शायरी
ऐसा तपा के सुन्न किया है तेरी तड़प ने कि अब नहीं लगती मुझे गर्मी-सर्दी
ऐसा तपा के सुन्न किया है तेरी तड़प ने कि अब नहीं लगती मुझे गर्मी-सर्दी
ऊपर से टपक रही है छत नीचे सीलन आ गई दीवारों में दाम किसी काम के मिलते नहीं चाहे हम खुद भी बिक जाएँ बाज़ारों…
एक तू ही है जो नहीं है बाकि तो सब हैं लेकिन… तेरे न होने का वज़ूद भी सबके होने पे भारी है मुझे भी…
उसके चुप रहने का अंदाज़ बहुत कुछ कहता है इशारो की बातें हैं कोई लफ्ज़ भी इतने सलीखे से नहीं कहता है।
अपने ही सूरज की रोशनी में मोती–सा चमकता औस का कतरा है आज़ वो जो कल तक था अंधेरे में जी रहा। कितनो की…
क्या सिर्फ चेहरे पर बनी कुछ लकीरें तय करती हैं ख़ुशी ? या फिर किसीके पूछने पर ये कह देना “मैँ खु़श हूँ” इससे ख़ुशी…
दिन–रात लिखूँ हर बात लिखूँ दिल के राज़ लिखूँ मन के साज़ लिखूँ। अपने वो दिन बेनाम लिखूँ लेकिन नहीं हुआ बदनाम लिखूँ कितना…
कुछ खो गया है मेरा या फिर मैं खुद ही लुटा रहा हूँ जिंदगी कहीं चल तू ही बता दे जिंदगी आज़ नहीं तो कल…
कभी–कभी कागज पर खिंची लकीरों के बीच भी कोई तस्वीर इस कदर से जिंदा हो जाती है कि जिसकी होती है वो तस्वीर उससे मिले…
तुम्हारे होठों का सिर्फ मधु ही मुझे प्यारा नहीं बल्कि प्यारी लगती हैं वो कड़वी बातें भी जो तुम कहती हो क्योंकि वो होती हैं…
”Prepare for future But just Not so vast That you might have lost The present” – KUMAR BUNTY
Life is so cool Because how easily it makes us fool When it wants And we can’t denied to it Because we are actually so…
Happiness is just the way to get it Someone who learnt Can become expert Who doesn’t, may be lost self
उससे दोबारा होगी मुलाकात क्योंकि गोल है दुनिया, इस उम्मीद में इंतजार उसका आज़ भी बरकरार है।
तेरे नैनों की किताबें पढ़ने की जिद्द पकड़ी है इस दिल ने, तू अपनी पलकों का ये पहला पन्ना तो पलट दे।
तुझसे मिलने का मुझे कोई आसार भी नहीं दिखता। लेकिन इंतज़ार तेरा करते–करते मैं फिर भी नहीं थकता।
साथ देने में मेरा जिंदगी के दुखों का कोई सानी नहीं असल में तो दुख के बिना सुख का भी कोई मानी नहीं। मानी=…
तंग नहीं करता हूँ मैँ उसे आज़कल ये बात भी तो उसे तंग करती है ।
कभी–कभी सोचता हूँ कि कुछ देर सोचना बंद कर दूँ।
अंत तो तेरा भी वही होगा अंत मेरा भी वही होगा लेकिन फर्क इस बात से पड़ेगा कि किसकी जगह लेने वाला कोई नहीं होगा।
साथी तो मेरे वो भी खूब रहे जो लगातार मेरी तनकीद करते रहे लेकिन अमल–अंगेज़ तो मेरे वो बखूबी रहे जो लगातार मुझसे कोई…
जिंदगी की जंग मुझसे जारी है कभी मैं उसपे तो कभी वो मुझपे भारी है।
ज्ञानी को होता है एकांत पसंद लेकिन किसीसे मिलने की तलब मूर्खता का प्रमाण तो नहीं होता कम से कम प्यार में तो नहीं…
क्या नाम है उसका कौन से देश से है वो असल मे दिल देने वाला तो सोचता ही नहीं इन सब बातों को।
है मुझे एक मर्ज़ लेकिन मुझे खौफ नहीं क्योंकि है वो मर्ज़ बेखौफी का ही।
प्रेम के बारे में क्या बात करूँ प्रेम की अभिव्यक्ति शब्दों मे कहां होती है मिले न सबको प्रेम वो अलग बात है लेकिन प्रेम…
