“प्रतिभाओं का धनी”

???????? ————————- प्रतिभाओं का धनी ————————— सत्य-बोध के मूल-बीज को प्रकृति ने स्वयं निखारा है प्रतिभाओं का धनी आदि से भारत-वर्ष हमारा है श्वर-व्यञ्जन को…

“मानव”

मानव ^^^^^^ अहंकार का पुतला बन जा तज दे भली-भला, अरे क्या करता है मानव होकर सत्य की राह चला | तू मानव रहकर क्या…

कूटनीति

कूटनीति… राजनीति वट वृक्छ दबा है घात क़ुरीति की झाड़ी मे धूप-पुनीति को अम्बु-सुनीति को तरसे आँगन-बाड़ी ये कूटनीति सा कोई चोचला मध्य हमारे क्युं…

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