शीत ऋतु
शीत ऋतु की घटा धरा पर धुंध गगन पर छाई है ओस की नम बूंदे पत्तों पर प्रेम का सार लाई है झाँके भास्कर जब…
शीत ऋतु की घटा धरा पर धुंध गगन पर छाई है ओस की नम बूंदे पत्तों पर प्रेम का सार लाई है झाँके भास्कर जब…
ज़रा ध्यान से देखो हिंदी हमारी भारतीयता की गौरव की कहानी स्वयं माथे बिंदिया चुनरिया ओढ़कर भारतीय सभ्यता संस्कृति दर्शाती दिन प्रितिदिन की बोलचाल में…
ज़रा ध्यान से देखो हिंदी हमारी भारतीयता की गौरव की कहानी स्वयं माथे बिंदिया चुनरिया ओढ़कर भारतीय सभ्यता संस्कृति दर्शाती दिन प्रितिदिन की बोलचाल में…
गूँज उठा है ये संसार चारों ओर है जय जयकार मग्न हो करके थिरक रहे हैं शंकर शम्भू के शिवगण आज जाते हर वर्ष हरि…
प्राणों से प्रिय प्राण प्रिय हमारे जीवन की नैया के रखवाले सात वचनों से जुड़े डोर हमारे ईश्वर अनुकम्पा के मतवारे। चूड़ी की खनक बिंदी…
दुनिया की अंधाधुंध गाड़ियों की भीड़ में एक नन्हीं सी परी को खड़ा जो देखा पाँव से रुक गए देख कर उसको फिर मन में…
दुनिया की अंधाधुंध गाड़ियों की भीड़ में एक नन्हीं सी परी को खड़ा जो देखा पाँव से रुक गए देख कर उसको फिर मन में…
उठा के फर्श से अर्श तक के सफर में हर कदम साथ चलते हैं पापा डर हो मन में किसी बात का हममें उंगली थाम…
एक ही शब्द में ब्रह्मांड समाये देवों ने भी मस्तक हैं झुकाये अपने अंदर नव जीव बनाये अंधा निःस्वार्थ प्रेम भी समाये जीवन में हर…
दो अनजानों का ये रिश्ता, प्रभु आशीष से जुड़ता है सात वचनों और सात फेरों का, रिश्ता प्रेम से बंधता है। गाँठ रिश्ते की गठबंधन…
इस बेरंग सी जिंदगी में मानो, रंग जो आप भर रहे कल की इस कोमल कली को हाथ थाम कर सिखला रहे जब बाहें हो…
साँवला सलोना चला, माखन चुराने को। मैया ने देख लिया, रंगे हाथ गिरधारी को। कान पकड़ के मैया, कहती हैं नंद से। क्यों चुराए है…
श्यामल रूप है,नंद को लाल है। मोर मुकुट संग, पायल झंकायो है। नटखट अठखेलियों से, गोपियाँ रिझायो है। माखन खायो है, रास रचायो है। यमुना…
राखी का त्योहार है आया भाई बहन का प्यार समाया रोली, चंदन,मीठा, अक्षत रक्षाकवच के साथ सजाया सूनी कलाई पर बहन ने अपना स्नेह भरा…
इंद्रधनुष के सात रंगों सी, अपनी हो ये यारी। रहो सदा आप मेरे हृदय में, बनकर दिल की रानी। साथ तेरा हो मेरे साथ में,…
सात वचनों और सात फेरों का अटूट बंधन आपका बंधा रहे हँसती रहें और मस्त रहें आप संग पिया के सजी रहें हर दिन हर…
लौट रहा है बचपन दोबारा लॉक डाउन के माहौल में खेल रहे हैं वही पुराने खेल हम मिलके साथ में खो गया था बचपन हमारा…
पल पल हर दिन बीत रहे हैं बस इसी सोच को अपनाए हुए है अगर साथ महादेव तुम्हारा जियेंगे पुनः हम आशीष लिए।।
