Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
राम, राम, राम तु रटते जा
राम, राम, राम तु रटते जा मन से मन की विकार तु हटाये जा राम से ही जन्मों का पाप धुलता राम से ही राम…
राम बन जा आज तू
ओ युवा!! भारत के मेरे, राम बन जा आज तू, खुद हरा भीतर का रावण, धर्म धनु ले हाथ तू। बढ़ रहे हैं नित दशानन…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
विजयादशमी हम मनाते है
विजयादशमी हम मनाते है पर अपने अंदर के रावण को कहाँ जलाते है ? कटाक्ष कर रही है भगवान श्री राम की सच्चाई और निष्ठा…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-3
रामायण में जिक्र आता है कि रावण के साथ युद्ध शुरू होने से पहले प्रभु श्रीराम ने उसके पास अपना दूत भेजा ताकि शांति स्थापित…
Waah
आपका अभार
Waah
धऩ्यवाद नेहा जी
बहुत बेहतरीन