Categories: मुक्तक
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
मुक्तक
मेरे दर्द को तेरा अफ़साना याद है। मेरे ज़ख़्म को तेरा ठुक़राना याद है। ख़ींच लेती है तलब मुझको पैमाने की- हर शाम साक़ी को…
गांव आना चाहता हूं
बाबा मैं वापस गांव आना चाहता हूं। उस घर में जहां से आधुनिकता की आंधी ना गुजरी हो अभी तक, वहां मिट्टी के चूल्हे की…
ख़ुदा बंदे से
यह ज़िंदगी दी है तुझे, कुछ कर आने के लिए मेरी इस दुनीया को, कुछ और सजाने के लिए यह ज़िंदगी दी है तुझे, जीने…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
Waah
बेहतरीन सर
वाह बहुत सुंदर
Good