मुखौटा

मुखौटे के पीछे चेहरा छुपाया करते हैं,
झूठ बोलने वाले सच गुमाया करते हैं,

गुमराह करने की चाहत में आईने को,
ऑंखें आँखों से अक्सर चुराया करते हैं,

दिन के उजाले में सच हुआ नहीं करते,
रातों में वो ख्वाबों को बुलाया करते हैं।।

राही अंजाना

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