निगरानी
पत्थरों की नगरानी में शीशे के दिल रख दिए,
इस नज़्म ऐ जवानी में ये किसने कदम रख दिए,
मशहूर अँधेरे बाज़ार में जो मोल लग चुका था मेरा,
इस ज़ख्म ऐ निशानी में ये किसने मरहम रख दिए,
आहिस्ता-आहिस्ता किसी ख़्वाब की आगोश में जाने से पहले,
इस जश्न ऐ कहानी में ये किसने भरम रख दिए,
दवा और दुआ के दर छोड़ कर तेरी राह में “राही”,
इस जिस्म ऐ रूहानी में ये फूल किसने नरम रख दिए॥
राही (अंजाना)
राही (अंजाना)
Nice
धन्यवाद
Good