वक़्ता भी क्या बोले जब कोई उसे ध्यान से सुनने को तैयार नहीं। लेखक भी क्यों लिखे जब कोई कुछ दिल से पढ़ने को…
न जाने क्या–क्या चीजें लिखता रहता हूँ मैं वक़्त की इस महँगाई में खुद के ही हाथों खुद को बिकता रहता हूँ मैं सब से…
अधूरापन ये मेरा क्या पता मेरे भीतर कोई आग जला दे और फिर कभी मेरे भीतर कोई कामयाब सूरज़ उगा दे। –कुमार बन्टी…
कौन जानता है कि कौन मिलेगा कहां देखौं न मैं तो हूँ यहां और तुम हो न जाने कहां लेकिन तुम मिल रहे हो मुझसे…
बातें दिल की बयां करना आसां नहीं इतना लेकिन अपनी सदा को इतना काबिल तो जरूरी है बनाना कि डर से भी कभी न पड़े…
नहीं हारनी है हिम्मत जब तक ये साँस हैं क्योंकि मुझे उम्मीद की चाह से ज्यादा कोशिश की राह पे विश्वाश है। – …
अमीर लोगों की अमीरी से बड़े लोगों की बड़लोकी से मुझे नफरत नहीं मुझे नफ़रत है उनके नखरों से और मुझे ये भी मालूम है…
वर और वधू के लिए जितनी दौड़ दिख रही है उससे ज्यादा तो लड़कों में गर्लफ्रेंड और लड़कियों में बॉयफ्रेंड के लिए आजकल एक दौड़…
दिन में देखा सपना रात को देखा सपना रात का जब टूटा सपना दिन में जगा हुआ पाया लेकिन दिन का जब टूटा सपना रात…
मोती को धागे से और धागे को मोती से जब तक होता नहीं प्यार तब तक उनकी नहीं बनती कोई विशिष्ट पहचान। मोती=शब्द धागे=विचार…
दिन में देखा सपना रात को देखा सपना रात का जब टूटा सपना दिन में जगा हुआ पाया लेकिन रात का जब टूटा सपना दिन…
यूँ तो रिश्ते रोज़ ही बनते हैं इस जहां में कुछ टूट जाते हैं कुछ बिक भी जाते हैं लेकर बहाने तरह–तरह के लेकिन टिकते…
जिसको जरूरत होती है वही साथ चलता है बिन जरूरत वाला तो बस तनक़ीद करने को ही मिलता है। अपना मतलब न सोचे दूसरे…
भीड़ भरी इस तन्हाई में जीना एक अलग नज़रिए के साथ कितना जरुरी बन गया दिन–ब–दिन बदलता यहां हर मुकाम मुझे ये जाहिर कर गया।…
एक ही झटके में सबकुछ समझ जाओ तुम मेरा जीवन ऐसी कोई खुली किताब नहीं राह हासिल करने को गंदी नाली को स्वीकारले ऐसा ये…
वज़न उठता नहीं तुमसे दो मण भी कहां गई शक्ति तुम्हारे यौवन की और कहां है अभिव्यक्ति तुम्हारे मन की। चलो ये वज़न तो…
तेरी देहलीज टपने खातिर काफी दिनों से कुछ किया ही नहीं। ऐसा लगा मानो जिंदा रहके भी इस दौरान मैं जिया ही नहीं।
मेरी उदासी भी मेरे लिए बन गई खूबसूरत ये किसीका कोई असर ही है खूबसूरत। लेकर बैठा रहता मैं जब अपनी रोनी सूरत उस…
उसके इंतजार में मेरी पूरी जिंदगी गुज़र गई। मोहब्बत की ये कीमत भी मुझे कम लगी।
तुझसे मिलने का मुझे कोई आसार भी नहीं दिखता। लेकिन इंतज़ार तेरा करते–करते मैं फिर भी नहीं थकता।
उसके जैसी कोई लडकी नहीं मिली कभी आजतक। लेकिन वो भी तो मुझे नहीं मिली कभी आजतक।। उससे मिलके अनजाने में ही सँवरे थे हम…
अकेले होने का मतलब हर बार बस उदास होना ही नहीं होता हो सकता था मैं भी बरबाद पास अगर मैं खुद के न होता।…
कुछ पल बन जाते हैं सब कुछ। कुछ पल कह देते हैं खुद ही कुछ। कुछ पल छोड़ते नहीं संग में कुछ। …
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