तुम्हें क्या कहूँ
तुम्हें चांद कहूं, नहीं, तुम उससे भी हंसीन हो। तुम्हें फूल कहूं, नहीं, तुम उससे भी कमसीन हो। तुम्हें नूर कहूं, नहीं, तुम उससे ज्यादा…
तुम्हें चांद कहूं, नहीं, तुम उससे भी हंसीन हो। तुम्हें फूल कहूं, नहीं, तुम उससे भी कमसीन हो। तुम्हें नूर कहूं, नहीं, तुम उससे ज्यादा…
तेरे कांधे पर, सर रख सोना चाहता हूँ। तेरे आगोश में, सब कुछ खोना चाहता हूँ। जन्नत सुना था, तेरी बाँहों में देख भी लिया,…
बड़े मायूस होकर, तेरे कूचे से हम निकले। देखा न एक नज़र, तुम क्यों बेरहम निकले। तेरी गलियों में फिरता हूँ, एक दीद को तेरी,…
“हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ” क्या सुनाऊँ मैं, हिंदी की व्यथा। वर्तमान सत्य है, नहीं कोई कथा। आजकल के बच्चे A B C D… तो…
ऐसी हो जिंदगी जिस पर नाज़ करे। खुदा तुम्हें, मेरी भी उम्र दराज़ करें। हर राह रौशन, काँटों से महफूज़ दामन, इतनी खुशियाँ बख्शे गम…
कुछ ऐसा कर जाएंगे, सारा शहर देखेगा। मेरे शहर का, अब हर एक बशर देखेगा। मेरे सितारे भी चमकेंगे एक दिन यकीनन, गुज़रूं जहां से,…
कौन हूँ मैं, और क्या वजूद है मेरा। जहाँ में क्या पहचान मौजूद है मेरा। शायद ऊँचा कोई मुकाम पा न सका, और कोई नहीं,…
सुन सदा मेरी, वो चल निकले। मेरे अपने ही संगदिल निकले। जिन पे भरोसा किया था हमने, वो भी साजिशों में शामिल निकले। ना रही…
दस्तकश कहां जाओगे। क्या मुझे भूल पाओगे। मैं तो तुम्हारी आदत हूं, क्या आदत बदल पाओगे। ख्वाब में मैं, जेहन में मैं, हर-शू मुझे हर…
तुम्हें देख फीका लगने लगा माहताब। चुरा लिया तुमने, मेरी नींदें मेरे ख्वाब। शाने पे रख के सर, जुल्फों से खेलना, तुम्हें गले लगाकर जाना,…
कुछ नहीं है मेरे पास, अपना तुम्हें देने के लिए । मन, तो तुम्हारे पास ही है, बेचैन तुमसे मिलने के लिए । दिल, तुम्हारे…
ऊड़ न सकूँ, पंख कतरा मैं परिंदा हूँ। पर मरा नहीं अभी तक, मैं जिंदा हूँ। आजादी तुझे ही नहीं हमें भी है पसंद, तू…
स्याह रात की चादर ओढ़ कर। खुद्दारी की सभी हदें तोड़ कर। निकला हूं गुमनामी में पहचान ढूंढने, शोहरत की सभी ख्वाहिशें छोड़कर। घरौंदा ख्वाब…
तू नहीं तेरी यादें ही सही। बातें कुछ कही, कुछ अनकही। जमाने के साथ तू बदल गई यकिनन, तेरा दीवाना हूँ मैं आज भी वही।
ऐ मेरी किस्मत तू मुझे किस ओर ले जाएगी। सुलझेगी जिंदगी या और उलझती जाएगी। अभी इम्तहान और बाकी है शायद जिंदगी, पता नहीं और…
मोहब्बत का ऐलान, हम आज करते हैं। तुझपे जां कुर्बान, मोहब्बत पे नाज़ करते हैं। उन्हें इल्म है, हमारी मोहब्बत की हद का, जज़्बात से…
गैरों को फुर्सत कहां है, अपना ही अपने को मारता है। कुल्हाड़ी से मिलकर लकड़ी, लकड़ी को ही काटता है।
दोस्ती ईमान है, मजहब है, खुदा है, ना ऐसा कोई रिश्ता, सबसे जुदा है। दोस्ती दवा है, दुआ है, जिंदगी है, डूबते जिंदगी की कश्ती…
प्रकृति की कैसी भयावह दृष्टि। कभी अनावृष्टि, कभी अतिवृष्टि। संजोये सपनों के, मकान ढह गए। जान, सामान संग अरमान बह गए। पानी की तेज रवानी…
कुछ लोग इलाके में अपनी धाक रखते हैं। कुछ लोग दौलत पर अपना हक रखते हैं। ना सियासत, ना वसीयत की चाह हमें ‘देव’, हम…
पपीहे का ज़ुनून देखो, नहीं छोड़ता आस। बारीश की पहली बूंद से ही बुझाता प्यास। चींटी दोगुना बोझ लाद, चढ़ती ऊंचाई पर, गिरती बारम्बार वो,…
मेरे सपने बेशक जरूर बड़े हैं, पर आसमां छूने की चाह नहीं । जमीं पर रह, कुछ ना कर गुजरूं, इतना भी ‘देव’ गुमराह नहीं…
महफ़िल में तेरे आने का पयाम आया है। हर ज़ुबान पर बस तेरा ही नाम आया है। सब कि नज़रें टिकी रही, तेरी ही राह…
महफ़िल में तेरे आने का पयाम आया है। हर ज़ुबान पर बस तेरा ही नाम आया है। सब कि नज़रें टिकी रही, तेरी ही राह…
क्यों चलाते हो तेज गाड़ियाँ, ऐसी तो कोई मजबूरी नहीं । मंजिल तक पहुँचना जरूरी है, जल्दी पहुँचना तो जरूरी नहीं ।। चंद मिनट बचे…
