कस्तूरी मृग
कस्तूरी अपनी नाभि में रख मृग, सुगंध के पीछे भागती सारे वन में। काम, मोह, माया के पीछे भाग, व्यर्थ समय ना गंवाओ जीवन में।…
कस्तूरी अपनी नाभि में रख मृग, सुगंध के पीछे भागती सारे वन में। काम, मोह, माया के पीछे भाग, व्यर्थ समय ना गंवाओ जीवन में।…
अभी उम्र ही क्या थी, वक्त ने बांधे घुंघरू पांव में। अभी बचपन पूरा बीता नहीं, मां की आंचल के छांव में। हुई अवसर मौकापरस्तों…
एक दीप जवानों के नाम, जो सरहद पर खड़े हैं। एक दीप शहीदों के नाम, जो हमारे लिए लड़े हैं। इनके हिस्से कोई पर्व, खुशियाँ…
गुजर कभी मुफ़लिसों की बस्ती में। मिल कर हर खुशी मनाते मस्ती में। जरूरतें पूरी होने से बस मतलब इन्हें, क्या रखा दिखावे की महंगी…
जख्म हरा रहता हरदम नहीं। वक़्त से बड़ा कोई मरहम नहीं। जिस्मानी घाव तो भर जाते हैं, मिटता दिल पर लगा जख्म नहीं। देवेश साखरे…
रौशनी की किरण आई नजर, कभी तो आएगी नई सहर । कभी तो गम का अंधेरा हटेगा, कभी तो आएगी खुशियों की लहर । स्याह…
गुज़रा ज़माना याद दिलाता है ख़त। अब बीता ज़माना कहलाता है ख़त। रूठे को मनाना, हाले-दिल बताना, अपनों को अपना बनाता है ख़त। ना हुई…
दोस्ती ऐसा, जैसे खुदा की परस्तिश। दोस्ती में है, बेइंतिहा प्यार की कशिश। दोस्तों की दोस्ती पे है कुर्बान ये जान, हमें अज़ीज़ हैं, अपने…
जो तू सीने से लगा ले । मय की तलब भूला दे । खुमारी कम नहीं मय से, लबों से जाम पिला दे । यूँ…
हर पल आँखों में रहती तेरी तस्वीर है। माने या ना माने, तू ही मेरी तकदीर है। गर बन जाओ तुम, मेरी सदा के लिये,…
मां तुझ से है मेरी यही इल्तज़ा। तेरी खिदमत में निकले मेरी जां। तेरे कदमों में दुश्मनों का सर होगा, गुस्ताख़ी की उनको देंगे ऐसी…
मेरे महबूब के हुस्न की जो बात है। चौदहवीं के चांद तेरी क्या बिसात है।। चांद भी देख गश खाएगा, मेरे महबूब को देख शर्माएगा।…
उम्र भर पिता ने जो, पाई पाई रखा था सहेज। बिटिया के ब्याह में, आज वह दे दिया दहेज।। ब्याह में लिए कर्ज का चुका…
किसी को इश्क का नशा, किसी को रश्क का नशा। किसी को शय का नशा, किसी को मय का नशा। किसी को दौलत का नशा,…
जब भूलना ही था तो अपना बनाया क्यों। भटके को सही राह, तुमने दिखाया क्यों। तन्हा हम कैसे भी हो, जी ही तो रहे थे,…
ऐ चाँद तू आज भाव खाना नहीं। मेरे चाँद को तू आज सताना नहीं। बैठी पलकें बिछाए, तेरा दीदार हो जाए, तेरे इंतज़ार की घड़ी…
दुनिया में ‘चेहरे पर चेहरा चढ़ाए’ हुए लोग। ‘मुंह में राम बगल में छुरा’ छिपाए हुए लोग। ‘अपने मुंह मियां मिट्ठू’ बनते हुए देखे हैं,…
दिल रोया, आंखों ने अश्क बहाया तेरी याद में। रौशनी भाती नहीं, चराग़ बुझाया तेरी याद में। तस्वीर बातें करती नहीं, अब जी भरता नहीं,…
रौशनी में अक्स दिखा, लगा तुम आए। हर एक आहट पर ऐसा लगा तुम आए। इंतज़ारे-बेक़रारी बढ़ती गई, साँसे घटती गई, हर एक सदा पर…
ये विलासिता, वैभवता व भौतिकता की पराकाष्ठा। ये क्षणिक सुविधाएं प्राप्त होती, करने से थोड़ी चेष्टा। परंतु छू सकते हैं, गगन की ऊंचाई मात्र ही…
गुलाब सी हो जिंदगी तुम्हारी, जो काँटों के बीच भी हँसीन हो। हर कदम हो तुम्हारा फ़तह का, हर पल जिंदगी बेहतरीन हो। देवेश साखरे…
बिस्तर की सलवटें, शबे-हाल बयां करती है। भीगा सिरहाना, हिज़्रे-मलाल बयां करती है। बेशक लाख छुपाओ, ग़मे-जुदाई का दर्द लेकिन, बेरंग सा चेहरा, बेनूर हुस्नो-जमाल…
बेक़रारी का आलम है, दीवाने की मानिंद। ना सहरे-सकूँ मिलता, ना आती शबे-नींद। तेरी आँखों से पिया करते थे जामे-शराब, तेरी जुदाई में अब कहीं,…
ज़ुल्फ तुम्हारा, जैसे काली घटा हो। चाँद के रुख़्सार से, इसे तुम हटा दो। बिखरने दो चाँदनी हुस्नो-जमाल की, इसपे जैसे कोई चकोर मर मिटा…
कल भी वही दौर था, आज भी वही दौर है । पन्ने पलट लो, इतिहास गवाह बतौर है । तख्तो-ताज लूट गये । राजे-महराजे मिट…
