Categories: शेर-ओ-शायरी
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हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
आँखों को इंतज़ार की आदत नहीं रही
आँखों को इंतज़ार की आदत नहीं रही अच्छा हुआ के प्यार की आदत नहीं रही मिलती नहीं किसी से तबियत हमारी अब हमको किसी भी…
लेख:- ब्राण्डेड बुखार
लेख:- ‘ब्राण्डेड बुखार’ आजकल हर व्यक्ति अपने निजी काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करने मे विश्वास रखता है। सबसे ज्यादा ध्यान तो इस…
चाहिए सब कुछ जुबाएँ ना साथ देती ।।
सब कुछ चाहिए जुबाएँ ना साथ देती, जब आती है रिश्ते शादी की जुबाएँ पर मिठास होती, देख अच्छे से ऐसी — वैसी बात होती–…
गर वाबस्ता हो
गर वाबस्ता हो जाता रूहे-अहसास से जमाना न कोई शायरी होती न कोई ग़ज़ल होती गर वफ़ा करने की आदत होती जहाँ में न कोई…
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