ये हौसला कभी भी झुकता नहीं चार दीवारी के…
दुखी हो जाता है मन मेरा भी जब जब दुखी तुझे मैं पाता हूँ क्या बोलूँ मैं दर्द मेरा टूट सा पूरा जाता हूँ …
You taught me the meaning of love and You taught me the meaning of life Whenever I fall you taught me How to stand and…
तुम धरती हो, तुम आसमान हो और तुम ही ये जाहां हो सूरज सा तेज और चाँद की चांदनी की तरह ही तो तुम ही…
वो समय की भी क्या बात थी, जब मुश्किलों की न कोई रात थी हम उछलते थे कूदते थे और खुशियों की धुन में हमेशा…
You teach me how to speak You teach me how to eat Whenever I felt low You teach me how to be strong You are…
मैंने सपनो को टूटते हुए देखा है मैंने अपनों को रूठते हुए देखा है मेरी क्या औकात है तेरे सामने ऐ जिंदगी मैंने तो अपने…
I started dreaming when you falling asleep I worked day and night to make proud of my country I never afraid about the height of…
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