Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
हम वो पागल प्रेमी हैं जो मातृभूमि पर मरते हैं ।
न पायल पर, न काजल पर न पुष्प वेणी पर मरते हैं हम वो पागल प्रेमी हैं जो मातृभूमि पर मरते हैं । सियाचिन की…
बिछडने के ख्याल से हम आपसे मिलने से डरते है
बिछडने के ख्याल से हम आपसे मिलने से डरते है मगर कैसे बताएं हम किस कदर तनहा मरते है देख न ले वो हमें,…
मैं छत्तीसगढ़ बोल रहा हूँ
मै चंदुलाल का तन हूँ। मैं खुब चंद का मन हूँ। मैं गुरु घांसी का धर्मक्षेत्र हूँ। मैं मिनी माता का कर्म क्षेत्र हूँ।। मैं…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
Kya baat h
Bahut Bahut Dhanyawad 🙂
वाह
अति सुन्दर