शब्द-शब्द पिरोकर, कविता की माला बनाऊं तुम्हारे लिए। माला के हर मनके में, मन के मनोभाव सजाऊं तुम्हारे लिए। लहराते उजले दामन में, प्रेम का…
नन्हा सा बेटा बोला, लिपट कर मेरे पैर। आज ले चलोगे पापा, संग अपने सैर। कब जाते हो, कब आते हो, पता ही नहीं चलता,…
तुम्हारे सुर्ख लबो में वो कशिश है, जो किसी शराब में नहीं। तुम्हारे तन कि वो मदहोश खुशबू है, जो किसी गुलाब में नहीं। तुम्हारे…
इश्के-फ़साना हमारा, मशहूर जमाने में। हमारी मोहब्बत पाक है, सही माने में। सीने में दिल तेरे नाम से ही धड़कता है, दिलो-जाँ कुर्बान, क्या रखा…
सभी को विजयादशमी की शुभकामनाएं नि:संदेह मेरा दहन किया जाए। परंतु केवल वो ही समक्ष आए। जिसमें न हो रत्ती भर अहंकार। जिसने न किया…
क्यों है ये जात-पात की ऊंची दीवार। धर्म के नाम पर हर कोई लड़ने को तैयार। सब एक ही तो है, ये हवा जिसमें हम…
एक दिन मैंने पुत्र से कहा, बेटा, तू मेरा हमसूरत है, तू ही मेरी ज़रूरत है। छोड़ अकेले मुझे जाना नहीं, खून के आंसू मुझे…
वो जिंदगी बेमानी, जिसमें कोई रवानी ना हो। किस काम की जवानी, जिसकी कहानी ना हो। मैंने भी मोहब्बत किया है, हाँ बेहद किया है,…
बचपन का आंगन कहीं छूट गया । पुराना मकान था जो टूट गया ।। ऊँची इमारतें खड़ी वहाँ, सैकड़ों परिवारों का बसेरा है । चारदीवारी…
यूं तो हंसीनों की कमी नहीं तेरे शहर में। एक तुझ पे ही दिल आया पहली नज़र में। और कोई नजर आता नहीं, एक तेरे…
ये रंगे – बहारा, ये हँसीन नजारा। खुदा ने तुझको, फुर्सत से संवारा। ना मैंने सुना कुछ, ना तुने पुकारा, समझते हैं तेरी, नजरों का…
“शास्त्री जी” को अवतरण दिवस पर शत शत नमन शास्त्री जी का नारा था ‘जय जवान’ ना होली दिवाली, ना ईद रमजान। एक ही जश्न,…
मैं तो खुली किताब हूँ, यूँ भी कभी पढ़ा करो। अच्छा लगता है, बेवजह भी कभी लड़ा करो। मेरे कदम तेरी ओर उठते, तुझपे ही…
साम दाम दण्ड भेद से मुकाम तो पा लोगे। पर आईने में खुद से, क्या नजरें मिला लोगे? काबिलियत कितनी है, गिरेबां में झाँक लो,…
गांधी जी पर कविता तो हर कोई रचते हैं। आओ बापू के विचारों पर चर्चा करते हैं। बापू ने कहा था बुरा मत देखो। मैं…
सागर किनारे रेत पर फेरी उँगलियाँ, देखा जो गौर से बन गई तस्वीर तेरी। ख्वाब से हकीकत में ले आई मुझे, एक लहर बहा ले…
ये जिंदगी भी कैसे करवट बदलती है । इस करवट खुशी, दूसरे गम मिलती है। रेत की मानिंद हो गई हसरतें सारी, जितना समेटो, मुठ्ठी…
तुम अवचेतन मन की चेतना। तुम विरह की मधुर वेदना। तुम इच्छित फल की साधना। तुम ईश्वर की आराधना। तुम सुंदर अदृश्य सपना। तुम साकार…
ऐसे भी रफ़ीक़ जो कयामत ढाते हैं। दावत देकर वो अदावत निभाते हैं। जान बनाकर जान लेने की कोशिश की, ज़ख्मों का सेज देकर अयादत…
जब रूबरू हों। तो गुफ्तगु हो। एक मैं रहूँ, और एक तू हो। कुछ अनकही बातें, आँखों से सुन लूं। फोन पर बातें मुझे भाती…
रुह जिसकी बिक चुकी है, दिल के जज्बात वो क्या जाने। इंसानियत भी जो बेच चुका, गम की बात वो क्या जाने। खुशियों का लुटेरा…
बेशक दौलत बेशुमार नहीं कमाया है। मगर मेरे सर पर, बुजुर्गों का साया है। ज़हां की दौलत कम है, मेरे खजाने से, दुआओं का खजाना,…
ये दुनिया बनता एक अखाड़ा है। हर कोई लिए हथियार खड़ा है।। कभी मजहब के नाम फसाद। तो कभी सबब ज़मीं जायदाद। हर एक, दूसरे…
देर मिलता है, पर मिलता जरूर है। किस्मत पे अपने, इतना तो गुरूर है। खामोशी मेरी, लगने लगी कमजोरी, रहम दिल हूं, बस इतना कुसूर…
कम्बख़त तसव्वुर तेरी की जाती नहीं है। भरी महफिल भी मुझे अब भाती नहीं है। जिंदगी तो अब बेसुर-ताल सी होने लगी, नया तराना भी…
Please confirm you want to block this member.
You will no longer be able to:
Please note: This action will also remove this member from your connections and send a report to the site admin. Please allow a few minutes for this process to complete.