पत्र

ये लहू कह रहा है कि भूल न जाना, न हम कर सके जो वो करके दिखाना, हम मिटे सरहदो पे कोई गम हमें नहीं…

पत्र

ये लहू कह रहा है कि भूल न जाना, न हम कर सके जो वो करके दिखाना, हम मिटे सरहदो, पे कोई गम हमें नहीं…

भारतमाता

स्वर्णिम ओज सिर मुकुट धारणी,विभूषित चन्द्र ललाट पर गुंजन करे ये मधुर कल-कल, केशिक हिमाद्रि सवारकर आभामय है मुखमडंल तेरा, स्नेहपू्र्णिता अतंरमन। अभिवादन माँ भारती,…

क्या है भारत।

क्या है भारत । एक कल्पना है ये भारत, हरिअर वन-खलिहानो की रहे सूखी जहाँ ये धरती तो उसे भारत नही समझना एक उम्मीद है…

यारी

बेखौफ है हम, देखो इस जहाँ से जो संग मेरे तू है इतमिनान से बीते साये में तेरे ये दिन तुम्हें कह रहा हूँ यारा…

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