रिवायत

••• अज़ब दुनिया गज़ब ज़माना है। ज़ख्म खा कर भी मुस्कुराना है।। आँधी में टूट कर जो बिखरे हैं। उन घरोंदों को फिर सजाना है।।…

अपनापन

••• किये जिस पे भी तुमने तंज़ वो सब तुम्हारे हैं। रंज जिस से भी करोगे वो सब तुम्हारे हैं।। रूबरू लौट कर आयेंगे वो…

वक़्त

••• दामन-ए-वक़्त में हर ग़म को छुपाना होगा। वरना तमाम उम्र यूँ ही अश्क़ बहाना होगा।। जहान में कौन अज़ल तक रहा सलामत है। आख़िर…

Politeness

••• sometimes arrogance don’t need to be explained through words It maybe expressed through actions by the arrogant personalities however submissiveness always prevails over arrogant…

Identity

••• name and fame of individuals doesn’t matter what simply matters understanding of self responsibilities clarity of actions commitment to deliver and act to perform…

दोस्ती

*** दोस्ती हो तो ऐसी कि उसके मुक़ाबिल पुश्तैनी दुश्मनी भी फ़ीकी पड़ जाये…. दोस्त के बिना रहा न जाये अगर दोस्त मिल जाए तो…

मातृभाषा

*** पतित पावनी हरित धरा पर जिस दिन से आँखें खोली हैं। कानों में शहद घोलती सी ये अपनी मातृभाषा की बोली है।। बचपन में…

एकल प्रणय

तुमने स्वीकार किया ना किया.. मैने तो अपना मान लिया ! प्रिय मन में मुझे बसाना था.. तुम भ्रांति ह्रदय में बसा बैठी !! ~~~…

मिलन

तुमसे मिलने की ललक.. मेरी इन साँसों को ! एक उम्मीद-औ-आशा की झलक दे जाती है !! तेरी बस एक झलक.. उम्मीदों के तप्त मरुस्थल…

सुकून

जब न था इश्क दर्दे-ए-दिल न था! जब से उनसे उलझी नज़रें बेकली सी  हो गयी!! *********                     इब्दिता-ए-इश्क में..               उनके उठाए नाज़-ओ-खम!         …

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