वो दिन

बचपन के वो खेल, वो झूले,
हंसी ठिठोली ,हम न भूले
वो रूठना और मनाना,
और मिलजुलकर हर ख़ुशी मनाना

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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