कल फिर शाम आई
कल फिर शाम आई और चली गयी , कुछ दूर वो झिलमिलाई चली गयी . नींद से अपना तो कोई वास्ता न था , बस…
कल फिर शाम आई और चली गयी , कुछ दूर वो झिलमिलाई चली गयी . नींद से अपना तो कोई वास्ता न था , बस…
जिंदगी बीत जाती है किसी को चाह कर कैसे? कोई बतलाये तो मुझको मैं जीना भूल बैठा हूँ… अदा भी तुम ,कज़ा भी तुम ,मेरे…
यहाँ हर शख्स है तेरा, वहां हर कब्र है मेरी, जहाँ कैसा बनाया है खुद ने क्या इरादा था? अब तो हालात भी मुझसे मिचौली…
तेरी चाहत में इतना मैं पराया हो गया खुद से , कि दिल मेरा है फिर भी बात करता है सदा तेरी.. कभी वो चांदनी…
खड़ी है जिंदगी फिर पूछती घर का पता क्या है, मुझे याद नहीं है मीर तू ही जाकर बता क्या है.. बड़ी मुश्किल है बेचारी…
हो गयी मुद्दत तुम्हारे सामने आया ही नहीं , है मगर सच ये कभी तुमने बुलाया ही नहीं. अब तो सांसो पर मेरे पहरा तुम्हारा…
मोहब्बत के सवालों से मैं अक्सर अब मुकर जाता , कहीं बातो ही बातों में मैं कुछ कहकर ठहर जाता.. कि तेरा नाम भूले से…
मोहब्बत में हारे, क़यामत में हारे की ये ज़िंदगी हम शराफत में हारे.. न कोई है अपना ,न कोई पराया, अब जियें किसलिए और किसके…
अगर तुम बन गयी दीपक तुम्हारी लौ बनूँगा मैं, नदी के शोर में शायद तुम्हारी धुन सुनूंगा मैं. तुम्हारी याद में अक्सर यहाँ आंसू टपक…
वो मंज़र याद है तुमको ,जुदा हम तुम हुए थे जब, समंदर याद है तुमको जहाँ पत्थर चलाया था.. कभी जब याद आ जाये ,ज़रा…
छुपा है चाँद बदली में ,अमावस आ गयी है क्या? नहीं देखा कभी जिसको वही शर्मा गयी है क्या? मिलन की रात में ये घुप्प…
आज हम भी है मेहमान तेरे शहर में, दिखता नहीं मकान तेरे शहर में. ग़ुम हो गयी है शाम की मस्ती भी अब यहाँ, ग़ुम…
मोहब्बत का वह दौर था , दिखता नहीं कुछ और था .. बस हमारे प्यार का सारे जहां में शोर था, उसने चुराया दिल …
तू ही दौलत मेरे दिल कि तू ही मेरा खज़ाना है, मेरे दिल में मेरे साक़ी तेरा ही गुनगुनाना है. चलो अब देखते है फिर…
आज फिर जी भर के मुझको पिलाओ यारो, मैं तो झूमा हूँ, मुझे और झुमाओ यारो.. आज इतनी पिलाओ कि फिर होश न रहे, अब…
मेरे जीवन की पुस्तक को है पढ़ पाना बड़ा मुश्किल , कि इसमें दुःख है पीड़ा है सुख पाना बड़ा मुश्किल . ये पुस्तक आज…
मुझे अब भी हवाओं में तुम्हे सुनने की आदत है , मुझे अब भी निशाओं में तुम्हे चुनने की आदत है .. मैं अब भी…
चन्दन मेरा वजूद है लिपटे हुए हैं सांप , बेबस की ये दवा है क्या मीर किया जाये …. गुलजार करने आया था वो बागबान…
फिर मुझको मेरा घर याद आया . अकेला था मेरा मन जब , न था कोई भी जब साया . फिर मुझको ….. मैं खाने…
दबी जबान में चलो आज बात हो जाये , आँखों ही आँखों में अब मुलाकात हो जाये जज्बातों में अब आबरू बची भी रहे ,…
दिल की बातें पु६कर पहुंची जहाँ दिलबर मेरा , राह में एक अजनबी ने सुन लिया वो रो पड़ा … …atr
आज फिर याद में उनके आँशू बहे ,वो सलामत रहे ,हम रहें न रहें . अब तो दिन रात रहती है आँखे सज़ल ,अब तो…
अब तो उनके घर से सदायें आती हैं ,जो कभी मेरे न थे उनकी भी दुआएं आती हैं … सुना है उन मकानों में हज़ारो…
न मैं उसके जैसा हूँ ,न मैं तेरे जैसा हूँ , जो देखेगा मुझे जैसा ,यहाँ मैं उसके जैसा हूँ.. न मेरी जाति है कोई…
आज फिर कोई रो रहा है… फिर कहीं किसी किसी गली से आवाज़ आ रही है, फिर आज कोई बैठा समंदर पिरो रहा है.. आज…
आँखों से झरते आंसू ने थमकर पूछा आखिर सजा क्यों मिली मुझे ख़ुदकुशी की? दिल रो पड़ा पुराना जखम फिर हरा हुआ, कहा, गुनाह उसी…
सफर शुरू हुआ है मगर मंज़िलें नज़दीक है… ज़िंदगी जब जंगलोके बीच से गुजरे, कही किसी शेर की आहट सुनाई दे, जब रात हो घुप्प…
हथियार न बन्दूक न तलवार चाहिए , इंसान से इंसान का बस प्यार चाहिए. है बंद गुलिस्ता ये मुद्दतो से मीर, इस में फकत गुल…
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