सर्वप्रथम गुरु का स्थान। तत्पश्चात पूज्य हैं भगवान। प्राचीन काल से ही, गुरुओं ने दिए संस्कार। किताबी ज्ञान के साथ, सांसारिक नीति व्यवहार। धर्म-अधर्म का…
साथ मेरे एक तू और तेरा प्यार बाकी है। बाकी सब बेजान चीजें बेकार बाकी है। हालात संग, लोगों के मिजाज बदल गये, टूटा हूँ,…
खुशियों की डंका बजा दिया। इनकी तो लंका ढहा दिया।। हो सकते हैं अपने भी, अब सेब के बागान। डल झील में तैरता, होगा अपना…
खत्म न हो जश्ने-रौनक हँसीन शाम की। आ टकरा लें प्याला और एक जाम की। देखो साकी खाली ना होने पाए पैमाना, ले आओ सारी…
तेरे आने से दिल को करार आया है। तुझे पाकर खुशियां बेशुमार पाया है। मैंने पी नहीं लेकिन, मैं नशे में चूर हूं, मुहब्बत का…
सोचता हूं, मैं पानी होता काश, तुम्हारे प्यासे होठों की बुझाता प्यास। सोचता हूं, मैं हवा होता काश, हर पल अपने स्पर्श का दिलाता एहसास।…
सत्य है नारी, सब पर है भारी। अब मलेरिया को ही देख लो, नर एनाफिलीज की, नहीं है औकात। ये तो है मादा एनाफिलीज की…
खुदा से बढ़ कर खुद कोई, नवाब नहीं होता। उसकी मर्ज़ी के बिना कोई, कामयाब नही होता। खुदा से खौफ खा बंदे, गुनाह करने से…
मैंने ज़ाम से ज़ाम टकराना छोड़ दिया। यारों मैंने पीना – पिलाना छोड़ दिया। खबर जो फैली, कि मैं हो चला बै-रागी, दोस्तों ने महफ़िल…
उन दरख्तों को हमने उखड़ते देखा है। जो तूफान में तन कर खड़े होते हैं। तूफान का झुककर जो सम्मान नहीं करते, वो जमीन पर…
मंज़िल पता नहीं, निकला हूं अंजान सफर में। अमृत ढुंढने निकला हूं , दुनिया भरी ज़हर में। इंसानियत बांध कर सभी ने, रख दी ताक…
देखो फिर किचड़ उछालने का दौर आ चला है। खुद का दामन संभालने का दौर आ चला है। लाख दाग सही, खुद का गिरेबां बेदाग…
छलक जाए पैमाना, मैं जाम नहीं। भले खास ना सही, पर आम नहीं। एक बार गले लगा कर तो देखो, भूला सको मुझे, वो मैं…
तारीफ़ तेरी, नहीं मेरी जुबां करती है । नजरें पढ़ ले, हाले-दिल बयां करती है । इश्क में हूँ तेरे आज भी, जहां जानता है,…
नक़ाब से जो चेहरा, छिपा कर चलती हो। मनचलों से या गर्द से, बचा कर चलती हो। सरका दो फिर, गर जो तुम रुख से…
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की, समस्त महिलाओं को ससम्मान शुभकामनाएँ, छोटी सी रचना के माध्यम से प्रेषित है – नारी में शक्ति है, नारी से भक्ति…
नमन आज़ादी के परवानों का। वंदन क्रांति वीर जवानों का।। भगत, सुखदेव क्रांति वीरों के, इंक़लाब का डंका बजता था। ‘तिलक’ के विचारों का तिलक,…
तुम्हें गुलाब लिखूं या फिर कंवल लिखूं। जी चाहता है तुझ पर एक ग़ज़ल लिखूं। गुल लिखूं, गुलफ़ाम या लिखूं गुलिस्तां, या फिर तुम्हें महकता…
सुकूने-तलाश में भटकते, कई नगर कई गांव मिले। आरज़ू है बस यही, तेरी जुल्फ़ों की छांव मिले। तेरे इंतज़ार में, कई ज़ख्म लिए बैठा मैं…
दुश्मनों का सर्वनाश जवानों ने ठाना है। नेस्तेनाबूत आतंकियों का ठिकाना है।। क्या सोचा, कुछ भी कर बच निकलोगे, घर में घुसकर मारना आदत पुराना…
हम वह नशा हैं, जो कहीं बिकते नहीं। जिसे लत लग जाए तो फिर छुटते नहीं। कीमत मेरी तो फकत प्यार ही है दोस्तों, लगा…
कब कोई सिपाही ज़ंग चाहता है। वो भी परिवार का संग चाहता है। पर बात हो वतन के हिफाजत की, न्यौछावर, अंग-प्रत्यंग चाहता है। पहल…
“पुलवामा शहीदों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजली” पीठ पे वार करना, तुम्हारी पुरानी कुनीति है। आमने – सामने की रण, तुमने कब जीती है। कायरता के प्रमाण…
फिज़ा में खुशबू, पहचानी सी है। छिपी कहां, मुझमें तू सानी सी है। ढूंढे उसे जो खुद से अलग हो , मैं जिस्म और तू…
कोई ज़मीं बेचता, कोई आसमां बेचता । दौलत के नशे में चूर, ये ज़हां बेचता । कब परवान चढ़ा, मोहब्बत मुफ्लिशी का, दौलत मोहब्बत का…
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