कर दी हैं अब लाल वो राहें भारत माँ के वीरों ने नाप रहे हैं कदम कदम से मीलों दूरी भी तकलीफों से।।
एक घर में जन्म लिया तो दूजे घर में ब्याही गई एक घर मे पाली बड़ी हुई दूजे घर की रानी बनी एक घर में…
क्या कभी ये सोचा था तुमने ऐसा वक़्त भी आएगा घर की चारदीवारी के भीतर जीवन बिताना पड़ जायेगा न ही मिलना होगा किसी से…
फूलों की खुशबू की भाँति महक जाए जीवन की डाली तारों की चाँदनी की भाँति रोशन हो दुनिया तुम्हारी सूरज की तेज़ की भाँति प्रकाश…
ग्रीन जोन में आये हो भैया फिर भी संभल कर रहना भैया बीमारी है ये छुआछूत की दूरी फिर भी बनाना भैया मास्क हमेशा लगाना…
तेरे हाथ की हथेली पर मैं क्या उपहार की भेंट करूँ काबिल नहीं हूं इतना मैं आज जो तुझको कुछ भेंट करूँ। देने को बस…
वो प्यारी सी नन्ही सी कली थी धरती से वो जन्मी थी जनक जी के महल में लेकिन पाली पोसी और बड़ी हुई थी मखमल…
हाथ मे डंडा, बदन पर धोती ऐनक पहने रहते थे दुबली पतली काया थी पर देश प्रेम में रहते थे दो ही शब्दों को ही…
घर से बाहर काम करने वालों का, होता है रविवार, घर में काम करने वाली माँ का, नहीं होता कोई रविवार, लगे रहती है वो…
दूसरों की तरक्की की देख, न जल ओ खुदा के बन्दे। तू भी कम नहीं है किसी से, इस बात को हमेशा याद रख।।
इस काँटो भरी दुनिया में माँ आपका ही तो सहारा है इस तपती जलती धूप में माँ आपका ही आँचल ठंडा पाया है दौड़ भाग…
रख हौसला, वो दिन भी आएगा जब तू अपने सपने सच कर जाएगा मत हताश हो नाकामयाबी से कामयाबी का रास्ता खुद चल कर आएगा…
गर देती है जन्म माँ तो जिंदगी संवारते हैं पापा जेब खाली हो फिर भी झोली भर देते हैं पापा। अपनी हर ख्वाइशों पर पर्दा…
ये जो कलम की ताकत है ज़नाब, ख़ाक से उठा, आसमां तक पहुँचा सकती है।।
शब्दों का भंडार लिए ज्ञान का प्रकाश लिए हर घर आंगन दिखती है जीवन का सारांश लिए। यूँ तो रहती मौन है फिर भी बहुत…
जब भी खुद को मुश्किलों में पाया है, ये मालिक तुम्ही ने दिया सहारा है, भले ही नज़रों से नज़र नहीं आते हो, यकीनन तुमने…
ठान लूँ गर मैं तो कुछ भी कर सकती हूँ ठान लूँ गर मैं तो असंभव भी संभव कर सकती हूँ ठान लूँ गर मैं…
यूँ गर हाथों में हाथ तुम्हारा होगा जिंदगी का हर सफर सुहाना होगा बिता जाएंगे अंतिम लम्हों को भी मुस्कुराके गर आखिरी साँस तक साथ…
आँखों ही आँखों में, जाने कब बड़ी हो जाती है देखते ही देखते, वो घड़ी भी आ जाती है न चाहते हुए भी, अपने दिल…
अज्ञानता का मिटा अंधेरा ज्ञान की ज्योत जलाते हैं अथाह शब्दों का भंडार लिए जीवन पथ सुगम बनाते हैं बाधाओं से पार कराते ज्ञान का…
भारत माँ के प्यारे वीरो मेरा आप सबको प्रणाम है जो हो गए शहीद, देश की खातिर वीर तुम्हे सलाम है घर छोड़ा ,संग छोड़ी…
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