सरमाए

कभी इस तरफ देख लिया करो हम कभी तुम्हारे सरमाए थे हर ग्येर से बात करते हो हम तोह तुम्हारे अपने थे

मोहलत

थोड़ी मोहलत मांगता हु रब बस एक बार उनका दीदार हो जाए फासले जो फैसलों की वजह से थे बस उस पर सुलह हो जाए…

ज़िन्दगी

हम भी बेसुध से तेरे बेवफाई से जीना छोड़ दिये थे बताना भूल नहीं की कोई साथ नहीं थे तब सिर्फ गिने चुने छोड़ तुम…

कलम

कलम और पेन से अभी नाता कब का छूट चुका है अभी ज़माना ईमेल और मोबाइल का है छोटे उन पन्नो में अपनी भावनाएं सारी…

समंतराल

ना दर्द है ना धूप है यह कैसी दुनिया लगे बेदर्द है हा खुश हूं मैं हा बेसुध हु मै अपने दुनिया मे बेशक सफल…

वफाई

मेरी तब भी नहीं चली थी मेरी अब भी नहीं चली है चारो तरफ बेबसी और लाचारी है ए खुदा तूने भी क्या बाकियों की…

घर बंदी

कोई सोचता है की आज पनीर कल गोभी की सब्जी खाऊंगा कोई सोचता है की कल परिवार का पालन कैसे करूँ कोई कहता है हैंड…

ख़ुदा

सब को बाट रहा है खुशियां खुदा एक मेरा ही घर सुना रह गया ऐसी बेरुखी क्यों जवाब सबको नहीं मिलता इस लिए तोह सिर्फ़…

उम्रे

हमने उम्रे गुज़ार दी तेरे इंतेज़ार पर तुझे आती है क्या याद कभी मेरे प्यार पर हमने फासले मिटा तेरे ऐतबार पर पर तुझसे एक…

ज़िन्दगी

हम चुप और अकेले रहते है इसका मतलब यह नहीं हम दुखी है हमने अक्सर लोगों से घिरे हुए को अंदर हीअंदर घुटते देखा है

आयत

मेरी आयत है तू जितना पढ़ू उतना खो जाता हूँ काश इतनी सिद्दत से पढ़ा होता तोह अव्वल आ जाते

विप्लब

जनता के बारूद को आग से मत ललकार शमा को बुझने ना देंगे ज़ुल्मी रात जितनी भी कोहराम मचाए माना विपक्ष धनवान बलवान है पर…

बाज़ार

मल्टीनेशनल कंपनियों के लालच से बचों भाइयों यह बे ज़रुरत की चीज़ों से आपका घर भड़ देंगे लोन और क्रेडिट कार्ड की लालच से बचों…

नज़्म

नज़्म थी तेरी बरसात वाली अब तोह इंतेज़ार में उसी नज़्म का सहारा है फासले बन गए उन नज़दीकियों में अब तोह याद में उसी…

रास्ते

तूने चुना है वो रास्ता जो तेरे लिए बना है पर कभी किसी मोड़ मे मुलाकात हो तोह मुस्कुराना तोह बनता है आखिर कभी वादे…

नील कंठ

नीले रंग से यह कैसा खुमार नील कंठ तुझसे यह कैसा प्यार आदी योगी शिव शम्भू भांग धतूरा से सज्जित तुझपे यह जान समर्पित नंदी…

खुदा

तुझसे सवाल बहुत लोग करते है पर किस की फ़रियाद कबूल होती है उसका पता नहीं जब टूट के बिखर रहा था तब तू कहा…

रिस्ता

तेरा मेरा रिस्ता हैं क्या अपनो सा किस्सा है क्या क्यों इतना अपना सा लगता है तू अनजान शहर में इतना अपना सा लगता है…

खुदा

फरियाद कबूल ना हो तोह क्या तेरे होने पे तेरे वचनों से सवाल उठाना चाहिए बचपन से ही सिखा है समझना रटने से बेहतर है…

आज़ादी

तुमको यह आज़ादी मुबारक हो हमे तोह तेरे प्यार ने गुलाम बना रखा है कहने पे हम आज़ाद है पर तेरे जुदाई के डर ने…

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