”बदलती राजनीति”
बदलते राजनीति से मेरी कलम भी मज़बूर हुईं।।
ना चाहते हुए भी मेरे विचारों में शामिल हुई।।
राजनीति बदल रही है..
हर आँख में मटक रही है..
सपने सिंहासन के दिखा रही है।
सच झुठ की खिचड़ी में..
मसालों का मुआयना कर रही है।
राजनीति बदल रही है।
हर कोई शामिल है
जीत की दौड़ में,
सम्भलो ए सिंहासन के महारथी
तुम्हारी हर चाल पे नजर रखी है।
राजनीति बदल रही है।
बदलाव की तस्वीर लिए
गली, मोहल्ले घूम रही है।
खेल ना खेलो तुम.
ये भारत की राजनीति है।
तेरे हर वादे का हिसाब रखती है।
राजनीति बदल रही है।
छोड़ पूरानी रित…
नये पैंतरे अपना रही है।
आकर चुनावी अखाड़े में
तुझे आज़मा रही है।
लोकतंत्र की नींव पर
राजतिलक कर रही है।
राजनीति बदल रही है।
हर आँखें में मटक रही है।
#देवी
समसामयिक चित्रण
आभार dev जी
सही कहा
☺
Good
🙏
वाह बहुत सुंदर
धन्यवाद सर
Wah bhot khub. Mem
धन्यवाद प्रिया जी 🙏